'संचालक करते थे बच्चियों का यौन शोषण, BJP सरकार देती थी उस आश्रय गृह को 16 लाख'
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 1, 2019 08:33 PM2019-02-01T20:33:27+5:302019-02-01T20:33:27+5:30
ओझा ने कहा कि मामले में पॉस्को ऐक्ट के साथ ही धारा 376 और अन्य धाराओं में जिन चार आरोपियों पूर्व संचालिका रचना भारतीय, ओमप्रकाश भारतीय, सन्देश जैन और संघ के सक्रिय कार्यकर्ता दिलीप बरैया को गिरफ्तार किया गया है, वे लंबे समय से शराब पीकर नाबालिग बच्चियों के साथ मारपीट करने के साथ ही यौन शोषण भी करते थे.
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जिस आश्रय गृह को 16 लाख रुपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता देती थी, उस आश्रय गृह का संचालक बच्चियों का यौन शोषण करता था.
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने जावरा, रतलाम के कुंदन कुटीर आश्रय गृह से भागी बालिकाओं के मामले में, गिरफ्तार हुए आरोपियों में संघ के कार्यकर्ता की भी गिरफ्तारी को संघ और भाजपा के लोगों का असली चरित्र बताते हुए कहा कि, यह पिछले पंद्रह सालों में भाजपा सरकार द्वारा जारी रहे जंगलराज को ही दर्शाने का एक और उदाहरण मात्र है.
ओझा ने कहा कि मामले में पॉस्को ऐक्ट के साथ ही धारा 376 और अन्य धाराओं में जिन चार आरोपियों पूर्व संचालिका रचना भारतीय, ओमप्रकाश भारतीय, सन्देश जैन और संघ के सक्रिय कार्यकर्ता दिलीप बरैया को गिरफ्तार किया गया है, वे लंबे समय से शराब पीकर नाबालिग बच्चियों के साथ मारपीट करने के साथ ही यौन शोषण भी करते थे. ऐसी संस्था को भाजपा की प्रदेश सरकार 16 लाख रुपए महीने की आर्थिक मदद करती थी. वर्षों तक बिना जांच के चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसी संस्था की सरकार द्वारा आर्थिक मदद करते रहना शर्मनाक है.
ओझा ने कहा कि पिछले 15 सालों से एक ऐसी असंवेदनशील सरकार सत्ता पर काबिज थी जिसके संरक्षण में ऐसी दानवी संस्थाएं फल-फूल रही थीं, जिनमें अपराधी दंडित होने की बजाय सरकार की वित्तीय मदद् का लाभ उठा रहे थे. ओझा ने कहा कि पूर्व में भी होशंगाबाद, बैरागढ़ और भोपाल के ऐसे कई उदाहरण सामने आए थे, जहां मूक-बधिर और नाबालिग बच्चियों के साथ क्रूरता, बलात्कार और आप्राकृतिक दुष्कर्म की घटनाएं हुईं थी, जिसका कि प्रदेश कांग्रेस ने पत्रकार-वार्ताओं के माध्यम से समय-समय पर खुलासा किया था लेकिन भाजपा की तत्कालीन गूँगी-बहरी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी थी.
कांग्रेस के दबाव में उसने केवल आधी-अधूरी कार्यवाहियां ही की थी, क्योंकि फंसने वाले भाजपा के चहेते थे. सभी जानते हैं कि बैरागढ़ और भोपाल मे संचालित आश्रय गृहों के कर्ताधर्ता एम.पी. अवस्थी और अश्विनी शर्मा जो कांग्रेस के खुलासे के बाद गिरफ्तार हुए थे, उनके घृणित और पाषविक कृत्यों को कौन वित्त पोषित और संरक्षित कर रहा था?
ओझा ने पुलिस अधिकारियों के द्वारा जावरा के आश्रय गृह में घटित घटना के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और आश्रय-गृह को सील करने की त्वरित कार्यवाही पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपराधियों को चेतावनी दी है, कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ऐसे दुष्कृत्यों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने वाली है.