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सब्जी बेचने वाली महिला ने अंग्रेजी में फटकारा तो निगम अधिकारियों के उड़े होश, नहीं दे सके जवाब

By मुकेश मिश्रा | Updated: July 23, 2020 14:45 IST

कलेक्टर ने अवैध रूप से फल और सब्जी मंडी लगाने और व्यावसायिक क्षेत्रों में ठेला खड़ा करने पर कार्रवाई के लिए निगम को आदेश जारी किए थे. यह आदेश फल और सब्जी के ठेलों पर उमड़ रही भीड़ को रोकने के लिए दिए गए थे. इसी के तहत निगम की रिमुव्हल ठेलों को हटाने पहुंची थी.

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ठळक मुद्देकार्रवाई के दौरान जब निगम के बेलदार इस महिला के पास पहुंचे तो इसने बडे़ अधिकारियों को बुलाने की बात कही.कर्मचारियों ने दवाब बनाया तो गुस्से में आ कर रइसा नामक इस महिला ने अंग्रेजी में फटकार लगाना शुरू कर दिया.

इंदौरः सब्जी बेचने वाली महिला ने नगर निगम की रिमुव्हल टीम को फर्राटेदार अंग्रेजी में डाँटना शुरू किया तो आलाधिकारी भी हैरान रह गए. घटना मालवा मिल चौराहे की है.

कलेक्टर ने अवैध रूप से फल और सब्जी मंडी लगाने और व्यावसायिक क्षेत्रों में ठेला खड़ा करने पर कार्रवाई के लिए निगम को आदेश जारी किए थे. यह आदेश फल और सब्जी के ठेलों पर उमड़ रही भीड़ को रोकने के लिए दिए गए थे. इसी के तहत निगम की रिमुव्हल ठेलों को हटाने पहुंची थी.

कार्रवाई के दौरान जब निगम के बेलदार इस महिला के पास पहुंचे तो इसने बडे़ अधिकारियों को बुलाने की बात कही. कर्मचारियों ने दवाब बनाया तो गुस्से में आ कर रइसा नामक इस महिला ने अंग्रेजी में फटकार लगाना शुरू कर दिया. सब्जी बेचने वाली महिला को इस तरह अंग्रेजी में फर्राटेदार बात करता देख निगम के अधिकारी हैरान रह गए.

वह अनपढ़ नहीं है उसने मटैरियल साइंस से एमएससी की है

रइसा ने बताया कि वह अनपढ़ नहीं है उसने मटैरियल साइंस से एमएससी की है. नौकरी न मिलने के कारण उसे ठेले पर सब्जी बेचना पड़ा रहा है. उसके पिता पिछले छह दशकों से सब्जी बेचने का काम कर रहे है. रइसा ने कहा कि लॉकडाउन के कारण वैसे ही घर चलना मुश्किल हो गया है.

तीन महीने के बाद थोड़ा बहुत धंधा शुरू हुआ है तो निगम के लोग आ कर परेशान करने लगे है. सवाल यह है कि गरीबों को जीने का हक नहीं है. 65 साल से यहाँ सब्जी का धन्धा कर रहे है. एक दिन निगम वाले आकर हमें भागने लगते है. कभी लेफ्ट कहते है तो कभी राइट. फिर कहते है कि धन्धा बन्द कर दो.

क्या प्रधानमंत्री और कलेक्टर के घर जा कर मर जाए? फल सब्जी वालों के यह परिवार नहीं है. उनका पेट कैसे भरें. शहर के अधिकारियों को लगता है कि जैसे कोरोना हम ही फैला रहे है. अब यदि धंधा ना करें तो क्या मर जाएं.

रइसा लगातार अधिकारियों से सवाल पर सवाल करती रही लेकिन अधिकारी उसके एक भी सवाल का उत्तर नहीं दे पाए. इस दौरान मौके पर भीड़ भी एकत्रित हो गयी थी और अधिकारियों के चेहरे पर उड़ी हवाइयां देख रहे थे.

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