मध्य प्रदेश चुनावः कांग्रेस के न बदले चेहरे और न बदली चाल, पुराने प्रत्याशियों पर जताया भरोसा
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 5, 2018 12:51 PM2018-11-05T12:51:37+5:302018-11-05T12:51:37+5:30
कांग्रेस की पहली सूची में राज्य के पुराने दिग्गजों मसलन कमलनाथ दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अजय सिंह के परिवारों और गुटों को प्राथमिकता दी गई।
कांग्रेस ने शनिवार की देर रात अपनी पहली सूची जारी कर दी है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के द्वारा जारी की गई इस सूची में 155 नाम हैं। सूची जारी होने के पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम तय करने में राहुल गांधी और कमलनाथ के द्वारा करवाये गए सर्वे को ध्यान में रखा जाएगा। इसके साथ कहा गया था टिकट देने में मैदानी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिलेगी।लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिला। कांग्रेस द्बारा जारी की गई पहली सूची में गुटों को साधने के साथ ही पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है।
कांग्रेस की पहली सूची में राज्य के पुराने दिग्गजों मसलन कमलनाथ दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अजय सिंह के परिवारों और गुटों को प्राथमिकता दी गई। माना जा रहा है कि कमलनाथ समर्थकों को 32, दिग्विजय समर्थकों को 31 और अजय सिंह समर्थकों को 17 टिकट मिले हैं। जातिगत आधार पर कांग्रेस ने ठाकुरों को 28 और ब्राह्मणों को 24 टिकट दिए हैं। इसके साथ ही दो मुस्लिम प्रतयाशियों को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है इनमें उत्तर भोपाल से आरिफ अकील और बुरहानपुर से हमीद काजी शामिल हैं।
हमीद काजी इसके पहले एनसीपी से भी बुरहानपुर से चुनाव जीत चुके हैं। इसी तरह जयश से समझौते के बात चीत के बीच उसके मुखिया डाक्टर हीरा लाल अलावा को कांग्रेस ने मनावर से अपना प्रत्याशी बनाया है वैसे वे खुद कुक्षी से चुनाव लड़ना चाह रहे थे। कुक्षी कांग्रेस का जनजातिय क्षेत्र में सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। यहां से सुरेन्द्र सिंह बघेल को मैदान में उतारा है। इस सूची में एक उल्लेखनीय नाम पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का है। उन्हें कांग्रेस ने भोजपुर से प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को उनके परंपारिक क्षेत्र चुरहट से ही प्रत्याशी बनाया गया है।
कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में दिग्विजय सिंह के बेटे भाई और भतीजे को टिकट दिया है। उनके बेटे जयवर्धन सिंह को राघौगढ़, भाई लक्ष्मण सिंह को चांचौडा और सिंह के भतीजे प्रियव्रत सिंह को खिलचीपुर से टिकट दिया गया हैं। उनको पड़ोस की जिले से है। इसी तरह कांग्रेस के एक आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को झाबुआ और पिछले चुनाव में बगावत कर उतरेगी उनकी भतीजी कलावती भूरिया को जोबट और एक अन्य रिश्तेदार वीर सिंह भूरिया को थादला से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है।
155 प्रत्याशियों की सूची में 49 नौजवानों और बाईस महिलाओं को मौका मिला है लेकिन इनमें से अधिकांश मैदानी कार्यकर्ता होने के अलावा कांग्रेस के किसी न किसी गुट से जुड़े हुए हैं। उनकी यही योग्यता दूसरों की तुलना में ज्यादा काम आई कांग्रेस ने अपनी इस सूची में तीन टिकट उन लोगों को दिए हैं। जिन्होंने 2013 के चुनाव में टिकट न मिलने पर बगावत कर दी थी इनमें सचिन बिड़ला कलावती भूरिया और सुनीता पटेल शामिल है।
इनमें सचिन को बड़वाह, कलावती भारिया को जोबट और सुनीता पटैल को गाड़रवाड़ा से प्रत्याशाी बनाया है। कांग्रेस ने दूसरे दलों से आए लोगों को भी टिकट देने में कोई गुरेज नहीं किया, जबकि पहले कहा जा रहा था पैराशूट से कूदने वाले लोगों को कार्यकर्ताओं पर वरीयता नहीं दी जाएगी। हाल ही में पार्टी में शरीक हुई पद्मा शुक्ला भाजपा के विधायक संजय शर्मा को तेंदूखेड़ा और विद्यावती पटेल को देवतालाब से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है।