Lok Sabha Elections 2024: बिहार के छपरा में हुई चुनावी हिंसा के मामले में एसपी गौरव मंगला पर गिरी गाज, चुनाव आयोग ने हटाया, डॉ. कुमार आशीष बनाये गये नए एसपी
By एस पी सिन्हा | Updated: May 26, 2024 15:26 IST2024-05-26T15:16:23+5:302024-05-26T15:26:30+5:30
बिहार के छपरा गोलीकांड के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य सरकार ने जिले के एसपी गौरव मंगला को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

फाइल फोटो
पटना:बिहार के छपरा गोलीकांड के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य सरकार ने जिले के एसपी गौरव मंगला को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उनकी जगह नए एसपी के तौर पर आईपीएस डॉ. कुमार आशीष की नियुक्ति की गई है।
बताया जा रहा है कि आईपीएस अधिकारी डॉ. कुमार आशीष फिलहाल मुजफ्फरपुर में रेल एसपी के पद पर तैनात हैं। गृह विभाग ने उनकी नवीन तैनाती को लेकर आदेश जारी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार एसपी गौरव मंगला को बिहार पुलिस मुख्यालय में योगदान देने का निर्देश दिया गया है। अगले आदेश तक गौरव मंगला पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहेंगे। इस बीच सारण लोकसभा क्षेत्र में चुनाव बाद भड़की हिंसा मामले में एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी है।
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट मिल चुकी है। अभी इसका अध्ययन किया जा रहा है। वहीं, एसआईटी की तरफ से दी गई जांच रिपोर्ट में घटना के दिन से लेकर इस मामले में की गई कार्रवाई तक का उल्लेख किया गया है। इस दौरान किससे क्या चूक हुई, इस पर भी फोकस किया गया है। रिपोर्ट में प्रशासन व अन्य लोगों के द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मामले में भी कई तथ्यों का उल्लेख है।
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो खुद आयुक्त और डीआईजी ने इस मामले की अपनी स्तर से जांच की थी। बताया जाता है कि कमिश्नर और डीआईजी की इस रिपोर्ट के बाद वरीय अधिकारी से लेकर तीन अन्य अफसर पर भी करवाई की गाज गिर सकती है। अब आयोग की कार्रवाई पर ही सबकी निगाहें टिकी है।
बता दें कि छपरा में 20 मई को सारण लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के एक पोलिंग बूथ पर बार-बार जाने से विवाद खड़ा हुआ था। बाद में यहां फायरिंग की घटना भी हुई और एक कार्यकर्ता की जान चली गई। दोनों पक्षों की ओर से पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है।
वहीं, एसपी के तबादले से पहले सारण में हुई हिंसा ने हालात को तनावपूर्ण बना दिया है। पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।