पप्पू यादव बोले- सांप और गिरिराज एक साथ मिल जाए, तो सांप को छोड पहले गिरिराज सिंह पर चोट करें
By एस पी सिन्हा | Published: April 27, 2019 04:51 AM2019-04-27T04:51:29+5:302019-04-27T04:51:29+5:30
मधेपुरा सांसद पप्पू यादव कहा है कि सांप और गिरिराज एक साथ मिल जाए, तो सांप को छोडकर पहले गिरिराज सिंह पर चोट करनी चाहिए।
बिहार के सियासी गलियारों में बयानबाजी का दौर और तेज होता जा रहा है। भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह के बयान के बाद यह सिलसिला और तेज होता जा रहा है। इसी कडी में एक ओर जहां मधेपुरा सांसद पप्पू यादव कहा है कि सांप और गिरिराज एक साथ मिल जाए, तो सांप को छोडकर पहले गिरिराज सिंह पर चोट करनी चाहिए। इनका जहर बहुत खतरनाक हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गिरिराज सिंह को विषराज बताया है और कॉलर पकड़ कर सारी ऐंठ निकालने तक की बात कह दी है।
तेजस्वी ने ट्वीट में लिखा है, 'सुनो सामंती ज़मींदार विषराज सिंह, पहले वाला जमाना नहीं रहा कि अब नीतीश कुमार का लॉकेट गले में टांग पटना में दलितों की जमीन कब्जा लोगे। अब बिहार के दलित, पिछडे, अतिपिछडे एकजुट हैं, कॉलर पकड सारी ऐंठ निकाल देंगे। आपके और नीतीश जी के विषैले गठजोड से अब सब वाकिफ हैं। वहीं, सांसद पप्पू यादव ने केंद्रीय मंत्री सह बेगूसराय से भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह पर हमला करते हुए कहा ऐसे लोग भारत के लिए खतरा नहीं है। बल्कि मानवता के लिए खतरा है। वहीं, उन्होंने कहा अगर सांप और गिरिराज के साथ मिल जाये। तो सांप को छोड देना चाहिए और गिरिराज सिंह पर चोट करना चाहिए क्योंकि यह जहर हैं। पप्पू यादव यही नहीं रुके। उन्होंने तो गिरिराज सिंह को मानवता, इंसानियत और लोकतंत्र में राजनीतिक रूप से जिंदा रहना ठीक नहीं बताया। इसी क्रम में जाप प्रमुख से जब सवाल किया गया कि मोकामा विधायक अनंत सिंह चुनावी मैदान में हैं, तो जवाब में वो बोले मैंने तो नहीं सुना कि अनंत सिंह चुनाव लड रहे हैं। हां, उनकी पत्नी नीलम देवी जरूर चुनाव लड रही हैं। वो तो महिला हैं। महिला से किसी को कोई खतरा नहीं होता है। तो वहीं, उन्होंने गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे की तुलना कुएं और खाई से की।
उल्लेखनीय है कि गिरिराज सिंह ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने मंच से कहा था कि अगर कब्र के लिए तीन हाथ जगह चाहिए तो इस देश में वंदेमातरम् गाना होगा और भारत माता की जय कहना होगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि राजद के उम्मीदवार दरभंगा में कहते हैं कि वंदेमातरम् मैं नहीं बोलूंगा। राजद नेता ने कहा कि बेगूसराय में भी कुछ लोग आकर बडे भाई का कुर्ता और छोटे भाई का पायजामा पहनकर भ्रमण कर रहे हैं। लेकिन, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि जो वंदेमातरम् नहीं गा सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन नहीं कर सकता वो इस बात को याद रखें कि गिरिराज के नाना-दादा सिमरिया घाट में गंगा नदी के किनारे मरे, उसी भूमि पर कोई कब्र नहीं बनाया, लेकिन तुम्हें तो तीन हाथ जगह चाहिए। तुम ऐसा नहीं कर पाओगे तो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा।
इस बीच, भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने फिल्म अभिनेता प्रकाश राज के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें प्रकाश राज ने सभा के दौरान कन्हैया को सपूत तथा नरेंद्र मोदी को कुपुत्र की संज्ञा दी थी। गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रकाश राज की नजर में अगर नरेंद्र मोदी कुपुत्र हैं तो फिर आतंकवादियों को संरक्षण देने वाले लोग ही सपूत हो सकते हैं। आज पूरा देश जानता है कि आतंकवाद के विरुद्ध नरेंद्र मोदी सेना के साथ खडे हैं और आतंकवादियों को मुंहतोड जवाब दे रहे हैं। आलम यह है कि पूरे देश से आतंकवाद सिमटकर अब कश्मीर के दो-तीन दिनों तक रह गया है और अगली बार जब नरेंद्र मोदी की सरकार आएगी तो कश्मीर से भी आतंकवाद का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। गिरिराज ने कहा कि आज कांग्रेस जो कश्मीर के मुद्दे पर मुंह बंद किए हुए हैं और कश्मीर को भारत से अलग करना चाहता है उसकी भी जुबान बंद होगी तथा पाकिस्तान की हेकडी गुम हो जाएगी।
प्रकाश राज ने बेगूसराय में सभा के दौरान कहा था कि कन्हैया एक अच्छा इंसान है और मेरा उससे इंसानी रिश्ता है इसी वजह से मैं आज कन्हैया के लिए वोट की भीख मांग रहा हूं। अपने संबोधन के दौरान प्रकाश राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इशारा करते हुए कहा था कि आज का चुनाव सुपुत्र और कुपुत्र के बीच में है। एक तरफ जहां पढा-लिखा नौजवान कन्हैया सुपुत्र है तो वहीं उसकी लडाई सीधे सीधे कुपुत्र से है जो आज जुमलेबाज के नाम से भी प्रसिद्ध है। प्रकाश राज ने कहा था कि जिस समाज की वजह से आज मेरा परिवार सुरक्षित है और तमाम सुख सुविधाएं उपलब्ध है अगर उस समाज के लोग दर्द में हैं पीडा में हैं और उसकी आवाज कोई उठा रहा है तो मैं उसके पक्ष में और दमनकारियों के विरोध में सडक पर उतरूंगा। आज गरीबों मजदूरों किसानों की एवं महिलाओं की आवाज बनकर कन्हैया संसद में अगर जाता है तो निश्चित रूप से समाज के पिछडे लोगों का उत्थान होगा। भले ही कन्हैया हमसे उम्र में छोटा हो लेकिन सोच में वह हमसे बडा है।