Lok Sabha Elections 2024: संजय निरुपम को मिली 'बगावती तेवर' की सजा, कांग्रेस ने "पार्टी विरोधी बयानों" के लिए किया छह साल के लिए बाहर
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 4, 2024 07:15 AM2024-04-04T07:15:46+5:302024-04-04T07:19:12+5:30
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के अन्य सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ बयानबाजी के कारण कांग्रेस ने संजय निरुपम को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र में आखिरकार कांग्रेस के तेज-तर्रार कांग्रेस नेता संजय निरुपम को उनके बगावती तेवर के कारण सजा मिल ही गई। जी हां, लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के अन्य सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ कर रहे बयानबाजी के कारण पार्टी ने संजय निरुपम को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
इस संबंध में कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक बयान जारी करके कहा है कि महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम को "अनुशासनहीनता" और "पार्टी विरोधी बयानों" के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार वेणुगोपाल ने बुधवार रात में जारी किये बयान में कहा, "अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों पर ध्यान देते हु, माननीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संजय निरुपम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी है।"
कांग्रेस पार्टी का यह फैसला दिन में लोकसभा आम चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से निरुपम को हटाए जाने के बाद आया है। निरुपम के निष्कासन से पूर्व महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था, "स्टार प्रचारकों में संजय निरुपम नाम था, जिसे रद्द कर दिया गया है। वह जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उस पर कार्रवाई की जाएगी।"
लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर इंडिया ब्लॉक पार्टनर, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणी के लिए यह कार्रवाई की गई। हालांकि पटोले की घोषणा के तुरंत बाद संजय निरुपम ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि वह पार्टी छोड़ने का फैसला खुद लेंगे।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी को मेरे लिए ज्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी बर्बाद नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय इसका उपयोग पार्टी को बचाने के लिए करें। वैसे भी पार्टी गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है। मैंने जो एक सप्ताह का समय दिया था वह आज पूरा हो गया है। कल मैं खुद फैसला लूंगा।''
मालूम हो कि संजय निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन सीट बंटवारे के बाद यह सीट शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोत कीर्तिकर के पास चली गई। 2009 में लोकसभा में मुंबई उत्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले निर्पुम ने कहा कि मुंबई में उम्मीदवार उतारने का शिवसेना का निर्णय कांग्रेस को किनारे करना था।
विशेष रूप से, 48 लोकसभा सीटों के साथ महाराष्ट्र राज्य, उत्तर प्रदेश के बाद संसद के निचले सदन में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने लड़ी गई 25 सीटों में से 23 पर जीत हासिल की, जबकि अविभाजित शिवसेना ने 18 सीटें हासिल कीं। विपक्षी गठबंधन का हिस्सा अविभाजित राकांपा ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और चार पर जीत हासिल की।