Lok Sabha Elections 2024: "आदिवासियों को बांग्लादेशी घुसपैठियों से बचाने के लिए संघ और ईसाई मिशनरियों को हाथ मिलाना चाहिए", निशिकांत दुबे ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 29, 2024 11:21 IST2024-05-29T11:16:35+5:302024-05-29T11:21:26+5:30
निशिकांत दुबे ने झारखंड के चुनावी हालात पर बात करते हुए कहा कि यहां की सत्ता पर काबिज झारखंड मुक्ति मोर्चा की गठबंधन वाली सरकार का कोई प्रभाव नहीं है, जनता पीएम मोदी को फिर से प्रधानमंत्री की गद्दी पर देखना चाहती है।

फाइल फोटो
रांची: झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी और मौजूदा सांसद निशिकांत दुबे ने चुनावी हालात पर बात करते हुए कहा कि उन्हें विरोधी दल के प्रत्याशी से कोई चुनौती नहीं है। निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में सत्ता पर काबिज झारखंड मुक्ति मोर्चा की गठबंधन वाली सरकार का कोई प्रभाव नहीं है, जनता पीएम मोदी को फिर से प्रधानमंत्री की गद्दी पर देखना चाहती है।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार निशिकांत दुबे के साथ अभिनेता से नेता बने सांसद मनोज तिवारी, जो कि भाजपा के टिकट पर दोबारा उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं। वो कहते हैं कि गोड्डा की जनता निशिकांत दुबे को चौथी बार चुनकर दिल्ली भेजेगी।
भाजपा प्रत्याशी दुबे ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की प्राथमिकताओं और क्षेत्र के लोगों की शिकायत पर कहा, "मुझे एक घर ऐसा दिखाइए, जहां कोई शिकायत न हो। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक लाख लोगों को नाम से जानता हूं और उन्हें चेहरे से पहचान सकता हूं। मैं हमेशा कहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक डिपार्टमेंटल स्टोर की तरह हैं, जबकि मैं "परचून की दुकान" की तरह हूं। पीएम ने जो कुछ भी दिया, वह मैंने रिटेलर की तरह अपने संसदीय क्षेत्र के लिए ले लिया। हमें 1.5 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं दीं, जिनमें से कुछ पूरी हो चुकी हैं और कुछ पाइपलाइन में हैं।"
गोड्डा में एम्स और एयरपोर्ट का निर्माण पर सांसद दुबे ने कहा, "मेरे से पूर्व यह निर्वाचन क्षेत्र पिछड़ा रहा, फिर हम इसे पीएम 'लुक ईस्ट पॉलिसी' के तहत लेकर आए। जैसा कि मैंने कहा यहां पर एम्स और हवाई अड्डे का काम तेजी से टल रहा है और इसका श्रेय मोदी और भाजपा को जाना चाहिए। दूसरा पीएम मोदी का गोड्डा पर विशेष ध्यान रहा है, संभावत: इसलिए क्योंकि गोड्डा भगवान शिव की भूमि है और पीएम मोदी भी उनके भक्त हैं।"
निशिकांत दुबे ने अपने क्षेत्र की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री की तरह मेरा भी मानना है कि क्षेत्र की जनसांख्यिकी बदल गई है। 1947 के बाद से झारखंड एकमात्र राज्य है जहां 2008 में एक सर्वेक्षण किए जाने के बावजूद परिसीमन लागू नहीं किया जा सका। राज्य भर में आदिवासियों की आबादी 11 फीसदी कम हो गई है और संथाल परगना में सबसे अधिक बांग्लादेशी मुस्लिम आबादी की वृद्धि देखी गई है क्योंकि बंगाल में तृणमूल सरकार के गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम का परिवार उन्हें नागरिकता दे रहा है।"
उन्होंने कहा, "मैं ये जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि अब समय आ गया है कि आदिवासियों को बचाने के लिए और बांग्लादेशी घुसपैठियों के द्वार लव और जमीन जिहाद को रोकने के लिए ईसाई मिशनरियों और आरएसएस को हाथ मिलाना चाहिए। हम आदिवासी समुदाय के भीतर धर्मांतरण के मुद्दे से बाद में निपटेंगे, लेकिन अभी आदिवासी संस्कृति को बचाने का समय है"
निशिकांत दुबे ने कहा कि आपातकाल के दौरान संघ ने सीपीएम के साथ मिलकर काम किया था और सभी कांग्रेस विरोधी ताकतों ने देश को तानाशाही से बचाने में मदद की थी।
जब निशिकांच दुबे से यह पूछा गया कि लोगों का एक वर्ग पीएम मोदी को भी 'तानाशाह' बता रहा है तो उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया पर उन्हें हर दिन गालियां दी जा रही हैं लेकिन उसकी वजह से कितने लोगों को जेल भेजा गया है? दूसरी ओर विपक्ष नेता मसलन ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे या एमके स्टालिन के खिलाफ क्या कुछ भी ट्वीट कर सकते हैं? ये तो सिर्फ उदाहरण हैं। अब बताएं कि तानाशाह कौन है? हम 16 वर्षों से सत्ता में हैं, जिसमें मोदी के नेतृत्व में 10 साल और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में छह साल लेकिन हमने कभी संविधान में संशोधन के बारे में नहीं सोचा।"
निशिकांत दुबे ने कहा, "जिन जगहों पर एनडीए ने अगड़ी जाति के उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, वहां विपक्ष यह दावा कर रहा है कि वह व्यक्ति पिछड़ा विरोधी है। इसी तरह अगर एनडीए उम्मीदवार एससी या एसटी समुदाय से है, तो विपक्ष 'संविधान बचाओ' का राग अलापता है। यदि एनडीए उम्मीदवार ओबीसी समुदाय से है, तो कहानी यह फैलाई जाती है कि भाजपा आरक्षण खत्म करना चाहती है, आखिर विपक्ष कहां विकास के मुद्दों की बात कर रहा है?'
क्या बीजेपी के पास मुस्लिम समुदाय को विश्वास में लेने की कोई योजना है?, इस सवाल पर निशिकांत दुबे ने कहा, "बीजेपी मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। यह सिर्फ एक कथा है। मुसलमान बाहर आते हैं और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ वोट करते हैं, लेकिन यहां उनका मतदान केवल 45-46 फीसदी है, और वे मेरे खिलाफ वोट नहीं करते हैं।"