लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में 'महागठबंधन' में फंसा पेच, 'एकला चलो' की राह पर वामपंथी दल तो कांग्रेस-RJD के बीच 'ऑल इज नॉट वेल'
By एस पी सिन्हा | Published: March 12, 2019 11:45 PM2019-03-12T23:45:04+5:302019-03-12T23:45:04+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में सभी सीटों पर सात चरणों में चुनाव होने हैं। चुनाव की घोषणा के बाद बिहार में महागठबंधन का पेच फंस गया है। सूत्रों की अगर मानें तो बिहार में कांग्रेस को 11 सीटें दिये जाने का प्रस्ताव है. वहीं, राजद 17 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद भी बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में फॉमूला तय नही हो पा रहा है. वैसे इस उधेड़बुन के बीच अब सभी नेताओं ने दिल्ली का रूख किया है. संभव है कि सीटों को लेकर अंतिम निर्णय वहां हो जाये. सीट बटवारे को लेकर महागठबंधन में पेच फंसा हुआ है. वहीं कांग्रेस और राजद के बीच 'ऑल इज नॉट वेल' वाली स्थिति नजर आ रही है.
वैसे सूत्रों की अगर मानें तो बिहार में कांग्रेस को 11 सीटें दिये जाने का प्रस्ताव है. वहीं, राजद 17 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. लेकिन कांग्रेस नेता बिहार में 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहते हैं. वहीं, राजद भी 20 से 21 सीटों से कम पर तैयार नहीं है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि बिहार में राजद सर्वाधिक 17 सीटों पर चुनाव लडे़गी.
वहीं, कांग्रेस के खाते में औरंगाबाद, सासाराम, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेतिया, मुंगेर और किशनगंज सीटें आई हैं. महागठबंधन की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी को तीन सीटें, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को दो सीटें और वाम दलों को एक सीट दिये जाने की बात कही गई है. वैसे राजद ने महागठबंधन की ओर से वामपंथी दलों को एकमात्र आरा लोकसभा सीट ऑफर की है, जिसे बिना वक्त गंवाए वामपंथी दलों ने खारिज कर दिया है.
'एकला चलो' की राह पर वामपंथी दल
इस बीच वामपंथी दलों ने 'एकला चलो' की राह अख्तियार करने का मन बना लिया है. भाकपा ने तो बाकायदा चयनित छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तक तय कर दिए हैं. जबकि माकपा ने उजियारपुर लोकसभा सीट पर चुनावी तैयारी तेज कर दी है. हालांकि भाकपा- माले ने अभी अपना पता नहीं खोला है पर उसने भी महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने पर सात-आठ सीटों पर उम्मीदवार देने का फैसला किया है. महागठबंधन में अपने को कम आंके जाने से वामपंथी दल के नेता नाराज हो गए हैं. ऊपर से कांग्रेस का रुख भी वामपंथी नेताओं को असहज कर रहा है. यदि सप्ताह भर में महागठबंधन में सीट बंटवारे का मामला नहीं सुलझा तो वामपंथी दल अपने सीटों व उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देंगे.
माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि महागठबंधन में माकपा को दरकिनार करके सीट बटवारे पर वामदल समझौता नहीं करेंगे. वहीं, भाकपा- माले के सचिव कुणाल भी मानते हैं कि कई दौर की बातचीत के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी है. वैसे महागठबंधन से चुनावी करार नहीं हुआ तो वामपंथी दल एकजुटता के साथ चुनाव लडेंगे और इसकी तैयारी भी है.
सीट शेयरिंग पर जल्द आएगा फैसला
इस बीच हम को केवल दो सीट दिये जाने की तैयारी पर हम महासचिव संतोष मांझी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा ऐसा नहीं है. सीट शेयरिंग और टिकट बंटवारे पर जल्द ही फैसला आएगा. जीतन राम मांझी के बेटे संतोष ने सीट शेयरिंग के मसले पर कहा कि उन्होंने इसे आगामी 14 तारीख को होने वाली पार्टी की बैठक पर छोड़ दिया है. सीट शेयरिंग में कोई पेंच नहीं फंसा है. जल्द ही नामों का ऐलान कर दिया जाएगा.
इसके लिए महागठबंधन में काम तेजी से चल रहा है. महागठबंधन में 2 सीटों पर चुनाव लडने की बात पर संतोष ने कहा कि हमारी पार्टी का जनाधार इतना कमजोर भी नहीं कि हम दो सीटों पर चुनाव लडे. फिलहाल, हम महागठबंधन की जीत के लिए तैयारी में जुटी हुई है. वहीं, सीट कम मिलने की संभावना के बीच कांग्रेस नेता व विधायक सदानंद सिंह ने कहा है कि हम राजद के बिना अकेले चुनाव लड़ सकते हैं.
आरजेडी-कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं
वहीं, राजद ने भी कांग्रेस पर करारा प्रहार किया है और कहा कि कांग्रेस के इसी आचरण के कारण वह यूपी में महागठबंधन से बाहर हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि हमारे नेता राहुल गांधी सबल हैं और उनके नेतृत्व में कांग्रेस तेजी से मजबूत हो रही है. यूपी में हमलोग किसी के मोहताज नहीं रहे तो बिहार में भी हम किसी के आसरे नहीं हैं. सदानन्द सिंह के बयान पर राजद ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने यूपी में गलत किया तो उसे खामियाजा भुगतना पडा है. पार्टी के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि अगर कांग्रेस किसी की मोहताज नहीं है तो राजद भी अकेले चुनाव लड़ सकती है.