Lok Sabha Elections 2024: "भाजपा 400 सीटें हासिल करके संविधान बदलने की बात कर रही है, लोग ऐसा होने नहीं देंगे", एनसीपी शरद गुट के अनिल देशमुख ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 14, 2024 11:19 AM2024-04-14T11:19:07+5:302024-04-14T11:22:23+5:30
एनसीपी शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने कहा कि बीजेपी 400 सीटें हासिल करने पर संविधान बदलने की बात कर रही है लेकिन लोग ऐसा नहीं होने देंगे।
नागपुर: डॉ बीआर अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर एनसीपी शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने कहा है कि यहां हर एक व्यक्ति कह रहा है कि वो किसी भी कीमत पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को संविधान बदलने की अनुमति नहीं देंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार डॉ बीआर अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर देशमुख ने कहा, "बीजेपी 400 सीटें हासिल करने पर संविधान बदलने की बात कर रही है। आज डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की 134वीं जयंती है और हर जगह 400 पार के बाद संविधान बदलने की बात चल रही है। सुब्रमण्यम स्वामी, निर्मला सीतारमण जैसे बीजेपी नेताओं का बयान है कि अगर भाजपा को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी तो वे संविधान बदल देंगे।"
इसके साथ देशमुख ने यह भी कहा, "इन बातों से लोगों में डर पैदा हो गया है। वे 400 सीटें नहीं पाएंगे लेकिन फिर भी संविधान बदलने की बात करने से लोगों में डर पैदा हो गया है।"
उन्होंने दावा किया कि डॉ बीआर अंबेडकर की जयंती पर लोग दृढ़ हैं कि वे सत्तारूढ़ दल को संविधान में कोई बदलाव नहीं करने देंगे। यहां हर एक व्यक्ति कह रहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी को संविधान बदलने की अनुमति नहीं देंगे।
मालूम हो कि 14 अप्रैल 1891 को जन्मे बाबा साहेब अम्बेडकर एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने दलितों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों का समर्थन किया। वह आज़ादी के बाद भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सात सदस्यों में से एक थे। 1990 में, अम्बेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 6 दिसंबर, 1956 को नई दिल्ली में उनके घर पर उनकी नींद में ही मृत्यु हो गई।
डॉ. बीआर अंबेडकर के अनुयायियों के बीच दीक्षाभूमि का बहुत महत्व है। अंबेडकर और उनकी 134वीं जयंती पर कई लोग 'दीक्षाभूमि' पर एकत्र हुए। नागपुर में स्थित यह स्थान भारत में बौद्ध धर्म का तीर्थस्थल माना जाता है। डॉ बीआर 14 अक्टूबर 1956 को दीक्षाभूमि में अम्बेडकर ने 5,00,000 से अधिक अनुयायियों के साथ विजयादशमी के दिन बौद्ध धर्म अपनाया था।