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मध्य प्रदेश उपचुनाव 2020ः 28 सीट, सात विधानसभा में अधिक वोट पड़े, कांग्रेस-भाजपा परेशान

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: November 4, 2020 15:17 IST

28 विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में हुआ, यह मतदान पिछले 2018 के चुनाव की तुलना में 2.8 फीसदी कम रहा, लेकिन सात सीटों भांडेर, करैरा, पोहरी, अशोक नगर, मुंगावली, ब्यावरा और आगर में 2018 की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ.

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ठळक मुद्देराजनीतिक दलों को सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि उन क्षेत्रों में मतदाता का रुख क्या परिवर्तन की तरफ है.उपचुनाव के मैदान में गई 28 सीटे राज्य की कुल 230 विधानसभा सीट के 12 फीसदी के करीब हैं.प्रदेश के 52 में से 19 जिलों में हैं. इस तरह राज्य की 28 सीटों के परिणाम प्रदेश के राजनीति और माहौल के दिशा सूचक की तरह होंगे.

भोपालः मध्य प्रदेश की 28 सीटों के लिए बीते मंगलवार को हुए मतदान में 70.13 फीसदी लोगों ने जो वोट डाले है. 28 विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में हुआ, यह मतदान पिछले 2018 के चुनाव की तुलना में 2.8 फीसदी कम रहा, लेकिन सात सीटों भांडेर, करैरा, पोहरी, अशोक नगर, मुंगावली, ब्यावरा और आगर में 2018 की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ.

सात विधानसभा क्षेत्रों में बढ़ा हुआ मतदान राजनीतिक दलों को सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि उन क्षेत्रों में मतदाता का रुख क्या परिवर्तन की तरफ है. मध्य प्रदेश में हो रहे  उपचुनावों को आम चुनाव की तरह माना जाना चाहिए. क्योंकि उपचुनाव के मैदान में गई 28 सीटे राज्य की कुल 230 विधानसभा सीट के 12 फीसदी के करीब हैं.

यह सीटें प्रदेश के 52 में से 19 जिलों में हैं. इस तरह राज्य की 28 सीटों के परिणाम प्रदेश के राजनीति और माहौल के दिशा सूचक की तरह होंगे. इसीलिए उपचुनावों में कुल मिलाकर कम हुए मतदान को लेकर भी राजनीतिक दल मंथन में जुटे हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव का इतिहास रहा है कि जब-जब भारी वोटिंग हुई है तब तक सत्ता परिवर्तन हो गया है.

वहीं कम हुआ मतदान यथा स्थिति की ओर ले जाता रहा है.  उपचुनाव के लिए बीते मंगलवार को राज्य की 28 सीटों पर हुआ मतदान, बीते आम चुनाव की तुलना में 2.8 फीसदी कम रहा. कम हुआ यह मतदान यथा स्थिति रखेगा या कुछ परिवर्तन करेगा, यह 10 नवंबर  को मतगणना के समय ही मालुम पड़ पाएगा. वैसे 2018 के विधानसभा चुनाव को लें तब राज्य में कुल मतदान (पोस्टल बैलट सहित) 75.63 प्रतिशत हुआ था जो 2013 की तुलना में 3.56 प्रतिशत ज्यादा था.

इसका नतीजा यह हुआ कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से सत्ता फिसल गई थी, तब 2013 की तुलना में कांग्रेस के वोटों में 4.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, वहीं भाजपा के वोटों में 3.86 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी. कांग्रेस को 114 और भारतीय जनता पार्टी को 109 सीटें मिली यह बात अलग की भाजपा को कांग्रेस की तुलना में ज्यादा वोट मिले थे, तब भाजपा को 15,643,623 और कांग्रेस को 15,595,696 वोट मिले थे.

जिन विधानसभा क्षेत्रों में बढ़ा मतदान

विधानसभा जिला मतदान मतदान वृद्धि 2018  2020भांडेर दतिया 69.55% 72.59% 3.04%मुंगावली अशोकनगर 75.02% 77.17% 2.15%अशोकनगर अशोकनगर 74.46% 76.02% 1.56%ब्यावरा राजगर 80.78% 81.77% 0.99%आगर आगरमालवा 83.11% 83.75% 0.64%पोहरी शिवपुरी 75.92% 76.02% 0.1%करैरा शिवपुरी 73.62% 73.68% 0.06%

टॅग्स :उपचुनावमध्य प्रदेशभोपालकांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)शिवराज सिंह चौहानज्योतिरादित्य सिंधिया
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