Lok Sabha Election 2024: "संविधान खतरे में है, चुप रहना पाप है", रालोद उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने दिया इस्तीफा, जयंत चौधरी को भाजपा के साथ जाने पर लगा भारी झटका

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 1, 2024 10:37 AM2024-04-01T10:37:38+5:302024-04-01T10:42:26+5:30

रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने लोकसभा चुनाव से पहले जयंत चौधरी द्वारा भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

Lok Sabha Election 2024: "Constitution is in danger, remaining silent is a sin", RLD Vice President Shahid Siddiqui resigns, Jayant Choudhary gets a huge blow after joining BJP | Lok Sabha Election 2024: "संविधान खतरे में है, चुप रहना पाप है", रालोद उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने दिया इस्तीफा, जयंत चौधरी को भाजपा के साथ जाने पर लगा भारी झटका

फाइल फोटो

Highlightsलोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल और जयंत चौधरी को लगा भारी झटकापार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने रालोद के एनडीए में शामिल होने को लेकर दिया इस्तीफासिद्दीकी ने कहा कि आज भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक खतरे में है, ऐसे में चुप रहना पाप है

नई दिल्ली: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत पैठ रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने लोकसभा चुनाव से पहले जयंत चौधरी के भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

शाहिद सिद्दीकी ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में कहा, "कल मैंने राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयंत सिंह को भेज दिया।"

उन्होंने कहा, “आज जब भारत का संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में है, चुप रहना पाप है। मैं जयंत जी का आभारी हूं लेकिन भारी मन से मैं राष्ट्रीय लोकदल से दूरी बनाने को मजबूर हूं।"

सिद्दीकी ने अपने इस्तीफे पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया जिसमें उन्होंने जयंत चौधरी के साथ अपने लंबे समय से जुड़ाव को स्वीकार किया और धर्मनिरपेक्षता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति रालोद प्रमुख की प्रतिबद्धता के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की।

हालांकि, उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ गठबंधन करने के पार्टी के फैसले के साथ सामंजस्य बिठाने में असमर्थता व्यक्त की और कहा कि पार्टी के ऐसे कदम से वह खुद को अलग पा रहे हैं। 

उन्होंने कहा, “अब रालोद के एनडीए का हिस्सा बनने से मैं मुश्किल में पड़ गया हूं और विकट स्थिति में हूं। मैंने अपने दिल और दिमाग में लंबे समय तक संघर्ष किया है, लेकिन खुद को भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन से जुड़ने में असमर्थ पाता हूं।

सिद्दीकी ने जयंत चौधरी से कहा, “मैं आपकी राजनीतिक मजबूरियों से अवगत हूं और आपको अन्यथा सलाह देने की स्थिति में नहीं हूं लेकिन अपनी बात करूं तो मैं इस चल रहे आरएलडी के चुनावी अभियान से खुद को अलग करने के लिए बाध्य हूं।''

मालूम हो कि आरएलडी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में उस समय शामिल हुई, जब भाजपा नीत केंद्र सरकार ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान किया।

 एनडीए में शामिल होने के बाद सीट समझौते में रालोद को खाते में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की दो सीटों आयी हैं। इससे पहले रालोद ने 2014 के संसदीय चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था वहीं 2019 में उसने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन किया था।

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