Lok Sabha Elections 2024: "मैं अपने हाथ से बेटे पंकज को टिकट नहीं दिया, इस बात से वो नाराज भी था", राजनाथ सिंह ने राजनीतिक "परिवारवाद' पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 28, 2024 02:39 PM2024-03-28T14:39:35+5:302024-03-28T14:56:09+5:30
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने अपने बेटे पंकज सिंह को पार्टी का टिकट देने से इनकार कर दिया था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मुझपर 'परिवारवाद' का आरोप लगे।
नई दिल्ली: देश के रक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने राजनीतिक वंशवाद के लिए विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि एक बार उन्होंने नोएडा से विधायक अपने बेटे पंकज सिंह को पार्टी का टिकट देने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उन पर 'परिवारवाद' का आरोप लगे।
केंद्रीय मंत्री ने राजनाथ सिंह ने गुरुवार को टाइम नाउ समिट में बोलते हुए साल 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के वक्त को याद करते हुए वह भाजपा अध्यक्ष थे और उन्हें अपने बेटे पंकज सिंह को टिकट देने से इनकार कर दिया था।
राजनाथ सिंह ने उस समय की एक घटना को याद करते हुए कहा, "यूपी विधानसभा चुनाव के समय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और राजस्थान के वर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र मेरे पास आए और उन्होंने सुझाव दिया कि मेरे बेटे पंकज सिंह वाराणसी के किसी एक विधानसभा से चुनाव लड़ने का टिकट दिया जाए। लेकिन चूंकि उस समय मैं पार्टी का अध्यक्ष था, इस कारण मैं कल्याण सिंह और कलराज मिश्र को साफ शब्दों में इनकार कर दिया।"
उन्होंने आगे कहा, "उस समय मेरे बगल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी भी बैठे थे। उन दोनों लोगों ने मुझसे कहा कि पंकज सिंह को टिकट दे दिया जाए लेकिन मैंने अपने दोनों वरिष्ठ नेताओं को मना कर दिया और कहा कि मैं अपने हाथ से बेटे को कभी भी पार्टी का टिकट नहीं दूंगा।"
राजनाथ सिंह ने कहा, "मेरे उस फैसले से मेरा बेटा पंकज सिंह भी नाराज हो गया था कि उसे उस वक्त मेरा आशीर्वाद नहीं मिला लेकिन मैं नहीं ताहता था कि मेरे भाजपा अध्यक्ष रहते हुए पंकज सिंह को चुनाव का टिकट मिले।"
उन्होंने कहा, "पंकज घर आया, उसने मेरे पैर छुए, लेकिन मैंने उसे अपना आशीर्वाद नहीं दिया। वह बहुत दुखी हुआ और जाकर अपनी मां से शिकायत की। मैंने साफ कह दिया कि मैं अपने बेटे को अपने हाथों से पार्टी का टिकट नहीं दे सकता। उसके बाद पंकज ने बहुत संयम से काम लिया और मुझसे कहा कि पापा, अगर आप चाहते है तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।''
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि साल 2017 में जब अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, जब जाकर उनके बेटे को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था।
'परिवारवाद' की अवधारणा के बारे में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "मान लीजिए कि मैं एक पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरी इच्छा है कि मेरे बाद मेरा बेटा इस पद को संभाले और बाद में उनका बेटा... हम इसे परिवारवाद कहते हैं। पीएम मोदी सदन में वंशवाद की राजनीति को भी स्पष्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि 'अगर एक परिवार के 8-9 लोग राजनीति में सक्रिय हैं, तो हम इसे परिवारवाद नहीं कह सकते हैं, लेकिन जब एक परिवार एक पार्टी को चलाती है और एक परिवार को पार्टी में प्राथमिकता दी जाती है, तो वह' परिवारवाद है।"