मध्य प्रदेश: फटकार के बाद विधायक के समर्थन में उतरे बीजेपी नेता, राज्यपाल टंडन से की मुलाकात
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 6, 2019 03:54 AM2019-11-06T03:54:00+5:302019-11-06T03:54:00+5:30
मध्य प्रदेश की पवई विधानसभा सीट के विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त कर पवई विधानसभा शून्य घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति के फैसले को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने गंभीरता से लिया है.
मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक की सदस्यता शून्य किए जाने के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा मिली फटकार के बाद प्रदेश संगठन सक्रिय हो गया है. भाजपा नेताओं ने मंगलवार सुबह से सक्रियता दिखाई और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निवास पर एकत्रित होकर बैठक की. इसके बाद राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर विधानसभा सचिवालय द्वारा लिए गए फैसले को निरस्त करने की मांग की.
मध्य प्रदेश की पवई विधानसभा सीट के विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त कर पवई विधानसभा शून्य घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति के फैसले को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने गंभीरता से लिया है. इस मामले को लेकर राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग चल रही थी, मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ के दिए बयान ‘अभी दो-तीन और आएंगे’ को राष्ट्रीय संगठन ने गंभीरता से लिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान की आज दिल्ली में प्रभारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा से हुई मुलाकात के बाद इस मामले को पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने गंभीरता से लिया और प्रदेश संगठन को फटकार लगाई. इस फटकार के बाद आनन-फानन में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निवास पर भाजपा के नेता एकत्रित हुए और राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करने फैसला लिया. मिश्रा के निवास पर चली बैठक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा, यशोधरा राजे सिंधिया, नारायण त्रिपाठी, शैलेन्द्र जैन, मोहन यादव सहित अन्य विधायक शामिल थे.
मिश्रा के निवास पर बैठक के बाद भाजपा नेताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लिया गया फैसला न्याय संगत नहीं है, इसलिए आज हमने राज्यपाल से मुलाकार कर विधानसभा सचिवालय के इस फैसले को निरस्त करने की मांग की है. उन्होंने रिप्रेजेंटेटिव एक्ट की धारा 191 का हवाला देते हुए कहा है कि इस पर राज्यपाल ही फैसला ले सकते हैं. विधानसभा अध्यक्ष या सचिवालय फैसला नहीं ले सकते हैं.
यह है मामला
मध्य प्रदेश के पवई विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों पर आरोप था कि उन्होंने रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले रैपुरा तहसीलदार को बीच सड़क पर रोककर मारपीट की थी. इस मामले में सभी पर बलवा करने का आरोप भी था. इस मामले में लोधी को दो साल की सजा सुनाई गई है.
विशेष अदालत के इस फैसले के बाद विधानसभा ने शनिवार को भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त कर दी. हाालंकि मामले को लेकर लोधी ने हाईकोर्ट की शरण ली है. भाजपा विधायक ने भोपाल की विशेष अदालत के इस फैसले को सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है. उन्होंने मांग की है कि भोपाल की विशेष अदालत के इस फैसले पर रोक लगाई जाए.