Lok Sabha Election 2024: वायरल होता संदेश 'चैलेंज वोट', कितना सच और कितना झूठ, जानिए पीछे की वजह
By आकाश चौरसिया | Published: April 11, 2024 01:01 PM2024-04-11T13:01:00+5:302024-04-11T13:10:36+5:30
Lok Sabha Election 2024: दावा करके बताया जा रहा है कि जब आप पोलिंग बूथ पर पहुंचते हैं और पाते हैं कि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो बस अपना आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र दिखाएं और धारा 49ए के तहत "चैलेंज वोट" मांगें और अपना वोट डालें।
Lok Sabha Election 2024: आजकल एक संदेश काफी वायरल हो रहा है, जिसमें 'चैलेंज वोट' और भारतीय नागरिकों के मतों के अधिकार की बात सोशल मीडिया पर बात की जा रही है। यह सब तब हो रहा है जब अगले हफ्ते लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर वोटिंग होगी। लोकसभा चुनाव करीब सात चरणों में होंगे और इनके नतीजे आगामी 4 जून, 2024 को आएंगे।
अब दावा क्या किया जा रहा है..
जब आप पोलिंग बूथ पर पहुंचते हैं और पाते हैं कि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो बस अपना आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र दिखाएं और धारा 49ए के तहत "चैलेंज वोट" मांगें और अपना वोट डालें।
अगर आपको लगता है कि किसी ने आपका वोट पहले ही डाल दिया है, तो "टेंडर वोट" मांगें और अपना वोट डालें। यदि किसी मतदान केंद्र पर 14 फीसदी से अधिक टेंडर वोट दर्ज किए जाते हैं, तो ऐसे मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान कराया जाएगा।
सच क्या है, आइए जानते हैं..
बात ये आती है कि अगर आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो आप अपना आधार कार्ड या वोटर आईडी दिखाएं और कहें कि धारा 49 ए के तहत उन्हें मत देने का अधिकार है और इस कारण वो मत डालने आए हैं।
हालांकि, ये भी गलत जानकारी है। अगर किसी का भी नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं है तो सीधे तौर पर वोट नहीं कर सकता है। चुनाव आयोग (ECI) उन सभी लोकसभा क्षेत्र में जिन्होंने अपने नाम दर्ज करवाएं हैं, उनका नाम मतदाता सूची में है, तो उसे वोटर आईडी पहुंचा दी है। सिर्फ इसलिए कि किसी के पास अपना मतदाता पहचान पत्र है, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें निश्चित रूप से मतदान करने की अनुमति दी जाएगी, क्योंकि यह अनिवार्य है कि मतदान करने के लिए उनका नाम मतदाता सूची में होना आवश्यक है।
अब चैलेंज वोट क्या है? संदेश में ये भी कहा कि आप चैलेंज वोट के तहत दावा करें और धारा 49 ए के तहत यह कहें..
हालांकि, मौजूद पीठासीन अधिकारीयों के लिए हैंडबुक में वास्तव में 'चुनौतीपूर्ण वोट' का उल्लेख है। इस बीच, 'चुनाव संचालन नियम, 1961' की धारा 49ए 'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के डिजाइन' का वर्णन करती है, और इसका 'चैलेंज वोट' से कोई लेना-देना नहीं है।
दूसरे स्टेटमेंट सही है, जिसमें कहा गया है कि अगर आपके वोट पहले ही डाल दिया गया है तो आप अपना वोट टेंडर वोट के अंर्तगत दे सकते हैं। यह इसलिए भी सही है क्योंकि चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 42 के अनुसार, यदि मतदान अधिकारी किसी व्यक्ति को बताता है कि उसका वोट पहले ही डाला जा चुका है, तो उसे तुरंत इसे पीठासीन अधिकारी के ध्यान में लाना चाहिए।
इस तरह के केस में पीठासीन अधिकारी से आप पूछकर अपनी पहचान की पुष्टि करें। टेंडर बैलट पेपर बिल्कुल बैलट पेपर की तरह balloting unit पर डिस्पले होता है, इसके साथ इसे टेंडरेट बैलट पेपर की संज्ञा दी जाती रही है।