मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वयं को दलितों की हितैषी कहने वाली कांग्रेस की सरकार वास्तव में दलित विरोधी हैं, जनता भी यह जान गई है. दलितों की आवाज सरकार तक नहीं पहुंच पा रही है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने सागर में आग से जिंदा जलाए गए धनप्रसाद अहिरवार को न्याय दिलाने के लिए किए गए प्रदर्शन के दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही.
सभा स्थल पर स्वर्गीय धनप्रसाद की पत्नी पूजा अहिरवार भी उपस्थित रहीं और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक ज्ञापन भी उन्होंने सौंपा.
सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय धनप्रसाद अहिरवार की धर्मपत्नी व बेटी पूजा की कसम खाकर कहता हूं कि इस दलित परिवार को न्याय दिलाकर ही दम लूंगा. उन्होंने कहा कि मैं अपनी इस बेटी की असीम पीड़ा को समझता हूं और उसे विश्वास दिलाता हूं कि उसे न्याय अवश्य मिलेगा.
उन्होंने कहा कि बेरहमी से धनप्रसाद अहिरवार की हत्या असामाजिक तत्वों ने की और सरकार ने इसकी अनदेखी की. यह बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि स्वयं को दलितों की हितैषी कहने वाली कांग्रेस की सरकार वास्तव में दलित विरोधी हैं, जनता भी यह जान गई है. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ से पूछता हूं कि क्या धनप्रसाद अहिरवार के हत्यारों पर इसलिए हाथ नहीं डाला गया, क्योंकि वे एक समुदाय विशेष के लोग थे? आखिर क्यों आपकी सरकार तक इन गरीब दलितों की आवाज नहीं पहुंची?
उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को संबोधित करते हुए कहा कि दलित बेटी पूजा अहिरवार को न्याय नहीं मिला तो धिक्कार है, आपको विधवा की हाय लगेगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी सरकार के निकम्मेपन की वजह से समाज के दानवों ने इस दलित परिवार को शिकार बनाया और धनप्रसाद अहिरवार को जिंदा जला दिया. यह बेटी उसी परिवार की बहू और धनप्रसाद की विधवा पूजा अहिरवार है, उसी बेटी की जुबानी उसकी व्यथा सुनिए और न्याय दीजिए.
दलित, शोषितों के साथ अन्याय कर रही सरकार
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि दलित, शोषित और पीड़ित वर्गों के साथ कमलनाथ सरकार अन्याय कर रही है. दलित धनप्रसाद अहिरवार की मौत इस बात का प्रमाण है कि मध्य प्रदेश में दलित किस तरह जिंदा जला दिया जाता है और उसकी सुनवाई नहीं होती. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में दलितों पर हो रहे अत्याचार से मैंने सरकार को अवगत कराया था, लेकिन कमलनाथ सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसके परिणाम स्वरूप सागर जैसी दुखद घटनाएं प्रदेश में घट रही है. उन्होंने सभा में मौजूद मृतक की धर्मपत्नि को न्याय दिलाने की बात कही.