खरगोन: रामनमवी के त्योहार पर मध्य प्रदेश के खरगोन में दो समुदायों ने बीच हिंसक झड़प के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सीधे-सीधे मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया है।
राज्य के गृहमंत्री ने कहा कि रविवार को रामनवमी जुलूस के दौरान फैसी हिंसा के लिए के मुसलमान जवाबदेह हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों ने न केवल जुलूस पर पत्थरबाजी की बल्कि वो हिंसा और दंगा करना चाहते थे।
समाचार चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पुलिस दंगाईयों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कड़ा एक्शन ले रही है।
वहीं हिंसा आरोपियों को घरों के बुलडोजर से गिराये जाने के फैसले का बचाव करते हुए मिश्रा ने कहा कि भगवान राम के पवित्र जुलूस पर पथराव करने जैसे घृणित कार्य किया है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मुस्लिम समुदाय पर दंगा करने का आरोप लगाते हुए कहा, "अगर मुसलमान हमला करते हैं तो उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।"
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच की जा रही है और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दंगाइयों और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
दरअसल कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने खरगोन हिंसा के बाद ट्विटर पर एक तस्वीर को साझा करते हुए उसे खरगोन हिंसा की बताया थे लेकिन बाद में सिंह ने उस ट्वीट को हटा दिया क्योंकि वो तस्वीर खरगोन की नहीं बल्कि बिहार की थी।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर उस समय पथराव की घटना हुई, जब जुलूस एक मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रहा था। जुलूस में शामिल लोगों का आरोप है कि कुछ अल्पसंख्यक युवाओं ने बिना किसी कारण के अचानक पथराव शरू कर दिया, वहीं अल्पसंख्यक समुदाय का कहना है कि जुलूस के साथ चल रहे युवा आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे और विवादित नारे लगा रहे थे।
वहीं इस घटना के संबंध में पुलिस का कहना है कि लाउडस्पीकर से भक्ति-भजन बजाते हुए जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से जा रहा था तभी अचानक जुलूस पर पथराव शुरू हो गया। हिंसा की स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने पथराव कर रहे लोगों पर आंसू गैस के गोले छोड़े।
इस घटना में खरगोन के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी समेत दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं हिंसा के बाद भीड़ ने चार घरों में आग लगा दी और एक मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई।
घटना के संबंध में हुए अब की कार्रवाई के बारे में बात करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "मामले में अब कुल 94 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गोली लगने से घायल हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी की हालत अब बेहतर हैं। वहीं गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर जीवन और मौत के बीच संघर्ष करने वाले लड़के की हालत पहले से बेहतर है।"
जब मंत्री नरोत्तम मिश्रा से पूछा गया कि प्रशासन ने किस कानूनी प्रक्रिया के तहत हिंसा आरोपियों के करीब 45 घरों और दुकानों को बुलडोजर से गिरा दिया।
इसके जवाब में मिश्रा ने कहा, "पुलिस ने उन्हीं दंगाइयों के घरों को बुलडोजर से गिराया, जिन्हें कैमरे में पत्थर फेंकते हुए देखा गया था। हम महज आरोप के आधार पर एक्शन नहीं ले रहे हैं। सभी उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और उन्हें जेल भी भेजा जा रहा है।”