क्या अलग राह अपनाएंगे बागी तेज प्रताप: जानें जहानाबाद से RJD उम्मीदवार सुरेंद्र यादव से क्यों हैं नाराज

By निखिल वर्मा | Published: April 2, 2019 11:47 AM2019-04-02T11:47:56+5:302019-04-02T11:47:56+5:30

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। महागठबंधन में आरजेडी 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि आरा सीट उसने भाकपा-माले के लिए छोड़ी है।

lok sabha election 2019 Tej Pratap Yadav floats Lalu Rabri Morcha in Bihar know about jehanabad rjd candidate surendra yadav | क्या अलग राह अपनाएंगे बागी तेज प्रताप: जानें जहानाबाद से RJD उम्मीदवार सुरेंद्र यादव से क्यों हैं नाराज

तेजप्रताप ने कहा है कि तेजस्वी यादव पूरी तरह से अपने चाटुकारों से घिर गए हैं।  

Highlightsतेजप्रताप बिहार की महुआ विधानसभा से विधायक हैं। महागठबंधन की सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा मिला था।सारण जिला अंतर्गत पड़ने वाली परसा विधानसभा सीट से राजद विधायक चंद्रिका राय को आरजेडी ने लोकसभा उम्मीदवार बनाया है।

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बिहार में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बागी रुख अपना लिया है। तेज प्रताप यादव ने अपनी मां राबड़ी देवी से सारण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का आग्रह करके तेजस्वी यादव के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। 

इस सीट से आरजेडी ने तेजप्रताप के ससुर चंद्रिका राय को उम्मीदवार बनाया है। तेज प्रताप ने कहा है कि अगर सारण से उनकी मां नहीं लड़ती हैं तो वह इस सीट से निर्दलीय लड़ेंगे। उन्होंने सोमवार को लालू-राबड़ी मोर्चा का गठन भी किया है। 

क्यों खफा हुए तेज प्रताप 

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। महागठबंधन में आरजेडी 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि आरा सीट उसने भाकपा-माले के लिए छोड़ी है। तेज प्रताप अपने दो करीबी सहयोगियों जहानाबाद से चंद्र प्रकाश और शिवहर लोकसभा सीट से अंगेश को राजद द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के लिए दबाव बना रहे हैं।  उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो 20 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।  तेजप्रताप ने कहा है कि 24 अप्रैल को जहानाबाद से चंद्रप्रकाश नामांकन दाखिल करेंगे। 

जहानाबाद से लगातार दो बार हार चुके हैं सुरेंद्र यादव

जहानाबाद संसदीय सीट से आरजेडी ने विधायक सुरेंद्र यादव को टिकट दिया है। सुरेंद्र यादव इस सीट से एक बार 1998 में लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद उन्हें 1999, 2009 और 2014 लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।

जहानाबाद से ही आरजेडी के पूर्व विधायक डॉक्टर मुनिलाल यादव सवाल उठाते हैं, लगातार दो चुनाव हारने वाले सुरेंद्र यादव को टिकट क्यों दिया गया? वो कहते हैं है कि यादव बहुल क्षेत्र होने के बावजूद सुरेंद्र यादव पार्टी को यह सीट जिताने में नाकाम रहे हैं।

तेज प्रताप के सहयोगी चंद्र प्रकाश के बारे में मुनिलाल कहते हैं, वो पढ़े लिखे युवा हैं। शहर में उनका बीएड कॉलेज भी है। चंद्र प्रकाश राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता चंद्रप्रकाश जिले के सबसे पुराने राजनीतिज्ञों में से एक प्रो. चंद्रिका यादव के सबसे छोटे पुत्र हैं। चंद्रिका यादव ने आपातकाल के बाद 1997 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर संसदीय चुनाव लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। चंद्रिका यादव का कुछ दिनों का नाता जेडीयू से भी रहा है।

जहानाबाद के घोसी विधानसभा के रहने वाले हरेंद्र यादव कहते हैं, सुरेंद्र यादव की छवि यहां बाहुबली की है। वो कहते हैं, हमारा परिवार आरजेडी को वोट करता है। इस बार पार्टी को सुरेंद्र यादव की जगह की किसी नए चेहरे को मौका देना चाहिए। मुनिलाल यादव भी कहते हैं, पहले जनता बाहुबली को अपना नेता आसानी स्वीकार कर लेती थी लेकिन आज का युवा पढ़ा-लिखा है। उसे यह सब पसंद नहीं।  

जहानाबाद में आरजेडी मजबूत

जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- अरवल, कुरथा, जहानाबाद, घोसी, अतरी और मकदूमपुर। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 4 आरजेडी ने, जबकि 2 सीटें जेडीयू ने जीतीं।

क्या अलग राह अपनाएंगे तेजप्रताप?

तेजप्रताप बिहार की महुआ विधानसभा से विधायक हैं। महागठबंधन की सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा मिला था। पटना के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर कहते हैं, लालू प्रसाद यादव पहले ही अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं। तेजप्रताप बड़े बेटे हैं, उन्हें पार्टी में अपने लिए सम्मान चाहिए। बिहार में आज भी आरजेडी का वोटबैंक लालू यादव का ही है। पार्टी से अलग राह चलकर तेजप्रताप कभी प्रभावी नहीं होंगे।

तेजप्रताप ने हमेशा खुद को कृष्ण जबकि छोटे भाई तेजस्वी को अर्जुन बताते रहे हैं। हालांकि सोमवार को अलग मोर्चा का ऐलान करने के वक्त उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव पूरी तरह से अपने चाटुकारों से घिर गये हैं।  एक प्रश्न का उत्तर देते हुए तेज प्रताप ने कहा कि राजद नेतृत्व को यह महसूस करना होगा कि बिहार में राजग सरकार के खिलाफ व्यापक आक्रोश है जिसकी फसल हमें काटनी है। हमें लोगों को नाराज नहीं करना चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि दोनों जहानाबाद और शिवहर में अपने मोर्चे के तहत चुनावी मैदान में उतरेंगे।

सारण से चुनाव लड़ने की तैयारी में तेजप्रताप

सारण जिला अंतर्गत पड़ने वाली परसा विधानसभा सीट से राजद विधायक चंद्रिका राय को आरजेडी ने लोकसभा उम्मीदवार बनाया है। उनकी बेटी ऐश्वर्या की पिछले साल मई में तेज प्रताप के साथ शादी हुई थी। हालांकि बाद में शादी के छह महीने से कम समय के भीतर तलाक की याचिका दायर की गयी थी। 

सारण लोकसभा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने आखिरी बार वर्ष 2009 में यहां से जीत दर्ज की थी। चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए जाने पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 2014 में लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सारण सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी से हार गईं थीं। 

चंद्रिका राय ने उनकी उम्मीदवारी की उनके दामाद द्वारा विरोध किए जाने को नकारते हुए कहा था “वह पार्टी के स्टार प्रचारकों में से एक हैं। वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो राजद के हितों के लिए हानिकारक हो।' तेजप्रताप की मांग पर लोकमत ने आरजेडी सांसद जयप्रकाश यादव से बात की। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप की मांग पर बिहार प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्व ही कुछ कहेंगे।

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