Lok Sabha Elections 2024: अमित शाह आज हिंसाग्रस्त मणिपुर और त्रिपुरा में करेंगे प्रचार, रैली करके मांगेंगे भाजपा के लिए वोट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 15, 2024 09:31 IST2024-04-15T09:26:17+5:302024-04-15T09:31:01+5:30
अमित शाह लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भाजपा के लिए वोट मांगने के लिए आज हिंसाग्रस्त मणिपुर और त्रिपुरा में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाहलोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भाजपा के लिए वोट मांगने के लिए सोमवार को हिंसाग्रस्त मणिपुर और त्रिपुरा में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। अमित शाह बीते रविवार रात में 9 बजे अगरतला पहुंचे और रात को त्रिपुरा में रुके। वह सोमवार को त्रिपुरा और मणिपुर दोनों राज्यों में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करेंगे।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भाजपा के राज्य महासचिव अमित रक्षित ने कहा, “अमित शाह जी रविवार रात राज्य में पहुंचे और सोमवार को उनाकोटी जिले के कुमारघाट में त्रिपुरा पूर्वी लोकसभा सीट पर हमारे उम्मीदवार के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे।”
मुख्यमंत्री माणिक साहा, तिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा, आईपीएफटी अध्यक्ष प्रेम कुमार रियांग और त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार कृति देवी देबबर्मन अमित शाह की रैली में मौजूद रहेंगे।
त्रिपुरा में अपनी चुनावी रैली के बाद अमित शाह का मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार करने का कार्यक्रम है। वह आज बाद में इम्फाल के लिए उड़ान भरेंगे और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी और अन्य पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
अमित शाह इम्फाल में चुनाव प्रचार करेंगे और निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार और राज्य के शिक्षा मंत्री थौनाओजम बसंत कुमार सिंह के लिए वोट मांगेंगे। यह सीट फिलहाल बीजेपी नेता और विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के पास है।
मालूम हो कि मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में संघर्षग्रस्त इंफाल घाटी में 32 विधानसभा क्षेत्र हैं। भाजपा ने बाहरी मणिपुर क्षेत्र से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन एनडीए में उसके सहयोगी नागा पीपुल्स फ्रंट (एनएसएफ) द्वारा मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों का समर्थन करेगी।
बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित होने के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी। तब से हिंसाग्रस्त राज्य में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।