अरूण जेटली की हां और ना पर टिका नए वित्त मंत्री का फैसला

By संतोष ठाकुर | Published: May 26, 2019 04:30 AM2019-05-26T04:30:05+5:302019-05-26T04:32:21+5:30

निर्वतमान वित्त मंत्री अरूण जेटली को लेकर कई चर्चाएं हो रही है। इसमें यह कहा जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य उन्हें फिर से मंत्री पद संभालने की इजाजत देता नहीं दिख रहा है।

lok sabha elections 2019: Arun Jaitley's final decision on the name of new finance minister | अरूण जेटली की हां और ना पर टिका नए वित्त मंत्री का फैसला

इस वरिष्ठ भाजपा मंत्री ने कहा कि इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्वयं इस पक्ष में हैं कि अरूण जेटली ही वित्त मंत्री रहे।

Highlightsएक दिन पहले ही उन्होंने वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की है। अगले बजट को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों के साथ चर्चा की है।

केंद्र में फिर से मोदी सरकार बनने के बाद नया वित्त मंत्री कौन होगा, सबसे बड़ा सवाल यही है। अलग वर्ग से अलग नाम सामने आ रहे हैं। लेकिन यह तय है कि इस पद के लिए नए नाम पर उसी समय विचार किया जाएगा जब स्वयं निवर्तमान वित्त मंत्री अरूण जेटली अपने मौजूदा पद को लेकर कोई निर्णय करते हैं। 

एक वरिष्ठ भाजपा मंत्री ने कहा कि निर्वतमान वित्त मंत्री अरूण जेटली को लेकर कई चर्चाएं हो रही है। इसमें यह कहा जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य उन्हें फिर से मंत्री पद संभालने की इजाजत देता नहीं दिख रहा है। लेकिन यह सभी कयास है। एक दिन पहले ही उन्होंने वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की है। साथ ही अगले बजट को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों के साथ चर्चा की है। ऐसे में स्वास्थ्य के मोर्चे पर ठीक हैं। हां, उन्हें कुछ एतियात की जरूरत होगी, जो मंत्री रहते हुए आसानी से किये जा सकते हैं। 

इस वरिष्ठ भाजपा मंत्री ने कहा कि इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्वयं इस पक्ष में हैं कि अरूण जेटली ही वित्त मंत्री रहे। अगर जरूरत हो तो उनके साथ किसी ऐसे व्यक्ति को राज्य मंत्री नामित किया जाए जो उनके दिशा—निर्देश में स्वतंत्र रूप से सभी आर्थिक—वित्तीय मामलों को देख पाए। इस पद के लिए हालांकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु के नाम की चर्चा है। लेकिन अंतिम फैसला अरूण जेटली की मर्जी से होगा। 

सूत्रों के मुताबिक यह संभव है कि नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया या फिर विमल जालान जैसे किसी अर्थशास्त्री को वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में लाकर अरूण जेटली के नेतृत्व में स्वतंत्र रूप से कार्य करने की इजाजत दे दी जाए। जिससे अगर स्वास्थ्य कारणों से अरूण जेटली मंत्रालय से दूर भी रहते हैं तो मंत्रालय का कार्य प्रभावित न हो। ये दोनों ऐसे नाम हैं जो सरकार के साथ काम कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके काम को लेकर संतुष्ट रहे हैं। वहीं, इनकी कोई राजनैतिक आकांक्षा भी नहीं है जिससे अरूण जेटली को किसी तरह की असुविधा हो। हालांकि वित्त मंत्रालय का प्रभार किसको मिलेगा यह अंतिम स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे और इसके लिए वह अरूण जेटली की सहमति भी अवश्य हासिल करेंगे। 

Web Title: lok sabha elections 2019: Arun Jaitley's final decision on the name of new finance minister