लोकसभा चुनावः वागड़ की रेल बिगाड़ेगी दक्षिण राजस्थान में बीजेपी का सियासी खेल?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: March 31, 2019 10:42 PM2019-03-31T22:42:31+5:302019-04-01T07:30:27+5:30

अहमदाबाद से डूंगरपुर-बांसवाड़ा हो कर रतलाम जाने के लिए एकमात्र साधन बस है, जबकि सड़को की हालत खराब है, लिहाजा रेल-हवाई सेवा के अभाव में यह यात्रा बेहद कष्टदायक होती है.

LOK SABHA ELECTION 2019: wagad rail will disturb bjp in south rajasthan | लोकसभा चुनावः वागड़ की रेल बिगाड़ेगी दक्षिण राजस्थान में बीजेपी का सियासी खेल?

लोकसभा चुनावः वागड़ की रेल बिगाड़ेगी दक्षिण राजस्थान में बीजेपी का सियासी खेल?

Highlightsअशोक गहलोत की प्रदेश सरकार ने केन्द्र के साथ समझौता करके रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर-अहमदाबाद रेल का सपना साकार करने की दिशा में कदम उठाए थे.वागड़ की रेल के मुद्दे से कम-से-कम तीन लोकसभा क्षेत्र के मतदाता प्रभावित हैं.

रतलाम को बांसवाड़ा-डूंगरपुर से होकर अहमदाबाद को जोड़ने वाली वागड़ की रेल को लेकर दक्षिण राजस्थान के मतदाता केन्द्र की पीएम मोदी सरकार से नाराज हैं. यह नाराजगी लोस चुनाव में बीजेपी का सियासी खेल बिगाड़ सकती है.

वैसे तो संपूर्ण राजस्थान का रेलवे नेटवर्क बेहद कमजोर है, लेकिन दक्षिण राजस्थान तो रेल सेवाओं के मामले में उन्नीसवीं शताब्दी में ही है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र के बांसवाड़ा जिले की एक इंच जमीन पर भी रेल की पटरी नहीं है, जबकि इस क्षेत्र के हजारों परिवार नागपुर, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद आदि शहरों में कार्यरत हैं और इनको अपने घर तक आने-जाने के लिए केवल बसों का सहारा है.

अहमदाबाद से डूंगरपुर-बांसवाड़ा हो कर रतलाम जाने के लिए एकमात्र साधन बस है, जबकि सड़को की हालत खराब है, लिहाजा रेल-हवाई सेवा के अभाव में यह यात्रा बेहद कष्टदायक होती है.

अशोक गहलोत की सरकार ने उठाया था कदम 

पिछली बार अशोक गहलोत की प्रदेश सरकार ने केन्द्र के साथ समझौता करके रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर-अहमदाबाद रेल का सपना साकार करने की दिशा में कदम उठाए थे, किन्तु इसके बाद आई वसुंधरा राजे सरकार ने आते ही वागड़ की रेल को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया. कारण? न तो केन्द्र की पीएम मोदी सरकार और न ही प्रदेश सरकार इस रेल लाइन के लिए आवश्यक पैसा देने को तैयार थी. 

इस मुद्दे को लेकर स्थानीय भाजपा सांसद ने भी कई प्रयास किए, किन्तु कोई नतीजा नहीं निकला. इस क्षेत्र की जनता इस बात से नाराज है कि केन्द्र के पास बुलेट ट्रेन के लिए तो पैसा है, लेकिन वागड़ की रेल के लिए सरकारी खजाना खाली है.

देश की आजादी के पहले से वागड़ में रेल की मांग चल रही थी. कितनी सरकार्रें आइं और गईं लेकिन रेल योजना को हरी झंडी नहीं मिली. एक्कीसवीं सदी में उन्नीसवीं सदी का सपना थोड़ा आगे बढ़ा और हकीकत के धरातल पर उतरता नजर आया कि 2017 तक वागड़ के दिल में रेल की धड़कन सुनाई देगी, लेकिन 2017 गुजर जाने के बाद भी  यदि रेल का सपना, सपना ही बना हुआ है, तो राजनीतिक जानकार इसका प्रमुख कारण- केन्द्र की पीएम मोदी सरकार की इस क्षेत्र के प्रति उपेक्षा और उदासीनता को मानते हैं.

वागड़ की रेल के मुद्दे से कम-से-कम तीन लोकसभा क्षेत्र के मतदाता प्रभावित हैं. इन मतदाताओं की नाराजगी दक्षिण राजस्थान में हार-जीत की गणित को प्रभावित जरूर करेगी.

Web Title: LOK SABHA ELECTION 2019: wagad rail will disturb bjp in south rajasthan