Lokmat Exclusive: जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल के रूप में सेवा जारी रख सकते हैं सत्यपाल मलिक!
By हरीश गुप्ता | Published: October 12, 2019 09:15 AM2019-10-12T09:15:09+5:302019-10-12T09:15:09+5:30
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद मलिक को उप-राज्यपाल के रूप में नामित किया जाएगा। उन्हें राज्यपाल से उपराज्यपाल बनने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाश मिश्रा लद्दाख के उप-राज्यपाल की दौड़ में सबसे आगे हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार ने नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के नए उपराज्यपाल की नियुक्ति की कवायद शुरू कर दी है। वहीं, यह निर्णय लिया गया है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक 31 अक्टूबर के बाद भी श्रीनगर में जमें रहेंगे जबकि लद्दाख के लिए नया उपराज्यपाल नियुक्त किया जाएगा।
जानकारी मिली है कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद मलिक को उप-राज्यपाल के रूप में नामित किया जाएगा। उन्हें राज्यपाल से उपराज्यपाल बनने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
अगर खबरों पर यकीन करें तो सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाश मिश्रा लद्दाख के उप-राज्यपाल की दौड़ में सबसे आगे हैं। ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी मिश्रा की नवीन पटनायक सरकार से लड़ाई चल रही थी। जब उनको पुलिस महानिदेशक पद से हटाया गया तो नरेंद्र मोदी सरकार ने उनको केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव तैनात किया था। बाद में उनको सीआरपीएफ का महानिदेशक बनाया गया था।
अपनी सेवानिृवत्ति के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री मोदी केंद्र शासित प्रदेशों में केवल नौकरशाहों और चोटी के पुलिस अधिकारियों को ही नियुक्त करना चाहते हैं।
पांच केंद्र शासित प्रदेशों में सेवानिवृत्त आईएएस या आईपीएस अधिकारी कार्यभार संभाल रहे हैं। हालांकि दादर और नगर हवेली में प्रफुल्ल खोड़ा पटेल नियुक्त किए गए थे। वो गुजरात में गृह राज्यमंत्री थे।
उनको छोड़ दें तो किरण बेदी (पुडुचेरी), डीके जोशी (अंडमान निकोबार), फारुख खान (लक्षद्वीप), और अनिल बैजल (दिल्ली) नियमित सेवा से जुड़े हैं।
जहां तक चंडीगढ़ का सवाल है पंजाब का राज्यपाल होने के कारण वीपी सिंह बदनौर वहां के प्रशासक हैं। सूत्रों का कहना है कि उत्कृष्ट अधिकारी रह चुके प्रकाश मिश्रा सरकार की कसौटी पर खरे उतरते हैं क्यों लद्दाख को एक अनुभवी प्रशासक की जरूरत है।
उपराज्यपाल की नियुक्ति के संबंध में दो सप्ताह के भीरत अंतिम निर्णय लिया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय अभी केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच आईएएस, आईपीएस कैडर को विभाजित करने में व्यस्त है।