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Madhya pradesh by election 2020: सीएम चौहान औऱ कमलनाथ में वार-पलटवार, शिवराज बोले-मैं पैसों का रोना नहीं रोता

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: October 8, 2020 19:34 IST

चौहान ने कहा कि वे जेब में नारियल लेकर नहीं घूमते, बल्कि प्रदेश के विकास का काम करते हैं, जो कमलनाथ नहीं करवा पाते थे और पैसे का रोना रोते थे.चौहान ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस विकास विरोधी है. वे स्वयं काम करते नहीं हैं और मैं करता हूं, तो उनके पेट में दर्द होता है.

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ठळक मुद्देचौहान नारियल फोड़ देते हैं. मैं केवल नारियल नहीं फोड़ता, बल्कि सड़क, पुल-पुलिया, बांध का निर्माण करवाता हूं. कमलनाथ के काफिले पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भाजपा की संस्कृति नहीं है. भाजपा ऐसी किसी भी घटना की समर्थन नहीं करती, यदि कोई ऐसी घटना करेगा तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी.

भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के उस बयान पर पलटवार किया कि शिवराज तो जेब में नारियल रखकर घूमते हैं.

चौहान ने कहा कि वे जेब में नारियल लेकर नहीं घूमते, बल्कि प्रदेश के विकास का काम करते हैं, जो कमलनाथ नहीं करवा पाते थे और पैसे का रोना रोते थे.चौहान ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस विकास विरोधी है. वे स्वयं काम करते नहीं हैं और मैं करता हूं, तो उनके पेट में दर्द होता है.

उन्होंने कहाकि वे कहते हैं कि हर कहीं शिवराज सिंह चौहान नारियल फोड़ देते हैं. मैं केवल नारियल नहीं फोड़ता, बल्कि सड़क, पुल-पुलिया, बांध का निर्माण करवाता हूं. उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ की तरह पैसे का रोना नहीं रोते, क्योंकि वह विकास के काम कराते हैं.

यह भाजपा की संस्कृति नहीं : अनूपपुर में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफिले पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भाजपा की संस्कृति नहीं है. भाजपा ऐसी किसी भी घटना की समर्थन नहीं करती, यदि कोई ऐसी घटना करेगा तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी. हम केवल जनता के हित में काम करते हैं. हमला कराना हमारा काम नहीं है.

कमलनाथ का आरोप शिवराज सरकार किसान की भी विरोधी, व्यापारी की भी विरोधी

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने महामारी की विभीषिका का फायदा उठाकर किसान विरोधी तीन काले कानून असंवैधानिक तरीके से पास किये. इतना ही नहीं इन किसान विरोधी कानूनों को पास करते हुए केंद्र सरकार ने भारत के संघीय ढांचे को भी आघात पहुंचाया है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 की सांतवी अनुसूची में कृषि और कृषि मंडिया राज्य सरकारों का अधिकार है. मगर चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्यों के अधिकारों का हनन करते हुए किसान विरोधी तीन काले कानूनों का क्रूर प्रहार किसानों पर किया है.

नाथ ने कहा कि मैं दृढ़ संकल्पित हूं कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही किसानों के हित में फैसला लूंगा और इन तीनों काले कानून को मध्यप्रदेश में लागू नहीं होने दूंगा. साथ ही मंडी टैक्स को न्यूनतम स्तर पर लाया जायेगा और मंडियों का दायरा भी बढ़ाया जायेगा.

पूंजीपति और कापोर्रेट क्षेत्र को लाभ पहुँचाना चाहती है भाजपा :  नाथ ने कहा कि केंद्र और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार इस काले कानून के जरिये पूंजीपति और कापोर्रेट क्षेत्र को लाभ पहुँचाना चाहते है. इसलिए बिना किसानों के भविष्य की सोचे ताबडतोड़ तरीके से प्रदेश में इस कानून को लागू कर दिया गया. लेकिन मैं भाजपा को खुली चेतावनी देता हूँ कि वह किसानों के खिलाफ अमीरों से मिलकर जो साजिशें रच रही है उसका  कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करेगीं.

कांग्रेस का आरोप बिजली बिल की तरह ही मंडी शुल्क में कटौती सिर्फ चुनावी लालीपाप

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मंडी शुल्क में कमी किए जाने की घोषणा को लेकर सरकार को घेरा है.  मध्यप्रदेश कांग्रेस  के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि जिस तरह प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिजली बिल को लेकर झूठ बोलकर प्रदेश की जनता के साथ बड़ा धोखा किया, वैसा ही धोखा मंडी शुल्क में कटौती के नाम पर व्यापारियों से भी किया है.

सलूजा ने बताया कि शिवराज सिंह ने कोरोना महामारी में भारी भरकम बिजली बिलों की मार झेल रही जनता से पहले कहा था कि लाकडाउन की अवधि के बिजली बिल माफ होंगे, बाद में पलट गये और कहा स्थगित होंगे,  फिर कहां कुछ लोगों के एक किलो वाट तक के ही स्थगित होंगे, उनकी भी बाद में जांच करेंगे?

वैसे ही उनकी दूसरी घोषणा मंडी शुल्क को 1.70 रुपये  से कम कर 50 पैसे करने की, यह भी व्यापारियों के साथ सिर्फ धोखा है, यह भी सिर्फ़ चुनावी लोलीपाप है क्योंकि शिवराज खुद यह स्पष्ट कर चुके है कि यह घोषणा अभी अस्थाई है, यह स्थाई नहीं है. बाद में घट-बढ़ यानि आय की समीक्षा कर इस पर निर्णय लेंगे?

शिवराज सरकार किसान व व्यापारी दोनो विरोधी : सलूजा ने कहा कि यदि शिवराज सरकार किसानों की व व्यापारियों की सच्ची हितैषी है तो उसे केन्द्र सरकार के तीन काले कानूनों को प्रदेश में लागू नहीं करने का निर्णय लेना चाहिये, माडल मंडी एक्ट के निर्णय को वापस लेना चाहिये, मंडी शुल्क में स्थायी रूप से कमी का निर्णय लेना चाहिये. लेकिन सभी जानते हैं शिवराज की घोषणाओ की स्थिति, उनकी वास्तविकता कि उनकी घोषणाएं कभी पूरी नहीं होती,  वह सिर्फ घोषणा बनकर ही रहती है. शिवराज सरकार किसान व व्यापारी दोनो विरोधी है.

कांग्रेस खुद करवा रही है हमले : नरोत्तम

प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने वहीं अनूपपुर में कमलनाथ के  काफिले पर हमले को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद हमले करवा रही है. सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए विपक्ष का प्रायोजित कार्यक्रम था हमला.  पुलिस-प्रशासन को त्वरित और सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं.

गृह एवं जेल मंत्री डा. मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफिले पर अनूपपुर में पथराव को लेकर कांग्रेस की आरोपों पर उन्होंने कहा कि निर्वाचन की अवधि में जिला प्रशासन चुनाव आयोग के अधीन होता है. कांग्रेस इस प्रकार के हमले करा रही है. सस्ती लोकप्रियता के लिए खुद ने ऐसा किया होगा भाजपा पर आरोप न लगाए.

कांग्रेस का हाथ दंगाइयों के साथ :  डा.मिश्रा ने  कहा कि कांग्रेस का हाथ दंगाइयों के साथ है. कांग्रेस को दलित नहीं दलहित की चिंता है. इसके लिए वो राजनीतिक लाभ के लिए दलितों का इस्तेमाल करती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ है. डा मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी का हाथरस कनेक्शन सामने है. दलितों के हितों पर कुठारा घात किया है.

कांग्रेसी करते हैं धोखे की राजनीति : डा. मिश्रा ने  कहा कि कांग्रेसी धोखे की राजनीति करते है. कांग्रेस देश में कुछ भी कर सकती है. देश को जातियों में बांटना चाहती है. आगे कहा कि हाथरस संयोग नहीं एक प्रयोग था. हरियाणा में एक सभा में राहुल गांधी के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि कि 10 दिन में कर्ज माफ कर देंगे, 15 मिनिट में चीन साफ कर देंगे,उस गुरु को नमन जिन्होंने इन्हें पढ़ाया,इतनी अच्छी नस्ल के ये आते कहा से है.

अपने ही जाल में फंसे कमलनाथ  : डा. मिश्रा ने बिकाऊ और टिकाऊ वाले मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कमलनाथ को स्वीकार करना चाहिए कि वो अपने ही बुने जाल में फंसे हैं. तोड़फोड़ की राजनीति का आगाज उन्होंने ही किया था अब अंजाम भुगत रहे हैं. कांग्रेस की सरकार उन्हीं की वजह से ही गिरी है, उन्हें इसका दोष किसी दूसरे के सिर नहीं मढ़ना चाहिए. डा. मिश्रा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए   दो गज की दूरी और मास्क जरूरी.  जन आंदोलन प्रधानमंत्री की एक और सराहनीय पहल. आमजन से अपील जन-आंदोलन को सफल बनाएं.

सीमा हुई समाप्त : गृह मंत्री डा.  मिश्रा ने बताया कि चुनावी सभाओं में 100 व्यक्तियों की सीमा को समाप्त किया गया है. कोरोना के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा नई गाइडलाइन आई है उसके अंदर परिवर्तन किया गया है. सभाओं में मास्क सैनिटाइजर का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग जारी रहेगी.

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