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मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को महिला प्रत्याशियों की सीधी चुनौती

By राजेंद्र पाराशर | Updated: May 4, 2019 06:21 IST

मध्यप्रदेश में पहले चरण के लिए 6 संसदीय क्षेत्रों में मतदान होने के बाद अब राज्य के पांच संसदीय क्षेत्रों पर निगाहें टिक गई हैं. इन संसदीय क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को महिला प्रत्याशियों की सीधी टक्कर मिल रही है.

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मध्यप्रदेश में पांच संसदीय क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां पर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को महिला प्रत्याशियों की सीधी चुनौती मिल रही है. इन पांचों संसदीय क्षेत्रों में मुकाबला भी सीधा भाजपा और कांग्रेस का ही है. 

मध्यप्रदेश में पहले चरण के लिए 6 संसदीय क्षेत्रों में मतदान होने के बाद अब राज्य के पांच संसदीय क्षेत्रों पर निगाहें टिक गई हैं. इन संसदीय क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को महिला प्रत्याशियों की सीधी टक्कर मिल रही है. भोपाल में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है तो भाजपा ने यहां पर लंबे समय तक मंथन कर प्रज्ञासिंह ठाकुर को मैदान में उतार दिया है, जिससे उनका मुकाबला कड़ा हो गया है. भोपाल के अलावा टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक को मैदान में उतारा है, यहां उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस की किरण अहिरवार से है. किरण अहिरवार को भले ही राजनीतिक अनुभव के तौर पर कम आंका जा रहा है, लेकिन उनकी सक्रियता ने वीरेंद्र खटीक के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. वे खटीक को सीधी चुनौती दे रही हैं. 

खजुराहो में संघ के नेता बी.डी. शर्मा को भाजपा ने मैदान में उतारा है, यहां पर शर्मा का मुकाबला राजघराने की कविता सिंह से है. शर्मा को यहां पर अपनों ही का विरोध झेलना पड़ रहा है, साथ ही कविता सिंह उन्हें सीधी चुनौती दे रही हैं. कविता सिंह के पति विधायक विक्रम सिंह नातीराजा पूरी ताकत के साथ मैदान में जीत के लिए जुटे हैं. वहीं, मंदसौर में कांग्रेस नेत्री मीनाक्षी नटराजन, संघ से जुड़े भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता को सीधी टक्कर दे रही हैं. वे 2014 में गुप्ता से चुनाव हार चुकी हैं, लेकिन अब इसका बदला लेने के लिए पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं. सुधीर गुप्ता फिर से संघ और मोदी के सहारे जनता के बीच पहुंच रहे हैं.

 दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ संसदीय सीट पर भाजपा के रोडमल नागर को कांग्रेस की मोना सुस्तानी से सीधी चुनौती मिल रही है. मोना का राजनीति से पुराना रिश्ता है. उनका ससुराल पूरी तरह से कांग्रेस से जुड़ा रहा है. इसके अलावा धाकड़ समाज जिसका परिणाम पर खासा असर होता है, उस समाज से आने के नाते वे रोडमल के लिए ज्यादा चुनौती खड़ी कर रही हैं. इस संसदीय क्षेत्र में दिग्विजय सिंह की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. 

टॅग्स :लोकसभा चुनावमध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव 2019दिग्विजय सिंहसाध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुरभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
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