मध्यप्रदेश में बीजेपी चुनाव जीती तब भी शिवराज सिंह चौहान नहीं होंगे सीएम?

By जनार्दन पाण्डेय | Published: December 7, 2018 04:31 PM2018-12-07T16:31:52+5:302018-12-07T16:31:52+5:30

मध्यप्रदेश का 2013 चुनाव राजनाथ सिंह के नेतृत्व में लड़ा गया था। तब बीजेपी शीर्ष नेतृत्व मोदी-शाह की जोड़ी का प्रभुत्व नहीं था। साल 2014 में बीजेपी पीएम उम्मीदवार तय करने का मन बना रही थी तब नीतीश कुमार, रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान सरीखे नेता ही सबसे आगे थे, जो नरेंद्र मोदी की राह में रोड़ा थे।

Madhya Pradesh Election 2019: Shivraj Singh Chouhan might not be the next CM of MP even if BJP wins, here's why | मध्यप्रदेश में बीजेपी चुनाव जीती तब भी शिवराज सिंह चौहान नहीं होंगे सीएम?

मध्यप्रदेश में बीजेपी चुनाव जीती तब भी शिवराज सिंह चौहान नहीं होंगे सीएम?

लगातार तीन कार्यकाल पूरा करने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मध्यप्रदेश के मामा यानी शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव 2018 के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं बनाया। बीजेपी ने इस बार मध्यप्रदेश चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा है।

चुनाव की अगुवानी शिवराज सिंह के बजाए सीधे अमित शाह और उनकी पसंदीदा टीम ने की है। इस बार मध्यप्रदेश चुनाव में बीजेपी ने हर वो हथकंडा अपनाया है, जिसका बीजेपी विरोध करती है। चाहे वह नेताओं के परिजनों को टिकट देना हो या स्‍थानीय कार्यकर्ताओं के ऊपर पैराशूट कार्यकर्ताओं को तरजीह देना।

ऐसे में अगर बीजेपी इस बार सत्ता बचाने में सफल होती है तब भी बीजेपी में कई संगठनात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इनमें सबसे बड़ा संदेह शिवराज सिंह चौहान पर ही है। ऐसे कुछ ठोस आधार हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व जीत के बाद बदल सकती है।

मोदी के पसंदीदा नेताओं में शामिल नहीं

यह बात सर्वविदित है कि नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की राह में वे कौन से बीजेपी नेता हैं जो रोड़ा थे। पीएम मोदी के आने के बाद उन नेताओं को बीजेपी में कहां भेज दिया गया है, इस बात का भी गाहे-बहाने नमूना देखने को मिल जाता है।

चाहे वह हाल ही में सुषमा स्वराज का यह कहना हो कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ना चाहती हो या फिर मध्यप्रदेश से सांसद होने के बाद भी सुषमा स्वराज को प्रमुख चुनाव प्रचारकों में शामिल ना करना।

यही स्थिति संगठन में शिवराज सिंह चौहान की भी है। मध्यप्रदेश का 2013 चुनाव राजनाथ सिंह के नेतृत्व में लड़ा गया था। तब बीजेपी शीर्ष नेतृत्व मोदी-शाह की जोड़ी का प्रभुत्व नहीं था। साल 2014 में बीजेपी पीएम उम्मीदवार तय करने का मन बना रही थी तब नीतीश कुमार, रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान सरीखे नेता ही सबसे आगे थे, जो नरेंद्र मोदी की राह में रोड़ा थे।

ऐसे में अपने हाथ में कमान लेने के बाद बीजेपी ने ऐसे नेताओं को सबसे पहले शांत कराया। ऐसी कई बार चर्चा होती है कि मोदी-शाह की पसंदीदा नेताओं की लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान शामिल नहीं है।

मध्यप्रदेश का क्राइम कैपिटल के तौर पर छवि बनाना

चुनाव के ऐन पहले बीजेपी के सबसे मजबूत पकड़ वाले राज्य में भी कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ यह छवि बनाने में सफल रही है कि प्रदेश में शासन व सुरक्षा व्यवस्‍था दोयम दर्जे की है। एक के बाद एक मध्यप्रदेश में ऐसी घटनाएं भी सामने आईं जिससे सरकार की छवि धूमिल हुई। सरकार ने कुछ मामलों में फांसी की दिलाने के बाद अपनी छवि नहीं सुधरवा पाई। इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसी होगा तो वे शिवराज सिंह चौहान हैं।

‌शिवराज सिंह के बयानों से हुई किरकिरी

शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ करीब एक साल पहले से ही अभियान तेज हो गए थे। इस साल के शुरुआत में उनकी अमेरिकी यात्रा के बाद यह कहना कि एमपी की सड़कें न्यूयॉर्क से भी बेहतर हैं का जमकर मजाक बना। ऐसी कई रिपोर्ट आईं जिनमें एमपी की खस्ताहाल सड़कों का खुलासा हुआ। ऐसे ही शिवराज के कई बयानों को विपक्ष भुनाने में कामयाब रहा।

बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक इस बार भी बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने में सफल रहेगी। लेकिन कमजोर संगठन होने के बाद भी कांग्रेस अच्छी-खासी सीटें पाने में सफल रहेगी। इसका ठिकारा शिवराज सिंह चौहान पर फोड़ा जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान के ऊपर किसे मिल सकती है तरजीह

नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने लगातार अपने सीएम कैंडिडेट से लोगों को चौंकाती रही है। चाहे महाराष्ट्र में देवेंद्र फणडवीस हों, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर हों या उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ। बीजेपी पॉपुलर चेहरों के ऊपर मोदी-शाह के पसंदीदा नेताओं को तरजीह देती रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पसंद का भी खास खयाल रखा जाएगा।

English summary :
Madhya Pradesh Vidhan Sabha Chunav polling has been done and now the wait is for the declaration of assembly elections results on 11th December 2018. Even after completing three consecutive term, the Bharatiya Janata Party (BJP) did not make Madhya Pradesh's Shivraj Singh Chouhan the chief ministerial candidate for the assembly elections 2018. This time BJP has fought Madhya Pradesh Election under the leadership of Narendra Modi.


Web Title: Madhya Pradesh Election 2019: Shivraj Singh Chouhan might not be the next CM of MP even if BJP wins, here's why

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