चुनाव प्रचार पर रोजाना नजर रखे रहे हैं पीएम मोदी, 30 लोगों को कॉल कर जानते हैं हाल
By हरीश गुप्ता | Published: May 1, 2019 07:39 AM2019-05-01T07:39:56+5:302019-05-01T07:39:56+5:30
प्रधानमंत्री की रैलियों के स्थान का निर्धारण फीडबैक के आधार पर तय किया जाता है और उसी के अनुसार तारीखें बदल जाती हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह प्रचार अभियान के विवरण पर चर्चा करने के लिए दिन में 8 से 10 बार मोदी से बात करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजना चुनाव प्रचार अभियान पर नजर रख रहे हैं. वह इस सिलसिले में सुबह या देर रात कम से कम 30 लोगों से फोन पर बात करते हैं. दिनभर के व्यस्त चुनाव प्रचार के बाद वह रात को लोकनायक मार्ग स्थित निवास पर लौटते हैं. वह दिल्ली में चुनाव प्रचार की निगरानी के लिए नामित शीर्ष नेताओं, भाजपा की मीडिया टीम और राज्यों के प्रभारी महासचिव, प्रभारी और राज्य के नेताओं को फोन करते हैं.
यहां तक कि वह अपनी रैलियों, भाषण के बिंदुओं का भी फीडबैक ले रहे हैं. साथ ही राज्य विशेष के कुछ विशेषज्ञ पत्रकारों से भी बात करते हैं. प्रधानमंत्री की रैलियों के स्थान का निर्धारण फीडबैक के आधार पर तय किया जाता है और उसी के अनुसार तारीखें बदल जाती हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह प्रचार अभियान के विवरण पर चर्चा करने के लिए दिन में 8 से 10 बार मोदी से बात करते हैं. वह वित्त मंत्री अरुण जेटली से सुबह 6 बजे बात करते हैं.
किसी संक्रमण से पीड़ित जेटली सार्वजनिक चकाचौंध से दूर हैं, लेकिन पंजाब, बिहार और दिल्ली के चुनाव प्रचार की सक्रियता से निगरानी कर रहे हैं. उनका 30 दिनों में हुए चौथे चरण का मतदान अभियान 89 रैलियों के साथ समाप्त हुआ. वह 18 दिनों के मतदान के अगले चरण में 65 अतिरिक्त रैलियों को संबोधित करेंगे. वह एक दिन में औसतन तीन से अधिक रैलियां करेंगे. भाजपा के लिए बाकी तीन चरण भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, पंजाब में कांग्रेस जबकि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से उसकी जोरदार टक्कर होगी.
दी रोड शो समेत 89 रैलियों को अब तक संबोधित कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ने भाजपा प्रत्याशी के राकांपा उम्मीदवार सुप्रिया सुले को हरा नहीं पाने का फीडबैक मिलने के कारण बारामती की रैली रद्द कर दी थी. इसके बदले उन्होंने एक अन्य चुनाव क्षेत्र का दौरा करने का फैसला किया, जहां उनकी रैली से भाजपा उम्मीदवार की किस्मत बदल सकती थी. इसी प्रकार उन्होंने तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बहुत कम चुनाव प्रचार किया. उन्होंने केरल में केवल दो रैलियों को संबोधित किया जिनमें से एक तिरुवंतपुरम है जहां भाजपा उम्मीदवार के पार्टी के लिए खाता खोलने की संभावना है.
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लाभ की उम्मीद
वास्तव में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और ओडिशा प्रधानमंत्री के लिए लक्षित राज्य रहे. उनकी इच्छा महाराष्ट्र में 23 सीटों का आंकड़ा जबकि उत्तर प्रदेश में 71 सीटों को बरकरार रखना है. साथ ही पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लाभ की उम्मीद है. यही वजह है कि वह उत्तर प्रदेश में 24, बिहार में 10, पश्चिम बंगाल में 14 रैलियों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार के विश्लेषण से पता चलता है कि उन्होंने महाराष्ट्र की 48 सीटों पर 9 रैलियों को संबोधित किया. वहीं, ओडिशा की 21 सीटों के लिए उनकी रैलियों की संख्या आठ को पार कर गई.