Lunar Eclipse 2021: साल का पहला चंद्रग्रहण आज, दिखेगा सूपरमून भी, जानिए भारत में कब और कहां-कहां दिखेगा
By दीप्ती कुमारी | Published: May 26, 2021 09:20 AM2021-05-26T09:20:57+5:302021-05-26T09:24:57+5:30
Lunar Eclipse 2021: साल का पहला चंद्रग्रहण आज लगने जा रहा है। हालांकि भारत के कुछ ही हिस्सों में ये बहुत कम समय के लिए नजर आयेगा। साथ ही आज सुपरमून भी देखा जा सकेगा।
दिल्ली : साल का पहला चंद्रग्रहण आज (26 मई) लगने जा रहा है। इसके अलावा सुपरमून भी लोगों को देखने को मिलेगा। चंद्रग्रहण और सूपरमून का यह बिल्कुल अनोखा संयोग है। सूपरमून के दौरान चांद लाल रक्त जैसा दिखाई पड़ता है। यह वास्तविक आकार से बड़ा औऱ चमकीला दिखाई देता है।
बहरहाल, चंद्रग्रहण की बात करें ये मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर में नजर आएगा। बता दें कि चंद्रग्रहण तब होता जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। साथ ही चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है।
Lunar Eclipse: कितने बजे से शुरू होगा चंद्र ग्रहण
भारत में ग्रहण का आंशिक चरण दोपहर बाद सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम छह बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा जबकि पूर्ण चरण शाम चार बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर शाम चार बजकर 58 मिनट पर खत्म होगा। वहीं, भारतीय समय के अनुसार ग्रहण की बात करें तो इसकी शुरुआत 2.17 बजे होगी और शाम 7.19 बजे ये खत्म होगा। इस तरह ये ग्रहण पांच घंटे दो मिनट का होगा।
चंद्रग्रहण भारत में कहां-कहा दिखाई देगा
भारत में चंद्रग्रहण पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और ओडिशा के तटीय इलाकों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप से यह थोड़ी देर के लिये नजर आएगा।
भारत में पूर्वोत्तर के हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय इलाकों और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह में शाम को ये नजर आ सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार पोर्ट ब्लेयर से ग्रहण को शाम पांच बजकर 38 मिनट से 45 मिनट तक के लिये देखा जा सकता है जो भारत में ग्रहण का सर्वाधिक समय होगा। यह पुरी और मालदा से भी शाम 6 बजकर 21 मिनट से देखा जा सकता है, लेकिन यहां नजारा सिर्फ दो मिनट के लिये दिखेगा। इसके बाद भारत में अगला चंद्रग्रहण 19 नवंबर को दिखेगा जो एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा।
क्या होता है सुपरमून
नासा के अनुसार, सुपरमून तब होता है,जब पूर्ण चंद्रमा धरती के सबसे करीब आ जाता है। कक्षा के निकटतम बिंदु को 'पेरिगी' कहा जाता और जब पूर्ण चंद्रमा पेरिगी पर प्रकट होता तो यह सामान्य पूर्ण चंद्रमा की तुलना में थोड़ा अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देता है इसीलिए इसे सुपरमून कहा जाता है। आमतौर पर खुली आंखों से सामान्य चंद्रमा और सुपरमून के बीच अंतर करना मुश्किल होता है लेकिन अगर आप इसकी तुलना दो चित्रों से करते हैं तो यह आकार में अंतर दिखाई देता है।