यूपी में मोहन यादव के जरिए अखिलेश के यादव वोट बैंक में सेंध लगाएगी बीजेपी, आयोजित यादव महाकुंभ में हिस्सा लेने पहुंचे एमपी के मुख्यमंत्री
By राजेंद्र कुमार | Published: March 3, 2024 05:37 PM2024-03-03T17:37:45+5:302024-03-03T17:38:38+5:30
रविवार को मोहन यादव लखनऊ के बिजनौर क्षेत्र में आयोजित यादव महाकुंभ में हिस्सा लेने पहुंचे। खराब मौसम और बारिश के बीच उन्होंने यादव महाकुम्भ में सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उत्तर प्रदेश में सक्रिय किया है। पार्टी के इस प्लान के तहत रविवार को मोहन यादव लखनऊ के बिजनौर क्षेत्र में आयोजित यादव महाकुंभ में हिस्सा लेने पहुंचे। खराब मौसम और बारिश के बीच उन्होंने यादव महाकुम्भ में सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा हमें बताया गया कि यूपी में यादव समाज किसी एक परिवार तक सिमटा हुआ है। इस परिवार ने यादवों की राजनीति की और वोटबैंक हथियाया, लेकिन यादव समाज के लिए इस परिवार ने क्या किया? यह सवाल अब पूछे जाने की जरूरत है? यह वही लोग हैं जिनको मेरे सीएम बनने पर खुशी नहीं हुई बल्कि उनके पेट में दर्द हुआ। ऐसे लोगो ने यादव समाज का शोषण कर उन्हे गुलाम बना रखा है। यादव समाज को इस परिवार से सवाल पूछने की जरूरत है।
सीएम मोहन यादव ने कार्यक्रम के दौरान यादवों को पर्याप्त राजनीतिक ताकत न मिलने की बात कही। यादव समाज के धार्मिक होने का भी जिक्र किया। यादवों को सनातनी बताते हुए उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को पूजने वाले लोग हैं। हमारा समाज धर्म के मार्ग में चलने वाला समाज है। उसने कभी धर्म को पीछे नहीं छोड़ा है। यह दावा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में यादवों के वोट बैंक पर अपना कब्जा मन कर चलने वाले लोगों को सोचना होगा। जवाब देना होगा।
इसके बाद उन्होंने आजमगढ़ से अपना नाता जोड़ते हुए कहा कि हमारे पूर्वज यहीं से गए थे, इसलिए जब भी यहां आता हूं तो मुझे अपनेपन का अहसास होता है। अपने संबोधन के दौरान उन्होने भाजपा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुझे एमपी जैसे प्रमुख राज्य सीएम बनाया गया, जबकि मेरे विधानसभा क्षेत्र में यादव के 500 वोट नहीं हैं। मैं वहां से तीन बार से चुनाव जीतता आया हूं। उनके इस दावे पर कार्यक्रम में "यादव चला मोहन के साथ" का नारा लगा। इस नारे को लेकर अब यूपी की राजनीति में हलचल बढ़ेगी, ऐसा दावा किया जा रहा है।
यूपी में यादव वोटरों का असर
यूपी में यादव मतदाताओं का विधानसभा की सवा सौ सीटों को असर है। उत्तर प्रदेश में करीब 9 फीसदी यादव वोटर माने जाते हैं और ओबीसी में इनकी आबादी करीब 20 फ़ीसदी है। यादव वोट बैंक को समाजवादी पार्टी (सपा) का कोर वोटर माना जाता है। इन वोटबैंक को सबसे पहले चौधरी चरण सिंह ने पहचाना। उनके ही प्रयासों से यूपी में राम नरेश यादव जनता पार्टी से मुख्यमंत्री बने। इस बाद मुलायम सिंह यादव ने इस वोटबैंक को राजनीतिक ताकत दी और यादव समाज के बलबूते ही समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीन बार और उनके उत्तराधिकारी के रूप में अखिलेश यादव एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।
प्रदेश की करीब सवा सौ विधानसभा सीटों को यादव वोटर प्रभावित करते हैं, लेकिन जातिगत आधार पर भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की राजनीति ने सपा और कांग्रेस के लिए यूपी में चुनौती खड़ी कर दी है। बीते दस वर्षों से जिस तरह से पीएम मोदी नीतियों के चलते ओबीसी वर्ग भाजपा के नजदीक आया है और अब सपा के यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए मोहन यादव को यूपी में सक्रिय किया जा रहा है।