लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने में सबसे आगे ममता बनर्जी और नवीन पटनायक, भाजपा-कांग्रेस बहुत पीछे

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 24, 2019 03:12 PM2019-04-24T15:12:36+5:302019-04-24T15:12:36+5:30

तृणमूल कांग्नेस ने पश्चिम बंगाल में अपने 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए हैं, वहीं बीजद ने ओडिशा की 33 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारा है। भाजपा ने अब तक महज 12.5 फीसदी और कांग्रेस ने 13.5 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए।

lok sabha election 2019 Giving a boost to women participation in the parliament, two regional parties in India — Biju Janata Dal (BJD) of Odisha and Trinamool Congress (TMC) of West Bengal — have each reserved over one-third of the seats in the upper hous | लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने में सबसे आगे ममता बनर्जी और नवीन पटनायक, भाजपा-कांग्रेस बहुत पीछे

नवीन पटनायक-ममता बनर्जी सबसे आगे। अन्य दल महिलाओं को 33 आरक्षण की बात संसद में करते लेकिन लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट नहीं देते

Highlightsभाजपा और कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भले ही महिलाओं को आरक्षण दिए जाने पर जोर देते हैं लेकिन टिकट देने में वह पीछे रह जाते हैं।तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से 17 पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।बीजू जनता दल के सुप्रीमो नवीन पटनायक ने राज्य के 21 लोकसभा सीट में से 7 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है।

लोकसभा चुनाव 2019 में हर दल के नेता महिला सुरक्षा पर बात कर रहे हैं। संसद भवन में 33 फीसदी महिला आरक्षण की बात करते हैं। लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टिकट देने में परहेज करते हैं। 

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक सबसे आगे।  भाजपा और कांग्रेसलोकसभा चुनाव में भले ही महिलाओं को आरक्षण दिए जाने पर जोर देते हैं लेकिन टिकट देने में वह पीछे रह जाते हैं।  

संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का अपने घोषणा-पत्र में वादा करने वाली भाजपा और कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने के मामले में क्षेत्रीय दलों से भी पीछे हैं। भाजपा ने अब तक महज 12.5 फीसदी और कांग्रेस ने 13.5 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए हैं। 

इस मामले में सबसे आगे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजू जनता दल (बीजद) हैं। तृणमूल ने पश्चिम बंगाल में अपने 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए हैं, वहीं बीजद ने ओडिशा की 33 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारा है। 

ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में पार्टी की ओर से एक-तिहाई महिला प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया। यह भारतीय राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का संकेत है। सीएम पटनायक ने उसे पूरा किया। सीएम पटनायक ने पंचायत में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। ओडिशा विधानसभा ने नवंबर 2018 में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को पारित किया था।

बंगाल लोकसभा में ममता ने दिए 40 फीसदी सीट

महिलाओं को टिकट देने के मामले में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी सबसे आगे। पार्टी ने पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से 17 पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने अब तक  437 प्रत्याशी घोषित किए, जिसमें 55 महिलाओं को टिकट दिए। भाजपा के संकल्प पत्र में 32 बार महिलाओं का जिक्र है। कांग्रेस ने अब तक 404 प्रत्याशी घोषित किए, जिसमें 55 महिलाएं हैं। कांग्रेस के घोषणा-पत्र में महिलाओं से जुड़े मुद्दों का 19 बार जिक्र है। 

ओडिशा में लोकसभा की 21 सीट, 7 सीट पर महिला प्रत्याशी 

बीजू जनता दल के सुप्रीमो नवीन पटनायक ने राज्य के 21 लोकसभा सीट में से 7 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। आसिका लोकसभा से प्रमिला बिशोई, जगतसिंहपुर से राजश्री मलिक, भद्रक से मंजुलता मंडल, जाजपुर से शर्मिष्ठा सेठी, केन्दुझर से चंद्राणी मुर्मू, सुन्दरगढ़ से सुनीता विश्वाल, कोरापुट से कौशल्या हिक्का को उम्मीदवार बनाया है। मौजूदा समय में ओडिशा से तीन महिलाएं लोकसभा सांसद हैं। बीजद ने 2014 में 21 में से 20 सीटों पर कब्जा किया। 

लोकसभा में 13 फीसदी, पाक-बांग्लादेश से पीछे

अंतर-संसदीय संघ के आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा में केवल 13 फीसदी महिला सदस्य हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर संसद के निम्न सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 18 फीसदी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश भी संसद में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने में कहीं आगे हैं। पाक और बांग्लादेश की संसद में क्रमश: 20 फीसदी और 21 फीसदी महिला सांसद हैं।

2014 में भी सबसे आगे तृणमूल कांग्रेस 

2014 में भाजपा ने 8 फीसदी और कांग्रेस ने 11 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए थे। 2014 लोकसभा चुनाव में कुल 8251 प्रत्याशी थे। इनमें 668 (8 फीसदी) महिलाएं थीं। 62 महिलाएं संसद पहुंचीं, जो कुल सांसदों का 11. 2 फीसदी थीं। भाजपा ने 428 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें 38 टिकट (8.8 फीसदी) महिलाओं को दिए थे। कांग्रेस ने 464 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। इनमें 60 सीटों (12.9 फीसदी) पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था। तृणमूल कांग्रेस ने पिछली बार भी अपने 45 में से 15 टिकट (33 फीसदी) महिलाओं को दिए थे।

नीतीश कुमार, अखिलेश यादव और मायावती पीछे

बिहार देश का पहला राज्य, जिसने पंचायत में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने पीछे रह गए। उत्तर प्रदेश में भी बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में टिकट देने में कंजूसी किए। राजद, माकपा, भाकपा, टीडीपी, एआईएडीएमके, डीएमके, शिवसेना भी टिकट देने में पीछे है। 

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