लोकसभा चुनाव: बीजेपी के गढ़ राजकोट में बीजेपी-कांग्रेस के बीच असल लड़ाई, कृषि संकट सबसे ज्वलंत मुद्दा
By भाषा | Published: April 11, 2019 02:18 PM2019-04-11T14:18:54+5:302019-04-11T14:18:54+5:30
सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित राजकोट लोकसभा क्षेत्र के लिए आम चुनाव 2019 का ज्वलंत मुद्दा कृषि और किसान संकट है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के मेलजोल वाली यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। पिछले सात चुनावों में से छह बार यह सीट भगवा पार्टी के हिस्से में आयी है। हालांकि इस बार कांग्रेस सत्तारूढ़ दल को कड़ी चुनौती देने की कोशिश में जुटी है।
यहां मुख्य मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद मोहन कुंदरिया और कांग्रेस प्रत्याशी व विधायक ललित कगथारा के बीच है। केन्द्र ने हाल ही में राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित करने की घोषणा की है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने भी हाल ही में यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की मंजूरी दी है। इसके लिए जमीन राज्य सरकार ने आवंटित की है।
राजकोट सीट से भाजपा उम्मीदवार धनसुख भंडारी का कहना है, 'मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने राजकोट के लिए जो किया है वह कांग्रेस 60 साल में नहीं कर सकी। शहर को एम्स और अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा मिलने वाला है। सौनी योजना से पेयजल की समस्या हल हो गई है।'
भंडारी का दावा है कि राजकोट सीट इस बार भी भगवा पार्टी के खाते में आएगी। उन्होंने दावा किया है कि सीट के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को बढ़त मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बारिश कम होने के बाद ग्रामीण राजकोट के बड़े हिस्से को सूखा प्रभावित घोषित कर किसानों को राहत पहुंचाई है। फसल बीमा प्रीमियम के तहत उसने 2,600 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
गौरतलब है कि राजकोट लोकसभा क्षेत्र में बड़ा हिस्सा ग्रामीण है और किसान तथा कृषि संकट यहां ज्वलंत मुद्दा है। इन्हीं मुद्दों को उठाते हुए कांग्रेस ने दावा किया है कि भाजपा सरकार सूखा प्रभावित किसानों को फसली बीमा मुहैया कराने में असफल रही है।