Lokmat Parliamentary Awards 2023: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम प्रो. रामगोपाल यादव को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
By धीरज मिश्रा | Published: February 6, 2024 05:15 PM2024-02-06T17:15:30+5:302024-02-06T17:15:30+5:30
सपा के दिग्गज नेता प्रो. रामगोपाल यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम है। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद के तौर पर पार्टी की नीतियों को सदन में बखूबी से रखते हैं।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम प्रो. रामगोपाल यादव को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
Lokmat Parliamentary Awards 2023: लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड 2023 के 5वें संस्करण के पुरस्कार वितरण का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद व प्रो. रामगोपाल यादव को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला। सपा के दिग्गज नेता प्रो. रामगोपाल यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम है। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद के तौर पर पार्टी की नीतियों को सदन में बखूबी से रखते हैं। चूंकि, प्रदेश में और केंद्र में बीजेपी की सरकार है तो कई बार रामगोपाल यादव को सरकार की नीतियों के बारे में आलोचना करते हुए भी सुना जाता है।
गौरतलब है कि इस भारतीय राजनीतिज्ञ का जन्म इटावा जिले के सैफई गांव में 29 जून, 1946 को जन्म हुआ। राम गोपाल ने अपनी शिक्षा इटावा,आगरा और कानपुर में हुई। आगरा यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में एम एससी और कानपुर यूनिवर्सिटी से पॉलीटिकल साइंस में एम ए करने के बाद पीएचडी की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अध्यापन का कार्य शुरू किया। हालांकि, वह राजनीति में नहीं आना चाहते थे।
लेकिन, बड़े भाई और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कहने पर वह राजनीति में आए। एक इंटरव्यू के दौरान प्रो.रामगोपाल यादव ने कहा था कि वो कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वो तो पेशे से प्राध्यापक थे। एक दिन नेता जी मुलायम सिंह जीप में आए और बोले कोई भी उम्मीदवार नहीं मिल रहा है तो तुम बसरेहर, इटावा से ब्लाक प्रमुख चुनाव के लिए नामांकन कर आओ।
उसे जीतने के बाद फिर ज़िला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ और तब तक मैं सक्रिय राजनीति में पहुंच चुका था। 1992 में जब समाजवादी पार्टी बनी उसके बाद वह पहली बार राज्यसभा भेजे गए और तब से आज तक समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं। रामगोपाल यादव का समाजवादी पार्टी के अंदर कद बहुत बड़ा है।
कहा जाता है कि मुलायम और अखिलेश जो भी राजनैतिक फैसला लेते उसके लिए रामगोपाल यादव से बात जरूर करते। रामगोपाल यादव को समाजवादी पार्टी के लोग सम्मान से प्रोफेसर साहब भी कहते हैं। रामगोपाल यादव के लिए कहा जाता है कि 2017 में जब मुलायम सिंह यादव के परिवार में कलह उजागर हुई थी तब वह पूरी मजबूती के साथ अखिलेश यादव के साथ खड़े रहे।