लोकसभा चुनाव 2019: महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग से भरा नामांकन, यहां तीन चरणों में होंगे चुनाव
By सुरेश डुग्गर | Published: April 3, 2019 04:16 PM2019-04-03T16:16:53+5:302019-04-03T16:16:53+5:30
दक्षिणी कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इस संसदीय सीट पर नेकां का पांच बार कब्जा रहा है। इस सीट के लिए 10 बार हुए चुनाव में चार बार कांग्रेस, पांच बार नेशनल कांफ्रेंस, दो बार पीडीपी तथा एक बार जनता दल को जीत मिली है।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को उस अनंतनाग लोकसभा सीट से अपना नामांकन भरा है जिसके सभी जिलों में एक ही चरण में नहीं बल्कि तीन चरणों में मतदान होना है। देश में यह पहला मौका होगा कि किसी लोकसभा क्षेत्र में मतदान तीन चरणों में इसलिए रखा गया है क्योंकि आतंकी हिंसा सबको नाको चने चबवा रही है।
हालांकि प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में धुआंधार प्रचार का दौर चल रहा है। पार्टियां अपने-अपने तरीकों से अभियान चलाकर मतदाताओं को आकर्षित करने में लगी हुई हैं। ऐसे में कश्मीर में अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में प्रचार का खास जोर तो नहीं है लेकिन यहां पर शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए आयोग व सुरक्षा एजेंसियांे द्वारा कई कदम उठाए जा रहे है। ऐसा अब तक किसी लोकसभा क्षेत्र में नहीं हुआ होगा।
अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में तीन जिले आते है। इसमें अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा जिला शामिल है। केरिपुब के 40 जवानों ने पुलवामा में ही हाल ही में शहादत पाई है। ऐसे में यह जिला देश तो क्या विश्व भर में चर्चित हो चुका है। यहां पर चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफा देने के बाद 2016 में उप चुनाव करवाने का प्रयास किया था लेकिन कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति से उप चुनाव नहीं हो पाए थे
अब लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने अनंतनाग सीट पर तीन चरणों में जिला आधार पर चुनाव करवाने का फैसला लिया हुआ है। 23 अप्रैल को यहां अनंतनाग जिले में चुनाव होगा। 29 अप्रैल को कुलगाम और छह मई को पुलवामा जिले में मतदान करवाया जाएगा।
अनंतनाग लोकसभा सीट के रिटर्निंग अफसर खालिद जहांगीर के अनुसार अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंधों के बीच तीन चरणों में लोकसभा सीट के तहत आने वाले तीन जिलों अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा में मतदान करवाया जाएगा। उनके अनुसार करीब 13 लाख मतदाता वोट कर सकेंगे और यहां करीब 1800 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और सभी मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।
दक्षिणी कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इस संसदीय सीट पर नेकां का पांच बार कब्जा रहा है। इस सीट के लिए 10 बार हुए चुनाव में चार बार कांग्रेस, पांच बार नेशनल कांफ्रेंस, दो बार पीडीपी तथा एक बार जनता दल को जीत मिली है। 2014 के चुनाव में महबूबा मुफ्ती ने इस सीट पर कब्जा जमाया।
हालांकि, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन ढाई साल से अधिक समय से इस सीट के लिए चुनाव नहीं हो पाया है। इस लोकसभा सीट में 16 विधानसभा क्षेत्र-त्राल, पुलवामा, राजपोरा, वाचि, शोपियां, नूराबाद, कुलगाम, होमशालिबग, अनंतनाग, देवसर, डोरू, कोकरनाग, बिजबिहाड़ा, पहलगाम आते हैं। इस सीट से चुनाव जीतने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के गृह मंत्री बने थे।