Lok Sabha Election 2024: "देश में आज प्रचंड तानाशाही है, मोदीजी देशभर में प्रचार कर रहे हैं", 'आप' मंत्री सौरभ भारद्वाज ने तृणमूल नेताओं की 'हिरासत' पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 9, 2024 02:54 PM2024-04-09T14:54:17+5:302024-04-09T14:59:33+5:30
'आप' नेता सौरभ भारद्वाज ने नरेंद्र मोदी सरकार जमकर आलोचना करते हुए कहा कि तृणमूल नेताओं को पुलिस हिरासत में लिया जाना मोदी सरकार की ''घोर तानाशाही'' को उजागर करता है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के उन नेताओं से मुलाकात की, जिन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा उस समय कथिततौर पर हिरासत में लिया गया था, जब वे केंद्रीय जांच एजेंसियों के प्रमुखों के तबादले की मांग को लेकर चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दे रहे थे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सौरभ भारद्वाज मंगलवार को तृणमूल नेताओं से मिलने मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंचे। जहां तृणमूल का आरोप है कि उनके नेताओं को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है लेकिन वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसी भी नेता को हिरासत में नहीं लिया गया है और वो थाने से जाने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।
मंदिर मार्ग थाने के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए आप मंत्री भारद्वाज ने केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार और उनकी पार्टी भाजपा की जमकर आलोचना की और कहा कि तृणमूल नेताओं को पुलिस हिरासत में लिया जाना मोदी सरकार की ''घोर तानाशाही'' को उजागर करता है।
उन्होंने कहा, "देश में आज की तारीख में प्रचंड तानाशाही है। तृणमूल विधायक और सांसद चुनाव आयोग के बाहर क्या कह रहे थे? चुनाव का मॉडल कोट ऑफ कंडक्ट लागू है। प्रधानमंत्री देश भर में प्रचार कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं पर सीबीआई, आईटी, ईडी द्वारा छापे मारे जा रहे हैं और अब तो एनआईए भी पहुंच गई है।"
मंत्री भारद्वाज ने आगे कहा, "लेकिन ये छापेमारी केवल विपक्षी दलों के खिलाफ ही क्यों? यह निश्चित है कि आचार संहिता लागू होने के बाद यह जांच संस्थाएं आजकल चुनाव आयोग के अंतर्गत हैं और उन्होंने विपक्षी दलों के अभियान को पटरी से उतारने की खुली छूट दे दी है। यदि आप किसी के आवास पर छापा मारेंगे तो क्या वह व्यक्ति अभियान चलाएगा या किसी वकील से मिलेगा?"
यह कहते हुए कि उनकी आम आदमी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ खड़ी है, उन्होंने दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि उसने एक दिन पहले कनॉट प्लेस में रैली करने वाले भाजपा नेताओं को गिरफ्तार क्यों नहीं किया।
आप मंत्री भारद्वाज ने कहा, "देश में आचार संहिता लागू है। सभी एजेंसियों और सरकारी कामकाज को तटस्थ ईसी के तहत आना चाहिए, लेकिन जिस तरह से विपक्षी नेताओं पर ईडी और एनआईए की छापेमारी हो रही है, उससे पता चलता है कि केंद्र सरकार इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष को चुप कराना चाहती है।"
उन्होंने आगे कहा, "दिल्ली पुलिस निर्वाचित प्रतिनिधियों को एक पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखती है, केवल इसलिए उनकी मांग है कि जिन चार एजेंसियों ईडी, सीबीआई, आईटी और एनआईए ने विपक्ष के खिलाफ देशबर में 'तांडव' मचाया हुआ है, उनके प्रमुखों को बदला जाना चाहिए। हम इस संबंध में पूरी तरह से तृणमूल कांग्रेस के साथ खड़े हैं।"
भारद्वाज ने कहा, "भाजपा ने कनॉट प्लेस में प्रदर्शन किया, इसकी अनुमति किसने दी? उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। क्या भाजपा दिल्ली प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया?"
मालूम हो कि तृणमूल नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी हिरासत के खिलाफ सोमवार रात से दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के अंदर विरोध प्रदर्शन कर रहा है, हालांकि पुलिस ने दावा किया कि उन्हें पहले ही रिहा कर दिया गया है।
तृणमूल नेता बीते सोमवार को चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदला जाए। विरोध प्रदर्शन करने वालों में पांच टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष शामिल थे।