बिहारः निशाने पर लगा कांग्रेस के इन 5 विधायकों का तीर तो महागठबंधन में होंगे नीतीश, बीजेपी को लगेगा तगड़ा झटका
By एस पी सिन्हा | Published: July 4, 2018 03:33 AM2018-07-04T03:33:50+5:302018-07-04T03:33:50+5:30
आलाकमान की चेतावनी के बाद कांग्रेस के पांच विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में जाते दिख रहे हैं।
पटना, 4 जुलाई: बिहार कांग्रेस के पांच विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में जाते दिख रहे हैं। हालाकि नीतीश कुमार के समर्थन में जाने अथवा पार्टी लाईन के खिलाफ नहीं बोले जाने के आलाकमान की चेतावनी के बाद अब विधायक महागठबंधन में नीतीश कुमार की वापसी को लेकर उनके साथ खड़े दिखाइ देने लगे। इस संबंध में बकायदा बयान भी दे रहे हैं।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह के द्वारा अपने आलाकमान से नीतीश कुमार की वकालत करने के बाद कांग्रेस विधायकों में नीतीश कुमार के साथ खडे दिखने की होड़ मच गई है। एक बाद एक अभी तक पांच विधायक पार्टी और गठबंधन लाइन से अलग नीतीश के समर्थन में बयान दे चुके हैं।
प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी और विधान परिषद में पार्टी विधायक दल के नेता मदन मोहन झा की मौजूदगी में, शुरुआत विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने की थी और फिर विधायक शकील खां, तौशिफ आलम, सुदर्शन, मुन्ना तिवारी ने नीतीश के समर्थन में बयान दिए हैं।
कांग्रेस में नीतीश कुमार के कायल विधायकों की संख्या बढती जा रही है। वैसे कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी अपने विधायकों को मुंह बंद रखने की हिदायत दे चुके हैं। बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि हमने हिदायत की है कि पार्टी लाइन के खिलाफ कोई बयान नहीं देना है।
नीतिगत फैसला आलाकमान को लेना है। उनके स्तर पर फैसला लेना है और इस मामले में दोनों (राजद और कांग्रेस) के नेताओं के तरफ से एतिहयात बरतने की जरूरत है। अपने विधायकों को नीतीश के मामले में मुंह बंद रखने की हिदायत देने वाले प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी खुद कहते हैं कि नीतीश कुमार अच्छे नेता हैं लेकिन संगत बुरी है, पहले नीतीश कुमार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
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ऐसे में कांग्रेस विधायकों में नीतीश कुमार के समर्थन में खडे होने का बढता काफिला देखकर लग रहा है कि पार्टी पर एक बार फिर टूट का खतरा मंडराने लगा है। जब अशोक चौधरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया गया था और पार्टी टूट के कगार पर खडी हो गई थी। राजनीति के जानकार भी इसे पार्टी के लिए शुभ संकेत नही मान रहे हैं। उन्हें अब लगने लगा है कि कहीं देरे सबेर कांग्रेस के विधायक टूटकर नीतीश कुमार के साथ न चले जायें।