Lok Sabha Election 2024 Date LIVE updates: लोकतंत्र चुनावी महासमर शुरू होने वाला है। लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा कुछ देर में होने वाली है। भारत निर्वाचन आयोग आज आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा। पूरे चरण-वार कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए पैनल दोपहर 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। वोटों की गिनती मई में होने की संभावना है। गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो जाएगा। तारीखों का ऐलान होते ही देशभर में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो जाएगी।
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 से पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में छह प्रतिशत की वृद्धि
निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस साल के लोकसभा चुनाव में लगभग 97 करोड़ भारतीय मतदान करने के पात्र होंगे। आयोग ने यह भी कहा कि 18 से 29 वर्ष की आयु के दो करोड़ से अधिक युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया है। आयोग के मुताबिक, पिछले लोकसभा चुनाव 2019 से पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उस समय 91.20 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे।
पुनरीक्षण में पारदर्शिता के साथ-साथ मतदाता सूची की शुद्धता व शुचिता पर विशेष जोर दिया
निर्वाचन आयोग ने कहा, ‘‘दुनिया में सबसे बड़ा मतदाता वर्ग-96.88 करोड़ भारत में आगामी आम चुनावों के लिए मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं।’’ आयोग ने यह भी कहा कि 2024 में लैंगिक अनुपात बढ़कर 948 हो गया है, जो 2023 में 940 था। एक अधिकारी ने बताया कि आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण में पारदर्शिता के साथ-साथ मतदाता सूची की शुद्धता व शुचिता पर विशेष जोर दिया है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने पुणे में संवाददाता सम्मेलन में हर चरण में राजनीतिक दलों की भागीदारी के साथ-साथ मतदाता सूची के पुनरीक्षण में शामिल विभिन्न कार्यों के बारे में जानकारी दी। आयोग ने कहा कि 2.63 करोड़ से अधिक नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया गया है, जिनमें से लगभग 1.41 करोड़ महिलाएं हैं।
वर्ष 2019 में, जिन मतदाताओं ने अपनी पहचान दिव्यांगजन के रूप में की थी, उनकी संख्या 45.64 लाख थी
आयोग ने यह भी रेखांकित किया कि मतदाता सूची डेटाबेस में लगभग 88.35 लाख ऐसे मतदाताओं को चिह्नित किया गया है, जो दिव्यांग हैं। आयोग ने कहा कि इस पहल से मतदान के दिन पहुंच और समावेशिता सुनिश्चित होगी। वर्ष 2019 में, जिन मतदाताओं ने अपनी पहचान दिव्यांगजन के रूप में की थी, उनकी संख्या 45.64 लाख थी।
घर-घर जाकर गहन सत्यापन के बाद, 1.65 करोड़ से अधिक मृतकों, स्थायी रूप से स्थानांतरित और दोहराव वाले मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए। आयोग ने कहा, ‘‘यह व्यापक कवायद चुनावी प्रक्रिया की अखंडता और शुद्धता सुनिश्चित करती है। इसमें 67.82 लाख मृत मतदाता, 75.11 लाख स्थायी रूप से स्थानांतरित या अनुपस्थित मतदाता और 22.05 लाख नाम दोहराव वाले मतदाता शामिल हैं।’’ आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, तृतीय लिंग के मतदाताओं की संख्या बढ़कर 48,000 से कुछ अधिक हो गई है, जो 2014 में 39.68 हजार थी।
100 वर्ष और उससे अधिक उम्र के मतदाताओं की कुल संख्या 2.38 लाख
वहीं, 18-19 और 20-29 वर्ष आयु वर्ग के दो करोड़ से अधिक युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया है। आयोग ने कहा कि 1.85 करोड़ मतदाताओं की पहचान 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के रूप में की गई है। 100 वर्ष और उससे अधिक उम्र के मतदाताओं की कुल संख्या 2.38 लाख है।
आयोग 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र वालों को वरिष्ठ नागरिक मानता है। आठ फरवरी तक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 15.30 करोड़ मतदाता हैं। लक्षद्वीप में 57,000 से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को 2023 में भेजे गए पत्र के अनुसार, 1951 में भारत में 17.32 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, 1957 में यह संख्या बढ़कर 19.37 करोड़ हो गई। पहले लोकसभा चुनाव में 45 प्रतिशत मतदान हुआ था। साल 2019 के संसदीय चुनाव में 67 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।