नयी दिल्ली, 27 मई पुरूषों में पाए जाने वाले हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन का रक्त में कम स्तर होने से पुरूषों को अधिक गंभीर कोविड-19 रोग होने का जोखिम रहता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है।
हालांकि जेएएमए नेटवर्क ओपन नाम की पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में इस बात को प्रमाणित नहीं किया गया है कि टेस्टोस्टेरॉन का कम स्तर गंभीर कोविड-19 की एक वजह है।
अमेरिका के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं ने देखा कि हॉर्मोन का कम स्तर कुछ अन्य कारकों की ओर संकेत करता है।
उन्होंने पुरुषों में कोविड-19 के इलाज के लिए टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को कम करने या अवरुद्ध करने अथवा एस्ट्रोजन बढ़ाने संबंधी हार्मोनल थैरेपियों की जांच वाले क्लिनिकल परीक्षणों में सावधानी बरतने का आग्रह किया।
एस्ट्रोजन महिलाओं में प्रजनन तंत्र के विकास और नियमन से जुड़ा हॉर्मोन होता है।
वरिष्ठ अध्ययनकर्ता अभिनव दीवान ने कहा, ‘‘महामारी के दौरान इस तरह की धारणा रही है कि टेस्टोस्टेरॉन खराब है। लेकिन हमने पुरुषों में इसके विपरीत तथ्य देखा।
उन्होंने कहा, ‘‘जब पहली बार अस्पताल आने वाले किसी व्यक्ति में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम होता है तो उसे अधिक टेस्टोस्टेरॉन वाले पुरुषों की तुलना में गंभीर कोविड-19 होने का जोखिम अधिक देखा गया।’’
दीवान ने कहा कि अगर टेस्टोस्टेरॉन का स्तर अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान और गिरता है तो जोखिम बढ़ जाता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 के लक्षण वाले 90 पुरुषों तथा 62 महिलाओं के रक्त के नमूनों में कई प्रकार के हॉर्मोन के स्तर को मापा।
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