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मध्य प्रदेशः आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बिताई रात, टॉवर पर भी चढ़ गई

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: October 3, 2018 23:08 IST

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदर्शन कर रही आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं सड़क पर रात बिताई, मगर सरकार की ओर से उनकी किसी ने कोई बात नहीं सुनी। आज बुधवार को भी आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी रहा।

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भोपाल, 3 अक्तूबरः राजधानी में अपनी लंबित मांगों को लेकर मंगलवार से धरना, प्रदर्शन कर रही प्रदेशभर की आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं का धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा। आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर जाने से रोक दिया था, इसके बाद वे पालीटेक्निक चौराहे पर ही धरने पर बैठ गई थी। इनकी मांग थी कि सरकार उनसे चर्चा करे और उनकी मांगों को सुनें।

आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं द्वारा यह प्रदर्शन समान वेतनमान दिए जाने की मांग को लेकर किया जा रहा है। उनका कहा है कि आशा सहयोगिनी के लिए 10 हजार तो कार्यकर्ताओं को 25 हजार दिया जाए। धरने पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे रात भर सड़क पर बैठी रही, मगर प्रशासन या फिर सरकार की ओर से किसी तरह की न तो उनसे चर्चा की गई और न ही कोई सुविधा दी गई। आशा कार्यकर्ताओं ने खुले आसमान के नीचे रात बिताई।

धरने पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगे नहीं माने और न ही उनकी समस्याएं सुनी जा रही है, इसी वजह से वे अपने बच्चों को लेकर खुले आसमान में सड़क पर बैठी हैं। आशा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में धरने से उठाने के लिए तेज रफ्तार से डंपर चलने का डर भी दिखाया। पुलिस द्वारा यह कहा गया कि यहां पर 100 की गति से रात को डम्पर चलते हैं, कोई दुर्घटना हो सकती है। पुलिस हमें डराती रही, मगर कोई सुरक्षा या सुविधा उपलब्ध नहीं कराई।

पालीटेक्निक कालेज के सामने धरने पर बैठी आशा और ऊषा कार्यकर्ताओं का गुस्सा आज दोपहर को सरकार के खिलाफ तेज हो गया। इस दौरान एक कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए टावर पर चढ़ गई। पुलिस को जब आशा कार्यकर्ताएं टावर पर चढ़ते दिखाई दी तो पुलिस ने उसे उतारने का प्रयास किया। इस दौरान जब पुलिस उन्हें नीचे उतारने का प्रयास कर रही थी, तभी झूमा-झटकी में तीनों कार्यकर्ता नीचें गिर गई।

इसके बाद आशा कार्यकर्ताओं में खासा नाराजगी दिखाई दी, बाद में सहयोगी कार्यकर्ताओं ने टावर से गिरी कार्यकर्ता को अस्पताल ले गई। इस दौरान आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा कर दिया। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के धरने पर बैठने को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भूमिपूजन छोड़कर आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की बात सुननी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की आशा-ऊषा कार्यकर्ता अपनी जायज मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के समीप पालीटेक्निक कालेज पर समीप सड़कों पर कड़ी धूप में अपने बच्चों को लेकर धरने पर बैठी है. उनसे राखी बंधवाने वाले शिवराज को चुनावी भूमिपूजन छोड़ उनकी खैर खबर लेना चाहिए, लेकिन अभी तक सरकार का कोई भी जिम्मेदार उनसे मिलने तक नहीं पहुंचा है।

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