लोकसभा चुनाव 2019: प्रधानमंत्री पद को लेकर राहुल गांधी- बड़े आराम से, क्यों हैं?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: February 7, 2019 05:27 AM2019-02-07T05:27:04+5:302019-02-07T05:27:04+5:30
विपक्ष में राहुल गांधी के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव आदि के नाम भी चर्चा में हैं.
लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं और पक्ष-विपक्ष, दोनों ओर से बड़ा सवाल यह है कि- कौन बनेगा प्रधानमंत्री? वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके समर्थक भी आश्वस्त नहीं हैं कि 2019 के चुनाव के बाद बीजेपी को 2014 की तरह ही स्पष्ट बहुमत मिलेगा और नरेन्द्र मोदी फिर-से पीएम बनेंगे.
हो सकता है, एनडीए जैसेतैसे बहुमत जुटा ले, लेकिन तब भी सहयोगी दल आसानी से पीएम मोदी को एक और मौका देने के लिए राजी हो जाएं, इसमें शक है. इसीलिए, वहां नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह आदि के नाम भी चर्चा में हैं.
उधर, विपक्ष में राहुल गांधी के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव आदि के नाम भी चर्चा में हैं.
बावजूद इसके, पीएम पद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एकदम आश्वस्त नजर आ रहे हैं और इसीलिए बड़ा सवाल है कि- वे बड़े आराम से कैसे हैं?
दरअसल, राहुल गांधी के अलावा जितने भी नाम चर्चा में हैं उनके प्रचार का सैद्धान्तिक पक्ष तो मजबूत है, लेकिन प्रायोगिक पक्ष बेहद कमजोर है. यही सबसे प्रमुख वजह है कि राहुल गांधी आश्वस्त हैं कि यदि केन्द्र में गैर बीजेपी सरकार बनी तो वे ही पीएम होंगे. इसके अलावा ऐसे और भी कई कारण हैं, जिनसे सियासी तस्वीर बदली हुई है.
एक- राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस, बीजेपी के असर वाले तीन प्रमुख राज्यों- एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विस चुनाव जीत चुके हैं, मतलब, अब वे हारे हुए सियासी योद्धा नहीं हैं.
दो- पीएम पद के लिए किसी क्षेत्रीय नेता की कितनी भी चर्चा हो, लेकिन विभिन्न सर्वे बताते हैं कि पूरे देश में, हर राज्य में, पीएम मोदी की टक्कर में केवल राहुल गांधी का ही नाम है.
तीन- कांग्रेस और बीजेपी को छोड़ कर कोई भी दल ऐसा नहीं है जो अपने अकेले दम पर 2019 के लोस चुनाव में 50 से ज्यादा सीटें जीत सकता हो.
चार- गैर बीजेपी सरकार में राहुल गांधी के नाम पर तो सहमती बन सकती है, लेकिन किसी और नेता के नाम पर शेष सारे नेता एवं दल शायद ही राजी हों.
पांच- कर्नाटक जैसी किसी विषम सियासी परिस्थिति में ही राहुल गांधी के अलावा कोई और पीएम बन सकता है, परन्तु वह पीएम कितने समय तक रह पाएगा, यह कहना मुश्किल है. ऐसी विषम परिस्थिति में तो स्वयं राहुल गांधी पीएम बनना पसंद नहीं करेंगे.
छह- क्योंकि सारे विपक्षी दल खुलकर बीजेपी के विरोध में आ चुके हैं, इसलिए किसी के पाला बदल कर या जोड़तोड़ करके पीएम बनने की संभावना शून्य है.
सात- कांग्रेस के पास 100 से ज्यादा लोस सीटें जीतनेे की संभावना है और सबसे बड़े दल के नाते पीएम पद भी कांग्रेस के पास ही होगा, अर्थात गैर बीजेपी सरकार में पीएम राहुल गांधी ही होंगे.
जाहिर है, पीएम पद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आश्वस्त है और बड़े आराम से हैं!