लोकसभा चुनाव: प्रियंका चतुर्वेदी का राजनीतिक सफर, मीडिया पीआर, कांग्रेस प्रवक्ता से शिवसेना तक
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 19, 2019 05:41 PM2019-04-19T17:41:28+5:302019-04-19T18:15:43+5:30
प्रियंका ने अपने करियर की शुरुआत मीडिया पीआर और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी एमपॉवर कंसल्टेंट्स से बतौर डायरेक्टर की थी।
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। टीवी डिबेट शो में कांग्रेस का बेबाकी से पक्ष रखने वाली पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने इस्तीफा देकर शिवसेना में शामिल हो गईं। उन्होंने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेजा।
इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट के बायो से भी कांग्रेस प्रवक्ता वाली लाइन हटा ली है। 19 नवंबर 1979 को मुंबई में जन्मी प्रियंका चतुर्वेदी के परिवार का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई, जुहू के सेंट जोसफ हाई स्कूल से हुई है और उन्होंने मुंबई के नरसी मोंजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से कॉमर्स में स्नातक किया है।
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करियर की शुरुआत मीडिया पीआर इवेंट मैनेजमेंट से
प्रियंका ने अपने करियर की शुरुआत मीडिया पीआर और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी एमपॉवर कंसल्टेंट्स से बतौर डायरेक्टर की थी। वह प्रयास चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं, जो दो स्कूल चलाता है और यहां 200 से ज्यादा गरीब बच्चों की शिक्षा व्यवस्था देखी जाती है। प्रियंका के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2010 में हुई, जब उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की। 2012 में उन्हें उत्तर-पश्चिमी मुंबई के भारतीय युवा कांग्रेस का जनरल सेक्रेटरी का पदभार सौंपा गया। 2010 में प्रियंका आईएसबी की 10,000 महिला उद्यमियों के लिए सर्टिफिकेट प्रोग्राम में प्रतिभागी के तौर पर शामिल थीं। यह गोल्डमैन सैक्स फाउंडेशन द्वारा चलाया जा रहा एक प्रोग्राम था।
सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं प्रियंका
प्रियंका चतुर्वेदी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। वह ट्विटर पर कांग्रेस की नीतियों का बचाव करने के लिए जानी जाती हैं। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने 2013 में उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया। प्रवक्ता के तौर पर प्रियंका अक्सर ही बड़े-बड़े टीवी चैनलों की डिबेट में कांग्रेस की तरफ से बोलती देखी गई हैं। यही नहीं प्रियंका कांग्रेस में रणदीप सुरजेवाला द्वारा नेतृत्व किए जाने वाले संचार विभाग की सदस्य भी रही हैं।
वह भाजपा और नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचक हैं। 2015 में यूके हाईकमिशन और कॉमनवेल्थ पारलियामेंट्री एसोसिएशन लंदन द्वारा चुने गए डेलिगेशन में प्रियंका भी शामिल थीं। वहां जाकर प्रियंका ने लंदन के लोकतंत्र का अध्ययन किया। प्रियंका 2016 में टॉप 10 भारतीय महिला राजनेताओं की लिस्ट में भी शुमार थीं।
ट्विटर पर भी प्रियंका को अच्छा समर्थन मिला
ट्विटर पर भी प्रियंका को अच्छा समर्थन मिला। पिंकू शुक्ला नामक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया कि बहुत दुखद है कि प्रियंका जैसी कर्मठ और मेहनती महिला के साथ भेदभाव हो रहा है। राहुल गांधी समझ नहीं रहे कि आचार्य प्रमोद जैसे व्यक्ति की जगह इनको ही टिकट दे देते। आप बगावत करो हम लोग आपके साथ हैं। विवेक रंजन अग्निहोत्री ने लिखा कि वे लोकसभा टिकट का लायक थीं। चौकीदार योगिता ने लिखा- प्रियंका जी हम आपके साथ हैं, एक मुंबईकर होने के नाते और उर्मिला मातोंडकर के चुनाव क्षेत्र में होने के कारण इस साल मेरा पूरा परिवार उर्मिला को वोट नहीं देगा। हम आपके इस अपमान का बदला लेंगे।
पायल भयाना ने प्रियंका पर ही कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस समय समय मणिशंकर अय्यर ने मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था, तब आपने उनका बचाव किया था। अंशु नामक व्यक्ति ने परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि टिकट न मिलने की इस दुखद घड़ी में हम आपके साथ हैं प्रियंका जी। भारतीय बनो किसी खानदान के गुलाम नहीं। खैर छोड़ो। सुखी रहो।
मैं मुंबई में पली बढ़ी हूंः प्रियंका
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना ज्वाइन की। इस मौके पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं मुंबई में पली बढ़ी हूं। पिछले कुछ दिनों से मुंबई से कट गई थी, लेकिन अब मैं वापस यहां जुड़ना चाहती हूं। मैंने लौटने का मन बनाया तो इस संगठन के अलावा कोई और संगठन ध्यान में नहीं आया। महिला सम्मान बहुत बड़ा मुद्दा है। मैंने आत्मसम्मान के लिए पार्टी छोड़ी। बदसलूकी से नाराज होकर मैंने कांग्रेस छोड़ी। मैंने सब सोच-समझा और इसके बाद शिवसेना में जुड़ने का फैसला किया।
मैंने यह जाना कि कौन से मुद्दे मेरी प्राथमिकता हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रियंका का शिवसेना में स्वागत है। वह ना केवल मुंबई और महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश में वे शिवसेना के लिए काम करेंगी। मैंने कांग्रेस को 10 साल दिए। मथुरा से टिकट मांगने के सवाल पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैंने टिकट नहीं मांगा था, बल्कि वहां मेरे मामा का घर है।