झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया की जीत पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जश्न का माहौल रहा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर जीत का जश्न मनाया और मिठाई वितरित की. कांग्रेस ने इस जीत को कमलनाथ सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर करार दिया है. कांग्रेस ने जीत का के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ के सरकार के कामकाज को बताया. कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश सरकार के 10 माह के कामकाज पर जनता ने मोहर लगाई है.
कांग्रेस का कहना है कि पिछले 10 महीनें में मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार ने जो कामकाज किए हैं, उससे प्रभावित होकर झाबुआ की जनता ने कांग्रेस को विजयी बनाया है. वहीं भाजपा द्वारा लगाए जा रहे प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप पर पलटवार किया है, कांग्रेस ने भाजपा को खिसियानी बिल्ली कहा है.
प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने झाबुआ में कांग्रेस की जीत को कमलनाथ सरकार की जीत कहा है. उन्होंने कहा कि यह कमलनाथ सरकार के 10 महीने के कामकाज की जीत है.
ओझा ने कहा कि जहां पूरे देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, वहीं मध्यप्रदेश में बेरोजगारी 40 फीसदी कम हुई है. दूसरी तरफ किसानों का कर्जा माफ हुआ है, बुजुर्गों की पेंशन 300 से 600 रुपए हो गई है और जल्दी 1000 होने वाली है. बेटियों के विवाह के लिए 28 हजार से बढ़ाकर 51हजार राशि कर दी गई है, ये जीत कमलनाथ सरकार के कामकाज का प्रमाण पत्र है.
कैलाश को अब राकेश सिंह से मांगना चाहिए इस्तीफा
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि झाबुआ की जनता ने कांग्रेस को झाबुआ उपचुनाव जीता कर भाजपा को करारा जवाब दे दिया है. झाबुआ की जनता ने भाजपा के झूठ-फरेब, जुमलों को नकार दिया है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उप चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस्तीफा मांग रहे थे, अब नतीजे सामने आने पर उन्हें अपनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से इस्तीफा मांगना चाहिए. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, विनय सहस्त्रबुद्धे, कृष्णमुरारी मोघे आदि नेताओं ने झाबुआ में जाकर जनता में भम्र फैलाना व कांग्रेस सरकार को गिरा देने तक का दुष्प्रचार भी जनता को भ्रमित नहीं कर पाया.
आदिवासियों तक अपनी बात पहुंचाने में नाकाम रहे हम
झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की विजय की औपचारिक घोषणा के पहले ही मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने पराजय स्वीकारते हुए कहा कि उनका दल जनता के आदेश का सम्मान करता है. सिंह ने यहां प्रदेश पार्टी कार्यालय में मीडिया से चर्चा में दावा किया कि चुनाव प्रचार के दौरान सत्ता के खिलाफ असंतोष दिखाई दे रहा था. इस आधार पर उन्हें नतीजे कुछ और आने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि आदिवासियों तक अपनी बात पहुंचाने में हम कहां नाकाम रहे हैं, इसकी समीक्षा की जाएगी. सिंह ने साथ ही आरोप लगाया कि झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने प्रशासनिक मशीनरी का दुरूपयोग किया.
प्रशासनिक मशीनरी का किया दुरुपयोग
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने झाबुआ उपचुनाव को लेकर कहा कि झाबुआ कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है, लेकिन हमारे प्रत्याशी भानु भूरिया अच्छा खेल दिखाया. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार सिर्फ कहती है करती कुछ नहीं, ऐसा हम नहीं बल्कि खुद ही कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और लक्ष्मण सिंह कह रहे हैं. लक्ष्मण सिंह के दिग्विजय सिंह के बंगले के सामने धरना देने को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दोनों भाई कमनलाथ सरकार पर दबाव बना रहे हैं, प्रदेश में इस वक्त प्रेशर पॉलिटिक्स चल रही है. वहीं कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि भाजपा द्वारा इस जीत को प्रशासनिक मिशनरी का दुरुपयोग करने के आरोप पर कहा कि खिसियानी बिल्ली खंबा नोच रही है. उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि बीजेपी अपनी पार्टी के हाल को देखे, कमलनाथ सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक है. झाबुआ में कांग्रेस की जीत ने यह साबित कर दिया कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है.