लखनऊ/जौनपुर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती मंगलवार को जौनपुर में पार्टी की चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंची। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस को बड़े उद्योगपतियों की पार्टी बताया। यह भी कहा कि इन दोनों पार्टियों ने उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए नीतियां बनाई तथा इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा लिया। यह दावा करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा के शासन में दलितों, आदिवासियों या किसी भी वर्ग का उत्थान नहीं हुआ। दलित और आदिवासियों को नौकरी नहीं मिली। भाजपा और आरएसएस की सरकार के चलते हिंदुत्व के आड़ में चल रही राजनीति से हालत खराब है। केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों से देश पर असर दिखाई दे रहा है और बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के चलते जनता परेशान है, अब अगर फ्री एंड फेयर इलैक्शन हुआ तो भाजपा की सरकार सत्ता में नहीं आएगी।
धनंजय सिंह को नहीं दिया महत्व
जौनपुर के बख्शा ब्लॉक में आयोजित चुनावी रैली में मायावती के लिए बेहद खास थी। जौनपुर की सीट पर बसपा के सांसद रहे दबंग धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को मायावती ने चुनाव मैदान में उतारा था। बाद में जेल से बाहर आने पर धनंजय सिंह ने भाजपा नेताओं से नजदीकी बढ़ा ली। इसकी खबर जैसे लकी मायावती को हुई तो श्रीकला का टिकट काटते हुए जौनपुर सीट से बीते लोकसभा चुनाव में बसपा के ही टिकट पट चुनाव जीते श्याम सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतार दिया। श्याम सिंह यादव को मायावती इस बात टिकट देना नहीं चाहती थी, लेकिन हालत ऐसे बने ही आज उन्होंने जौनपुर में श्याम सिंह यादव को जीतने की अपील दलित समाज से की और कहा कि बसपा के समर्थक एकजुट होकर भाजपा और इंडिया गठबंधन के खिलाफ वोट देकर पार्टी के उम्मीदवार को जिताए।
यह अपील करते हुए मायावती दबंग धनंजय सिंह का ज़िक्र तक नहीं किया, जबकि धनंजय सिंह ने 24 घंटे पहले भाजपा के मंच से यह ऐलान किया था कि वह जौनपुर और मछली शहर में बसपा के उम्मीदवार को जीतने नहीं देंगे। बताया जा रहा है कि मायावती को धनंजय सिंह के इस ऐलान के बारे में बताया गया था लेकिन उन्होंने धनंजय सिंह को भाव ना देते हुए उनको लेकर एक शब्द भी नहीं बोला।
भाजपा की जुमलेबाजी काम नहीं आएगी
जौनपुर की इस रैली में मायावती ने आरक्षण को लेकर जरूर विस्तार से अपना मत स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यूपी में हमारी चार बार सरकार रही। हमने किसानों, मजदूरों के साथ सभी वर्गों का ध्यान दिया। हमारी सरकार ने आरक्षण के जरिए लोगों को नौकरी मिली, रिक्त सरकारी पद भरे गए और अब पूरे देश मे सरकारी नौकरी में आरक्षण का कोटा अधूरा है। अखिलेश सरकार ने एससीएसटी कोटे में आरक्षण देने की बजाए उसे खत्म किया, इससे स्पष्ट है कि सपा पिछड़ी, दलित विरोधी है। आज भी यह कांग्रेस कहती है कि वो संविधान के खिलाफ नहीं हैं. सभी पार्टियां वोट की खातिर आरक्षण को लेकर बड़ी- बड़ी बातें कर रही हैं। अब लोगों को समझ में आ गया है कि अच्छे दिन के नाम पर प्रलोभन दिया जा रहा है।
मायावती के अनुसार, पिछले कई वर्षों से भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ सत्ता में काबिज है। इनकी भी कथनी और करनी में अंतर है और भाजपा को इस बार सत्ता आसानी से मिलने वाली नहीं है। इस बार भाजपा नेताओं की जुमलेबाजी और नाटकबाजी काम नहीं आने वाली, जनता सब समझ चुकी है। भाजपा वालों ने अच्छे दिन दिखाने के वादे किए थे, सब हवा हवाई रहा।