Lok Sabha Election 2024: "बालासाहेब हमें स्नेह देते थे, लेकिन उद्धव 'घर का नौकर' मानते थे", एकनाथ शिंदे का सनसनीखेज आरोप
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 8, 2024 07:55 AM2024-04-08T07:55:01+5:302024-04-08T08:13:36+5:30
एकनाथ शिंदे ने बेहद सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे उनके साथ 'घर के नौकर' जैसा व्यवहार करते थे।
मुंबई:महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते रविवार को एक बेहद सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे उनके साथ 'घर के नौकर' जैसा व्यवहार करते थे। शिंदे द्वारा जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के बाद शिवसेना का विभाजन हो गया था और आज शिवसेना का शिंदे गुट भाजाप और एनसीपी (अजित गुट) के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार शिवसेना में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे उस गुट का नेतृत्व करते हैं, जिसे चुनाव आयोग "असली" शिवसेना के रूप में मान्यता दी है। एकनााथ शिंदे ने नागपुर के रामटेक में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में उद्धव को आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, "शिवसेना के संस्थापक और उद्धव ठाकरे के पिता बालासाहेब ठाकरे हमसे बहुत स्नेह रखते थे लेकिन उद्धव इसके विपरीत हमें 'घर के नौकर' जैसा समझते थे।"
सीएम शिंदे ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी बगावत के पीछे की वजह भी खुलकर बताई। शिंदे ने कांग्रेस और एनसीपी (संयुक्त) के साथ गठबंधन करने के उद्धव के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, "मैं अलग हो गया क्योंकि पार्टी की विचारधारा से समझौता किया जा रहा था। न तो कांग्रेस और न ही एनसीपी कभी शिवसेना के वैचारिक सहयोगी थे।"
उन्होंने आगे कहा, "महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का गठन अक्टूबर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के कुछ दिनों बाद हुआ था, जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जनता ने फिर से चुना था। हालांकि, मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी, इस पर विवाद के कारण उद्धव ने लंबे समय से और वैचारिक सहयोगी रही भाजपा के साथ नाता तोड़ लिया और गद्दी के लिए कांग्रेस-एनसीपी के साथ चले गए।"
मालूम हो कि एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। उसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा से हाथ मिला लिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे। वहीं जुलाई 2023 में अजित पवार द्वारा अपने चाचा और एनसीपी के सह-संस्थापक शरद पवार के खिलाफ विद्रोह करने के बाद भाजपा-शिवसेना के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गये थे और भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस की तरह राज्य के डिप्टी सीएम बन गये थे।
बीते फरवरी में चुनाव आयोग ने एनसीपी विभाजन में अजित गुट को "असली" एनसीपी घोषित किया। वहीं दूसरी ओर उद्धव के शिवसेना गुट का नाम अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार के एनसीपी गुट का नाम एनसीपी (शरदचंद्र पवार) हो गया।
इस बीच रविवार की नागपुर बैठक में सीएम शिंदे ने लोगों से आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को वोट देने की भी अपील की ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरा कार्यकाल मिल सके। उन्होंने बाद में नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे का विवरण दो से तीन दिनों में पूरा हो जाएगा।" महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होंगे।