मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: बाबाओं ने मारी इंट्रियां, बजने लगी घंटियां

By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 2, 2018 07:29 AM2018-11-02T07:29:42+5:302018-11-02T07:29:42+5:30

मध्य प्रदेश की सियासत में सक्रिय हुए बाबाओं में से एक देवकीनंदन ठाकुर ने बीते बुधवार को भोपाल में सर्व समाज पार्टी की घोषणा करते हुए प्रदेश की तीस सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही।

Madhya Pradesh Assembly Elections 2018: Babas entered in politics | मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: बाबाओं ने मारी इंट्रियां, बजने लगी घंटियां

सांकेतिक तस्वीर

चुनावी मौसम में तमाम नेताओं ने राजनीति में प्रवेश करने और चुनाव लड़ने की घोषणा कर राजनीतिक दलों के सियासी समीकरण बिगाड़ते हुए इंट्रियां ले ली हैं। मध्य प्रदेश में कम से कम तीन बाबा राजनीतिक दलों के समीकरण बनाने और बिगाड़ने में लगे हुए हैं। इनमें एसी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, दतिया के गुरुशरण शर्मा उर्फ पंडोखर सरकार और कम्प्यूटर बाबा प्रमुख हैं।

मध्य प्रदेश की सियासत में सक्रिय हुए बाबाओं में से एक देवकीनंदन ठाकुर ने बीते बुधवार को भोपाल में सर्व समाज पार्टी की घोषणा करते हुए प्रदेश की तीस सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही। मीडिया के सामने ही पार्टी के पदाधिकारियों की घोषणा करते हुए उन्होंने विजय शर्मा को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, सोमवीर सिंह को महासचिव और ग्वालियर के नीरज शर्मा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात कही।

उन्होंने कहा कि लोग संतों के राजनीति में आने पर सवाल उठाते हैं। जब-जब ऐसी स्थिति बनी है, तब-तब साधु-संतों ने ही देश को संभाला है। ठाकुर ने कहा कि कुछ और दल मिलकर चुनाव में उतरेंगे। ठाकुर ने कहा कि सरकार को एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के लिए दो माह का समय दिया था, जिसकी मियाद 4 नवंबर को पूरी हो रही है।एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करते हुए कथावाचक और अखंड भारत मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मेरी पार्टी नहीं है। मैं पार्टी में पदाधिकारी नहीं हूं। सर्व समाज कल्याण पार्टी के विचार अच्छे लगे इसलिए उसके साथ खड़ा हो गया। यह पार्टी 2013 से प्रदेश में कार्यरत है।

इसके पूर्व बीते मंगलवार को दतिया के संत गुरुशरण शर्मा उर्फ पंडोखर सरकार ने नई राजनीतिक पार्टी सांझी विरासत का ऐलान किया। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ गई है। राज्य में साधु-संतों का अपमान हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया कि माई के लाल कहकर प्रदेश के हर नागरिक की मां का अपमान किया है। उन्हें इसके लिए पूरे प्रदेश से माफी मांगनी चाहिए। आपने कहा कि वे राजनीति के शुद्धिकरण के लिए राजनीति में आए हैं। एससी-एसटी एक्ट को भेदभाव वाला कानून बताते हुए पंडोखर सरकार ने कहा कि जाति आधारित आरक्षण की व्यवस्था भी गलत है, इसे आर्थिक आधार पर होना चाहिए। गठबंधन पर उन्होंने कहा कि जो हमारे विचारों के साथ होगा, उसे मिलाकर चुनाव में उतरेंगे।

वे राजनीति के शुद्धिकरण के लिए ही राजनीति में आए हैं। मध्य प्रदेश की सियासत में एंट्री मारकर सियासी दलों और खास तौर पर प्रदेश सरकार को सांसत में डालने वाले एक और बाबा हैं कम्प्यूटर बाबा। उन्हें कुछ माह पूर्व प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री के दर्जा से नवाजते हुए नर्मदा के शुद्धिकरण का दायित्व सौंपा था। उनके साथ ही कुछ और बाबाओं को भी राज्य सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन पिछले दिनों कम्प्यटूर बाबा नाराज हो गए। उन्होंने राज्य सरकार और खासतौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ आक्रामक अभियान प्रारंभ करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री ने नर्मदा के साथ धोखा किया।

वे अब चुनाव में भाजपा सरकार के खिलाफ अभियान पर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कम्प्यूटर बाबा को तात्कालिक झटका श्री पंच दिगंबर आखाड़ा ने उन्हें महामंडेलश्वर के पद से हटा कर दिया। इसके कारण अब कम्प्यूटर बाबा को 2019 में होने वाले प्रयाग कुंभ में अखाड़े की तरफ से जमीन नहीं दी जाएगी। एक साथ कई बाबाओं ने प्रदेश के बड़े दलों भाजपा और कांग्रेस के समाने परेशानी खड़ी कर दी है। बाबाओं के कितने प्रत्याशी चुनाव जीतते हैं, यह कहा नहीं जा सकता है लेकिन कई क्षेत्रों में बाबाओं के प्रत्याशी बड़े दलों के लिए मुसीबत है।

Web Title: Madhya Pradesh Assembly Elections 2018: Babas entered in politics

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