संघ ने दिया मुकाबला कड़ा होने का फीडबैक, जिसके बाद हर सीट पर BJP का बड़ा नेता होगा तैनात
By राजेंद्र पाराशर | Published: April 25, 2019 08:31 AM2019-04-25T08:31:20+5:302019-04-25T08:31:20+5:30
संघ ने हाल ही में सर्वे कराकर भाजपा संगठन को यह जानकारी दी है कि प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर भाजपा के लिए मुसीबत अपने ही बनते जा रहे हैं, अधिकांश सीटों पर मुकाबला कड़ा हो गया है. प्रत्याशी के खिलाफ विरोध के कारण परिणाम उलट सकता है.
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को मिले संघ के फीडबेक के बाद भाजपा ने दिल्ली से लेकर प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों को हर सीट पर तैनात करना शुरू कर दिया है. संघ ने फीडबैक दिया है कि भीतरघात और नाराजगी के चलते भाजपा को एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर मुकाबला कड़ा हो गया है. इसके चलते समय रहते स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने का काम किया जाए.
भाजपा को इस लोकसभा चुनाव में बड़े संकट के रूप में अपने रूठे नेताओं को मनाना है. संघ ने हाल ही में सर्वे कराकर भाजपा संगठन को यह जानकारी दी है कि प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर भाजपा के लिए मुसीबत अपने ही बनते जा रहे हैं, अधिकांश सीटों पर मुकाबला कड़ा हो गया है. प्रत्याशी के खिलाफ विरोध के कारण परिणाम उलट सकता है.
संघ ने इस बात की जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा प्रदेश संगठन को दे दी है. इसके बाद राष्ट्रीय संगठन सक्रिय हो गया है. भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे को भोपाल संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी देकर उन्हें यहां भेज दिया है.
सहस्त्रबुद्धे भोपाल के अलावा राज्य की सभी सीटों पर निगाहें रखेंगे, इसके अलावा इंदौर में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री बी. सतीश को जिम्मेदारी दी गई है. बी. सतीश इंदौर के अलावा पूरे मालवा अंचल की सीटों पर निगाहें रखेंगे इसके अलावा सीधी रिपोर्ट भी वे अमित शाह को देंगे.
भाजपा द्वारा विनय सहस्त्रबुद्धे, बी. सतीश के अलावा बालाघाट में विनोद गोटिया और सुरेश आर्य, उज्जैन में पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री माखनसिंह, खंडवा में पूर्व संभागीय मंत्री अंबाराम कराड़ा, बैतूल में शिव चौबे, सीधी में प्रदेश भाजपा के चुनाव सह प्रभारी सतीश उपाध्याय, विदिशा में चंद्रशेखर,मंडला में चुनाव प्रभारी स्वतंत्रदेव सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इसके अलावा अन्य संसदीय क्षेत्रों में जल्द ही नेताओं की नियुक्ति की जाएगी. भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने सभी नेताओं को साफ कहा कि वे जल्द ही अपने संसदीय क्षेत्रों में काम संभाल लें और रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दें.
नेताओं की रिपोर्ट पर अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल चर्चा कर यह फैसला करेंगे कि किस सीट पर किस तरह की रणनीति तय की जाए और किसे वहां की चुनाव प्रचार की कमान सौंपी जाए. भाजपा हर संसदीय क्षेत्र में वहां के माहौल के हिसाब से अब रणनीति तय करने की तैयारी कर रही है.