Lok Sabha Election 2024: दानवीर कर्ण की भूमि मुंगेर से सियासत को साधते हैं ललन सिंह, मधु लिमये को यहीं के लोगों ने पहली बार भेजा था संसद, जानिए मुंगेर का राजनीतिक इतिहास

By एस पी सिन्हा | Published: March 4, 2024 12:45 PM2024-03-04T12:45:21+5:302024-03-04T12:50:41+5:30

बिहार में मुंगेर लोकसभा का एक महत्‍वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है। मुंगेर ने महाराष्ट्र के चर्चित समाजवादी नेता मधु लिमये को पहली बार संसद में पहुंचाया था। मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के मौजूदा सांसद जदयू के राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) हैं।

Lok Sabha Election 2024: Lalan Singh does politics from Munger, the land of Danveer Karna, the people here had sent Madhu Limaye to Parliament for the first time, know the political history of Munger | Lok Sabha Election 2024: दानवीर कर्ण की भूमि मुंगेर से सियासत को साधते हैं ललन सिंह, मधु लिमये को यहीं के लोगों ने पहली बार भेजा था संसद, जानिए मुंगेर का राजनीतिक इतिहास

फाइल फोटो

Highlightsबिहार में मुंगेर लोकसभा का वह महत्‍वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है, जिसे दानवीर कर्ण की भूमि कहा जाता हैमुंगेर ने महाराष्ट्र के चर्चित समाजवादी नेता मधु लिमये को पहली बार संसद में पहुंचाया थामुंगेर लोकसभा क्षेत्र के मौजूदा सांसद जदयू के राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) हैं

पटना:बिहार में मुंगेर लोकसभा का एक महत्‍वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है। इस संसदीय सीट का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है, वैसे मुंगेर को दानवीर कर्ण की भूमि कहा जाता है। यही नहीं महाराष्ट्र के रहने वाले चर्चित समाजवादी नेता मधु लिमये को पहली बार मुंगेर ने ही लोकसभा में पहुंचाया था। मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के मौजूदा सांसद जदयू के राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) हैं।

जदयू के माहिर खिलाड़ी ललन सिंह ग्रेजुएट हैं और वह आठ करोड़ तिरासी लाख रुपये से ज्यादा संपत्ति के मालिक हैं। वे भूमिहार जाति से आते हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। परिसीमन के बाद 2009 में मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का भूगोल बदल गया था, जिससे यह भूमिहार बहुल क्षेत्र बन गया। पिछले तीन चुनाव से इस सीट पर भूमिहार उम्मीदवार ही जीतते रहे हैं।

परिसीमन से पहले मुंगेर सीट पर यादव, राजपूत या कुशवाहा जाति के उम्मीदवार जीतते रहे थे। 2019 के चुनाव में इस सीट पर दो भूमिहार उम्मीदवारों के बीच ही लड़ाई हुई थी। भूमिहार मतदाताओं का झुकाव किसी एक ही उम्मीदवार की तरफ देखने को मिलता रहा है। 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में मुंगेर जिले से चार प्रत्याशियों ने सांसद की कुर्सी पर कब्जा जमाया था। 1957 और 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में मुंगेर जिले से दो प्रत्याशियों ने सांसद की कुर्सी पर जीत दर्ज की।

वहीं 1967 से मुंगेर लोकसभा सीट से एक ही सांसद का कोटा हो गया। मुंगेर जिला को काटकर पांच नए जिले अस्तित्व में आए। 1952 के चुनाव के वक्त मुंगेर जिला में चार लोकसभा सीट मुंगेर नॉर्थ-वेस्ट, साउथ-ईस्ट, मुंगेर सदर, जमुई एससी और मुंगेर सदर (जमुई जनरल लोकसभा) क्षेत्र शामिल थे। मुंगेर नॉर्थ-वेस्ट से सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी पंडित सुरेश चंद्रा, मुंगेर साउथ-ईस्ट से कांग्रेस प्रत्याशी मथुरा प्रसाद, मुंगेर सदर (जमुई एससी) से नयन तारा और मुंगेर सदर (जमुई जनरल) से बनारसी प्रसाद सिन्हा ने जीत का परचम लहराया था।

1957 में मुंगेर से दो लोकसभा क्षेत्रों को हटा दिया गया, वहीं 1967 में मुंगेर जिला के अंदर सिर्फ एक ही लोकसभा सीट बची, जिस पर सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी मधु लिमिये ने जीत दर्ज की थी। 1976 से मुंगेर जिले का दायरा छोटा होना शुरू हो गया था। मुंगेर जिला को बांटकर 1976 में बेगूसराय अस्तित्व में आया, वहीं 1988 में खगड़िया अस्तित्व में, 1991 में जमुई और 1994 में मुंगेर जिले से बांटकर लखीसराय और शेखपुरा जिला अस्तित्व में आया।

2019 में कुल वोटरों की संख्या 10,36,268 थी। जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 5,47,935 और महिला मतदाता 4,83,085 थीं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 54.89 फीसदी था। जदयू के ललन सिंह वोटों 5,28,762 से जीत हासिल की थी।

उल्लेखनीय है कि सन 1761 में बंगाल के नवाब मीर कासिम ने मुंगेर को बंगाल की राजधानी बनाई थी। बुजुर्गों की मानें तो मीर कासिम ने ही मुंगेर में ऐतिहासिक किले का निर्माण कराया था। इस क्षेत्र का महाभारत में मॉड-गिरि के रूप में वर्णन है। मुंगेर बंगाल के अंतिम नवाब मीर कासिम की राजधानी भी था। मीर कासिम ने गंगा नदी के किनारे किले का निर्माण कराया था जो आज भी मौजूद है।

यहीं पर स्थित कष्टहरणी घाट हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए पवित्र माना जाता है। घाट के समीप ही नदी में माता सीता चरण का मंदिर स्थित है। यहां जाने के लिए नावों का सहारा लिया जाता है। यहां का योग विश्वविद्यालय योग आश्रम के नाम मशहूर है। मुंगेर विश्‍वविद्यालय यहां का प्रमुख शैक्षिक संस्‍थान है। मीर कासिम ने ही मुंगेर में हथियार निर्माण की शुरुआत की थी। मौजूदा वक्त में मुंगेर को योग नगरी की संज्ञा दी जाती है। मुंगेर जिला के जमालपुर में एशिया का पहला और हिंदुस्तान का सबसे पुराना रेल कारखाना भी स्थापित है।

Web Title: Lok Sabha Election 2024: Lalan Singh does politics from Munger, the land of Danveer Karna, the people here had sent Madhu Limaye to Parliament for the first time, know the political history of Munger

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