Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी-उद्धव ठाकरे के बीच सीट बंटवारे को लेकर फोन पर हुई बातचीत, 8 सीटों पर फंसा है पेंच
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 23, 2024 11:55 AM2024-02-23T11:55:33+5:302024-02-23T12:02:38+5:30
महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग के सवाल पर राहुल गांधी ने शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ टेलीफोन पर वार्ता की।
मुंबई: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी गठबंघन इंडिया में सीटों के बंटवारे को लेकर भारी घमासान चल रहा है। दरअसल इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का लगभग सभी राज्यों में सीटों को लेकर क्षेत्रीय क्षत्रपों से संघर्ष चल रहा है।
सीट शेयरिंग के लिए हो रही बातचीत के इसी क्रम में राहुल गांधी ने बीते गुरुवार को महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ वार्ता की।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार दोनों नेताओं के बीच सूबे की 48 सीटों में से आठ सीटों पर हो रहे गतिरोध को लेकर फोन पर व्यापक चर्चा हुई। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच में मौजूद राहुल गांधी ने कथित तौर पर शिवसेना (यूबीटी) नेता से एक घंटे तक बात की।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से तीन मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम पर चुनाव लड़ना चाहती है। कथित तौर पर उद्धव ठाकरे राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिनमें मुंबई की चार सीटें मुंबई साउथ, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट और मुंबई साउथ सेंट्रल शामिल हैं।
मालूम हो कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर सीट वार्ता पूरी तरह से भीतरखाने चल रही है। इससे पहले 2019 के चुनाव में तीनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस बार तीनों मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और लगभग 40 सीटों पर कोई गतिरोध नहीं है लेकिन आठ सीटों पर मामला अब भी उलझा हुआ है।
अविभाजित शिवसेना ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 48 में से 22 सीटों पर चुनाव लड़ा और 18 पर जीत हासिल की, जिसमें मुंबई की तीन सीटें शामिल थीं। शिवसेना के विभाजन के बाद महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे के गुट ने भाजपा के साथ नई सरकार बनाई।
इस साल की शुरुआत में, शरद पवार की एनसीपी को भी ऐसी ही टूट का सामना करना पड़ा था, जब दिग्गज नेता के भतीजे अजीत पवार एकनाथ शिंदे-भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस को भी अपने दो प्रमुख नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और मिलिंद देवड़ा को खोना पड़ा है। दलबदल के सियासी खेल में महाराष्ट्र के विपक्षी सहयोगियों के लिए सीट वार्ता को जटिल बना दिया है।