23 मई को चुनाव नतीजों के लिए करना होगा लंबा इंतजार, जानिए देरी की असली वजह

By नितिन अग्रवाल | Published: May 18, 2019 08:49 AM2019-05-18T08:49:36+5:302019-05-18T08:49:36+5:30

देशभर की 543 लोकसभा क्षेत्रों के तहत 4120 विधासभा क्षेत्र हैं. इस हिसाब से कुल 20600 पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान होगा. ऐसे में कई सीटों पर उम्मीदवारों को जीत का प्रमाणपत्र मिलते-मिलते हो सकता है 23 मई की तारीख बदल जाए.

Lok Sabha Elections 2019 Results may late, VVPAT counting is the reason | 23 मई को चुनाव नतीजों के लिए करना होगा लंबा इंतजार, जानिए देरी की असली वजह

23 मई को चुनाव नतीजों के लिए करना होगा लंबा इंतजार, जानिए देरी की असली वजह

Highlightsउम्मीदवारों को जीत का प्रमाणपत्र मिलते-मिलते हो सकता है 23 मई की तारीख बदल जाए.पहली बार लोकसभा चुनाव की मतगणना में वीवीपीएटी मशीनों से निकलने वाली पर्चियों और ईवीएम मशीनों का मिलान करने का प्रावधान है

लोकसभा चुनाव में जुटे राजनीतिक दल में अंतिम चरण की 59 सीटों पर घमासान जारी है, वहीं दूसरी ओर नई सरकार को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इसी बीच चुनाव आयोग 23 मई को होने वाली मतगणना की तैयारियों में जुट गया है. पहली बार लोकसभा चुनाव की मतगणना में वीवीपीएटी मशीनों से निकलने वाली पर्चियों और ईवीएम मशीनों का मिलान करने का प्रावधान है, जिससे चुनावी नतीजों में देर हो सकती है.

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि हर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले पांच मतदान केंद्रों की ईवीएम और वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान किया जाएगा. देशभर की 543 लोकसभा क्षेत्रों के तहत 4120 विधासभा क्षेत्र हैं. इस हिसाब से कुल 20600 पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान होगा. यह मिलान मतगणना हॉल में वीवीपीएटी काउंटिंग बूथ (वीसीबी) के भीतर किया जाएगा, जो बैंक के कैशियर चैंबर की तरह होगा. अधिकारी के अनुसार एक पोलिग बूथ पर 800 से 2500 तक वोट होते हैं. आमतौर पर प्रत्येक बूथ की पर्चियों के मिलान में लगभग एक घंटे का समय लग सकता है. ऐसे में अंतिम नतीजों में 4-5 घंटे की देरी हो सकती है.

वीवीपीएटी की पर्ची से होगा फैसला

अधिकारी ने बताया कि ईवीएम और वीवीपीएटी की पर्ची का मिलान नहीं होने की स्थिति में वीवीपीएटी की पर्चियों को ही अंतिम माना जाएगा. उन्होंने चुनाव नियमावली के नियम 56डी (4)बी और 60 का हवाला देते हुए कहा कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में दर्ज कुल मत और वीवीपीएटी की पिर्चयों की गणना में अंतर होने पर वीवीपीएटी की पर्ची को ही अंतिम माना जाएगा. किसी भी स्थिति में प्रत्याशी या उसके मतगणना एजेंट असंतुष्ट रहते हैं, तो वह तय नियमों के तहत अपील कर सकते हैं.

मतगणना के लिए विशेष प्रशिक्षण मतगणना के लिए सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए जा चुके हैं. लोकसभा चुनाव में पहली बार वीवीपीएटी पर्चियों के मिलान और मतगणना के लिए सभी रिटर्निंग ऑफीसर और सहायक रिटर्निंग ऑफीसरों को प्रशिक्षण दिया गया है.

कैसे होगा वीवीपीएटी की चयन

सामान्य रूप से प्रत्याशियों और उनके द्वारा अधिकृत किए गए मतगणना एजेंटों की मौजूदगी में लॉटरी के जरिए पांच बूथों की वीवीपीएटी को मिलान के लिए चुना जाएगा. इसके अतिरिक्त प्रत्याशी स्वंय या अपने मतगणना एजेंट के माध्यम से किसी खास वीवीपीएटी के मिलान की मांग कर सकता है. इसके लिए उसे ठोस कारण के साथ लिखित आवेदन देना होगा. हालांकि मिलान कराने का अंतिम फैसला मतगणना अधिकारी का होगा. सर्विस वोट में लगेगी देर सर्विस वोट पर भी पहली बार कोड का इस्तेमाल किया गया है. इसे कोड रीडर के माध्यम से पढ़ा जाएगा. अधिकारी ने बताया कि कोड पढ़ने में रीडर से लगभग 1 मिनट का समय लग सकता है. इसे देखते हुए भी जिन सीटों पर सर्विस वोटरों की संख्या ज्यादा है उनके नतीजों में ज्यादा देर होगी. ऐसे में कई सीटों पर उम्मीदवारों को जीत का प्रमाणपत्र मिलते-मिलते हो सकता है 23 मई की तारीख बदल जाए.

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