पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर शुक्रवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्ग में हुई। इसमें राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, उद्धव ठाकरे सहित 15 दलों के नेता इस महाबैठक में शामिल हुए। करीब ढाई घंटे चली बैठक में यह तय हुआ है कि विपक्षी एकता की दूसरी बैठक शिमला में होगी।
यह बैठक 10 से 12 जुलाई के बीच हो सकती है। बैठक के बाद विपक्षी पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि एक साथ चलने की बात हुई है। एक साथ चुनाव लड़ने की सहमति बन गई है। अगली बैठक सब पार्टियों की एक और जल्द की जाएगी। इस बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा, कौन कहां से, कैसे लड़ेगा?
भाजपा-आरएसएस आक्रमण
वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है। भाजपा-आरएसएस आक्रमण कर रही है। मैंने बैठक में कहा कि हम सब एक साथ खड़े हैं। सभी पार्टी में थोड़े-थोड़े डिफ्रेंसेज है, लेकिन एक साथ काम करेंगे। आज जो बातचीत की है, उसे अगली बैठक में और आगे बढ़ाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि ये लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है। कुछ समय बाद फिर बैठक होगी। उन्होंने कहा कि हम सब अच्छे तरीके से आगे बढ़ने जा रहे हैं। जबकि ममता बनर्जी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बहुत अच्छे तरीके से बैठक का आयोजन किया है। पटना से ही जनआंदोलन शुरू होता है।
भाजपा की तानाशाही के खिलाफ हम सभी लोग एक साथ
उन्होंने कहा कि भाजपा की तानाशाही के खिलाफ हम सभी लोग एक साथ हैं। यह बैठक पटना में करने के लिए मैंने ही कहा था, क्योंकि जो आंदोलन पटना से शुरू होता है। वह जनआंदोलन का रुप धारण करता है। इसी कारण हम सभी लोगों ने पटना में यह बैठक की है।
दिल्ली में कई बार बैठक हुई, लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। आज की बैठक में तीन चीजें क्लियर हुई। पहला हम एक है। दूसरी हम एक साथ लड़ेंगे। तीसरी जो भी पॉलिटिकल एजेंडा भाजपा लाए, हमलोग साथ मिलकर उसका विरोध करेंगे। इस लड़ाई में अपना खून बहाना पड़ा तो बहाएंगे। आज इतिहास का बड़ा दिन है।
हर प्रदेश के लिए अलग-अलग रणनीति भी तय होगी
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव लड़ने का कॉमन एजेंडा तैयार कर रहें हैं। 10-12 जुलाई को शिमला में बैठक करेंगे हालांकि ये अभी संभावित तिथि है। बैठक कर इसमें आगे का एजेंडा बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिमला में आयोजित बैठक में हर प्रदेश के लिए अलग-अलग रणनीति भी तय होगी।
खड़गे ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर साल 2024 की लड़ाई लड़नी है और भाजपा को सत्ता से बाहर कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक के नेताओं का विपक्षी दलों की बैठक में साथ मिला है। जहां-जहां राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है, वहां के सभी नेता आए हैं।
एमके स्टालिन भी पटना से रवाना हो गए
दूसरी तरफ एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे और हम बीते 25 सालों से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन सब कुछ भूलकर हम साथ आए। विपक्षी दलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल नहीं आए। वहीं, एमके स्टालिन भी पटना से रवाना हो गए।
इसबीच संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने राहुल गांधी पर जमकर चुटकी ली। लालू ने कहा कि आप जल्दी से शादी करिए। आप शादी करिए हम लोग बाराती चलेंगे। जल्दी से शादी करिए। लालू प्रसाद यहीं नहीं रुके राहुल गांधी की दाढ़ी पर भी जमकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि आपकी मम्मी कहती थीं कि हमारा बात नहीं मानता है।
देश की जनता बोलती थी कि वोट आपका
इसलिए आप तुरंत शादी करिए। लालू की बातों को सुनकर सारे नेता हंसने लगे। लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा को बढ़िया से ठीक कर देना है ठोक-पीट कर। तय हुआ है कि अगली बैठक शिमला में होगी। आगे क्या कुछ होगा उस बैठक में तय होगा। एक होकर लड़ना है, देश की जनता बोलती थी कि वोट आपका है, लेकिन आपलोगों का वोट बंट जाता है।
इसललिए भाजपा सत्ता में आ जाती है। नरेंद्र मोदी अमेरिका गए हैं। इसी नरेंद्र मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया था। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आज देश टूट के कगार पर खड़ा है। आपलोगों को आटा-दाल-चावल का भाव मालूम होगा कि आज क्या दाम है? महंगाई चरम पर है। आज भिंडी साठ रू किलो हो गया है।
2000 रु का नोट बंद कर दिया
कर्नाटक में भाजपा की हार पर भी लालू प्रसाद ने जमकर मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि महावीर जी नाराज हो गए और ऐसा मारा कि भाजपा हार गई और कांग्रेस जीत गई। अब हनुमान जी हमलोगों के साथ हैं। इस बार तो तय है कि गए ई..बहुत बुरा हाल होने वाला है नरेंद्र मोदी का। बताइए तो...2000 रु का नोट बंद कर दिया।
नोट यही लोग रखे हुए था। एक हजार वाला नोट बंद कर 2000 वाला लाया, अब इसे भी बंद कर दिया। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी एकता की बैठक में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाया गया है। इनीतीश कुमार ने ही सबसे पहले सभी दलों को एकसाथ लाने की कोशिश की थी।
दिल्ली के अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल की आप को समर्थन देने की बात उठाई
यह भी बात सामने आ रही है कि इस अहम बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर भी बड़ी चर्चा हुई है। बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन सबसे महत्वपूर्ण रूप से नीतीश कुमार की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने पर बात हुई। कहा जा रहा है कि चुकी नीतीश ने ही सभी दलों को एक साथ लाने का प्रयास किया है, इसलिए उन्हें ही आगे भी इस अभियान को बढ़ाने का जिम्मा दिया जाए।
गठबंधन के 15 दलों को एक साथ रखने के अलावा अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ लाने के लिए संयोजक बनाने पर बात हुई। वहीं विपक्षी दलों की महाबैठक में राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील। बैठक में जहां शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने दिल्ली के अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल की आप को समर्थन देने की बात उठाई।
हालांकि इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अरविंद केजरीवाल को असहज कर दिया और धारा 370 पर केजरीवाल का स्टैंड साफ नहीं रहने की बात याद दिलाई। सामाजिक न्याय की इस जमीन से इस फांसीवादी शासन को खत्म करने और एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक भारत के पुनर्जन्म का रास्ता साफ होगा।
सभी दलों को अपनी महत्वाकांक्षाओं को छोड़ना होगा
वहीं तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि यह फांसीवादी और निरंकुश शासन के खिलाफ युद्ध का आगाज है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि सभी दलों को अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाओं को छोड़ना होगा। उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक को लेकर कहा कि सभी दलों को अपनी महत्वाकांक्षाओं को छोड़ना होगा।
कोई भी दबाव नहीं बनाए। बैठक में राज्यों में सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा होगी। महाबैठक में नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों से कहा कि लोकतंत्र बचाना है तो साथ आना जरूरी है। वहीं, राहुल गांधी ने भी विपक्ष से अपील की। उन्होंने कहा कि साफ दिल से विपक्ष एकजुट हो। यह न हो कि अंदर कुछ, बाहर कुछ कहा जाए।
बैठक में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में 15 पार्टी के 27 नेता शामिल हुए। इसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एम के स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की नेता ममता बनर्जी, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राघव चड्ढा, संजय सिंह, वामदलों से डी राजा और दीपांकर भट्टाचार्य।
जबकि पीडीपी की महबूबा मुफ्ती। कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी। एनसीपी से शरद पवार, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, सपा के अखिलेश यादव, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, झामुमो के हेमंत सोरेन, जदयू से नीतीश कुमार और राजद के तेजस्वी यादव और लालू यादव।