मध्य प्रदेश: सागर कलेक्टर दीपक आर्य के खिलाफ हाईकोर्ट ने जांच के दिए आदेश, ठेकेदार और कारोबारियों से गिफ्ट लेने का आदेश

By मुकेश मिश्रा | Updated: June 12, 2023 20:32 IST2023-06-12T20:30:06+5:302023-06-12T20:32:01+5:30

बालाघाट की लांजी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। उन्होंने बताया कि दीपक आर्य आईएएस जब बालाघाट जिले के कलेक्टर थे तब उन्होंने कई कारोबारियों और ठेकेदारों से महंगे गिफ्ट लिए थे।

Madhya Pradesh High Court orders inquiry against Sagar Collector Deepak Arya | मध्य प्रदेश: सागर कलेक्टर दीपक आर्य के खिलाफ हाईकोर्ट ने जांच के दिए आदेश, ठेकेदार और कारोबारियों से गिफ्ट लेने का आदेश

मध्य प्रदेश: सागर कलेक्टर दीपक आर्य के खिलाफ हाईकोर्ट ने जांच के दिए आदेश, ठेकेदार और कारोबारियों से गिफ्ट लेने का आदेश

Highlightsबालाघाट की लांजी विधानसभा क्षेत्र से सपा के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कीआरोप है कि IAS जब बालाघाट जिले के कलेक्टर थे तब उन्होंने कई कारोबारियों और ठेकेदारों से महंगे गिफ्ट लिए

भोपाल: मध्य प्रदेश में सागर कलेक्टर के पद पर पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दीपक आर्य के खिलाफ जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश शासन को अंतिम अवसर दिया है।

कलेक्टर पर ठेकेदार और कारोबारियों से गिफ्ट लेने का आरोप

बालाघाट की लांजी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। उन्होंने बताया कि दीपक आर्य आईएएस जब बालाघाट जिले के कलेक्टर थे तब उन्होंने कई कारोबारियों और ठेकेदारों से महंगे गिफ्ट लिए थे। कुछ स्वयं लिए थे और कुछ अपने परिजनों के नाम पर लिए थे। 

उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार से शिकायत की थी। केंद्र सरकार ने मामले की जांच करने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया था, लेकिन राज्य सरकार ने दीपक आर्य आईएएस के खिलाफ शिकायत की जांच बालाघाट कलेक्टर को सौंप दी, जबकि आर्य स्वयं बालाघाट कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। यानी दीपक आर्य को स्वयं की जांच करने के लिए अधिकृत कर दिया गया। 

मुख्य सचिव ने कार्रवाई नहीं की

बालाघाट कलेक्टर के पद पर पदस्थ दीपक आर्य ने भी, आदेश का पालन करते हुए अपने खिलाफ जांच की और स्वयं को निर्दोष बता दिया। किशोर समरीते ने बताया कि, उन्होंने फिर केंद्र सरकार को शिकायत की। केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव को कार्यवाही करने के निर्देश दिए परंतु मुख्य सचिव ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मामला हाईकोर्ट में पहुंचा।

हाईकोर्ट ने जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे

हाई कोर्ट ने जनवरी 2022 को अपने आदेश में कहा था कि नियमानुसार जिस अधिकारी पर आरोप लगे है, उसकी जांच वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए शिकायत की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के आदेश जारी किये थे। शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी पर तथा गलत पाये जाने पर याचिकाकर्ता के खिलाफ विधि अनुसार कार्यवाही के आदेश भी हाई कोर्ट ने पारित किये थे।

हाईकोर्ट में अवमानना याचिका

हाई कोर्ट के आदेश बावजूद भी जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित नहीं किये जाने के कारण उक्त अवमानना याचिका दायर की है। याचिका पर गुरूवार को हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उच्च स्तरीय जांच के लिए सरकार को अंतिम अवसर प्रदान किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिवेन्द्र पांडे ने पक्ष रखा।

Web Title: Madhya Pradesh High Court orders inquiry against Sagar Collector Deepak Arya

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Madhya Pradesh High Court