लोकसभा चुनाव 2019ः तीसरे चरण के लिए इन हाई प्रोफाइल सीटों पर टिकी हैं सभी की निगाहें
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 22, 2019 03:40 PM2019-04-22T15:40:46+5:302019-04-22T16:42:04+5:30
तीसरे चरण के मतदान में कई दिग्गज नेताओं का भविष्य दांव पर है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हैं। 23 अप्रैल को तीसरे चरण के मतदान के लिए कुछ प्रमुख सीटों का विवरण इस प्रकार हैः-
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की 117 सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होना है। इस चरण में 1600 उम्मीदवार मैदान में हैं। सीटों की संख्या के हिसाब से यह चरण सबसे बड़ा है। तीसरे चरण में गुजरात की सभी 26 और केरल की 20 सीटों पर मतदान होगा। इसके अलावा कर्नाटक की 14, उत्तर प्रदेश की 10 और पश्चिम बंगाल की पांच सीटों पर भी चुनाव होंगे।
इस चरण के मतदान में कई दिग्गज नेताओं का भविष्य दांव पर है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हैं। राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से और अमित शाह गुजरात की गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
23 अप्रैल को तीसरे चरण के मतदान के लिए कुछ प्रमुख सीटों का विवरण इस प्रकार हैः-
1. वायनाड (केरल)
किसके बीच मुकाबलाः राहुल गांधी (कांग्रेस), तुषार वेलापल्ली (एनडीए), पीपी सुनीर (लेफ्ट)
कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी के वायनाड से पर्चा भरने के कारण यह सीट चर्चा में आ गई। इस सीट से उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दक्षिण से उनका जुड़ाव है। कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर कर्नाटक, केरल और तमिलमाडु समेत दक्षिण भारत की तमाम सीटों पर असर पड़ेगा। सीपीआई नेता रेड्डी ने कहा था कि लेफ्ट फ्रंट हर मुमकिन कोशिश करेगा ताकि राहुल गांधी को हराया जा सके।
2014 चुनाव के नतीजेःलोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस ने प्रदेश महासचिव एमआई शनावास जीते थे। उन्होंने सीपीआई उम्मीादवार पीआर सत्यन मुकरी को 20,870 वोटों से हराया था। एमआई शनावास 3,77,035 वोट मिले थे। जबकि, सीपीआई पार्टी के पीआर सत्यन मुकरी को 356165 वोट मिले थे।
2. गांधीनगर (गुजरात)
किसके बीच मुकाबलाः अमित शाह (बीजेपी), सी जे चावड़ा (कांग्रेस)
गुजरात की गांधीनगर सीट पारंपरिक रूप से लालकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ते थे। 2019 लोकसभा चुनाव में आडवाणी का टिकट काट दिया गया। इस सीट से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में गांधीनगर में सर्वाधिक मतदाता हैं जिनकी संख्या 19.21 लाख है। इसमें गांधीनगर उत्तर, कलोल, साणंद, घाटलोदिया, वेजलपुर, नारनपुरा और साबरमती समेत सात विधानसभा क्षेत्र हैं।
2014 चुनाव के नतीजेः 16वीं लोकसभा के लिए इस सीट से लालकृष्ण आडवाणी ने विशाल वोटों से जीत दर्ज की थी।
3. मधेपुरा (बिहार)
किसके बीच मुकाबलाः शरद यादव (आरजेडी), पप्पू यादव (निर्दलीय), दिनेश चंद्र यादव (एनडीए)
बेशक मधेपुरा हाई-प्रोफ्राइल सीट है, लेकिन इस बार यहां न कोई मुद्दा है, न कोई दागी और न ही बागी। मसला सिर्फ मोदी या माद्दा है। यादव बहुल इस संसदीय क्षेत्र में वोटरों के रुख पर पर ही दिग्गजों का भाग्य टिका है। मुकाबला त्रिकोणीय है और तीनों दिग्गज एक ही बिरादरी के हैं। यहां देश के दिग्गज राजनीतिज्ञों में शुमार शरद यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
2014 चुनाव के नतीजेः बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट आरजेडी का गढ़ मानी जाती है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद स्वयं यहां से 1998 व 2004 में सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। वर्तमान में शरद यादव की संसदीय सीट है।
4. पुरी (ओडिशा)
किसके बीच मुकाबलाः संबित पात्रा (बीजेपी), पिनाकी मिश्रा (बीजेडी), सत्य प्रकाश (कांग्रेस)
पुरी से इस बार भाजपा, कांग्रेस और बीजद के प्रवक्ताओं के बीच एक दिलचस्प चुनावी लड़ाई का गवाह बनने वाला है। भाजपा ने अपने तेज- तर्रार प्रवक्ता संबित्र पात्रा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं मौजूदा सांसद और बीजद के प्रत्याशी पिनाकी मिश्र के अलावा कांग्रेस के पत्रकार से राजनेता बने सत्य प्रकाश नायक भी चुनावी जंग में उतर चुके हैं। ये तीनों प्रत्याशी अपनी-अपनी पार्टी के प्रवक्ता हैं।
2014 चुनाव के नतीजेः पिछले ढाई दशकों से लगातार पुरी की सीट पर बीजद का कब्जा रहा है। देखा जाए तो अब तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस छह बार, बीजद पांच बार, जनता दल दो बार और जनता पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी व सीपीआई ने एक-एक बार इस सीट से जीत दर्ज की है।
5. रामपुर (उत्तर प्रदेश)
किसके बीच मुकाबलाः आजम खां (सपा), जया प्रदा (बीजेपी)
उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट इन दिनों विवाद में है। रामपुर सीट से सपा प्रत्याशी आजम खान के अपनी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा के साथ बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रहा है। रामपुर में एक चुनावी सभा में आजम खान ने कहा था "रामपुर वालों, उत्तर प्रदेश वालों, हिंदुस्तान वालों! उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लग गए। मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का जो अंडरवियर है वह भी खाकी रंग का है।
2014 चुनाव के नतीजेः 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी के नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी. 2014 में उत्तर प्रदेश से कोई भी मुस्लिम सांसद चुनकर नहीं गया था, जो कि इतिहास में पहली बार हुआ था.
6. फिरोजाबाद (यूपी)
किसके बीच मुकाबलाः शिवपाल यादव (प्रसपा), अक्षय प्रताप यादव (सपा)
समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन करने वाले शिवपाल सिंह यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वह यहां अपने भतीजे और वर्तमान सांसद अक्षय यादव का मुकाबला करेंगे। अक्षय प्रताप सपा के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे हैं। शिवपाल यादव के उतरने से सपा के गढ़ में ही अक्षय यादव की चुनौतियां काफी बढ़ गई है। बीजेपी ने यहां कमजोर प्रत्याशी उतारा है और मतदान से केवल 20 दिन पहले ही प्रत्याशी की घोषणा की है। मुख्य मुकाबला चाचा-भतीजे के बीच ही है।
2014 चुनाव के नतीजेः अक्षय यादव ने फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रो. एस.पी. बघेल और बसपा के कैंडिडेट विश्वदीप सिंह के साथ कांग्रेस के अतुल चतुर्वेदी को मात दी थी।
7. जंगीपुर (पश्चिम बंगाल)
किसके बीच मुकाबलाः कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी को जंगीपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया है। अभिजीत मुखर्जी इस सीट से सांसद हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने खलिलुर रहमान को टिकट दिया है। बीजेपी ने मुस्लिम महिला कैंडिडेट को टिकट दिया है। पार्टी ने माफूजा खातून को उम्मीदवार बनाया है। सीपीएम ने मोहम्मद जुल्फीकार अली को टिकट दिया है, जबकि शमीमुल इस्लाम बीएसपी के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। मफूजा खातून दो बार माकपा की विधायक रह चुकी हैं। इस सीट से निर्दलीय समेत कुल 11 पार्टियां मैंदान में हैं।
2014 चुनाव के नतीजेः इस सीट से देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी चुनाव लड़ा करते थे। 2014 में यहां से कांग्रेस उम्मीदवार अभिजीत मुखर्जी चुनाव जीते थे।
इसके अलावा मैनपुरी, मुरादाबाद, बदायूं, पीलीभीत, रायपुर और अनंतनाग सीटों पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।