लोकसभा चुनाव: 282 सीटों पर पहली बार वोट देने वाले युवा होंगे 'निर्णायक', बंगाल सहित बिहार और यूपी अहम
By विनीत कुमार | Published: March 4, 2019 10:51 AM2019-03-04T10:51:05+5:302019-03-04T10:59:35+5:30
आंकड़ों के अनुसार लोकसभा चुनाव-2019 में करीब 8.1 करोड़ नये वोटर होंगे और ये बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
इस बार लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव में 29 राज्यों में कम से कम 282 सीटें ऐसी हैं जहां पहली बार वोट देने वाले युवा बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। सीटों की ये संख्या सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत से भी ज्यादा है। दिलचस्प ये है कि इन सीटों पर पहली बार वोट देने वाले युवाओं की जो संख्या होगी, वह 2014 में इन सीटों पर जीत के अंतर से भी ज्यादा होगी।
आंकड़ों के अनुसार ऐसे वोटरों की संख्या 2014 में पहली बार वोट देनें वाले युवाओं से ज्यादा होगी। ये ऐसे वोटर हैं जिनका जन्म 1997 से 2001 के बीच हुआ और वे इसलिए पिछले बार हुए आम चुनाव में वोट देने के योग्य नहीं थे।
इंडियन एक्सप्रेस ने चुनाव आयोग के डाटा के विश्लेषण के आधार पर यह जानकारी दी है। अखबार के एक अनुमान के मुताबिक बताया है कि इस बार हर लोक सभा क्षेत्र में औसतन 1.49 लाख ऐसे वोटर होंगे जो पहली बार मतदान करेंगे और यह संख्या 2014 में 297 सीटों पर जीत अंतर से ज्यादा है। वैसे, इनमें से कई ऐसे वोटर हो सकते हैं जिन्होंने 2014 के बाद किसी विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग किया हो लेकिन बतौर लोकसभा चुनाव ये उनके लिए वोट डालने का पहला मौका होगा।
8 करोड़ से ज्यादा होंगे नये वोटर
आंकड़ों के अनुसार लोकसभा चुनाव-2019 में करीब 8.1 करोड़ नये वोटर होंगे। बाबरी मस्जिद गिराये जाने और मंडल कमिशन के तहत लागू हुए आरक्षण और इन विवादों के बाद एक तरह से यह पहली इतनी बड़ी संख्या में वह पीढ़ी है जो आम चुनाव में हिस्सा लेगी। जिन 282 सीटों पर पहली बार वोट देने वाले युवा बड़ी भूमिका निभा सकते हैं उनमें 217 सीटें बड़े राज्यों से हैं।
आंकड़ों के मुताबिक इसमें पश्चिम बंगाल की 32 सीटें, बिहार की 29 सीटें, उत्तर प्रदेश की 24 सीटें, कर्नाटक और तमिलनाडु की 20-20 सीटें, राजस्थान और केरल की 17-17 सीटें हैं। साथ ही झारखंड की भी 13, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की 12-12, मध्य प्रदेश की 11 और असम की 10 सीटें हैं। राजस्थान मे आवेदनों की पड़ताल और भौतिक सत्यापन के बाद के बाद मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन में कुल 8 लाख, 6 हजार, 364 नए मतदाताओं का नाम जोड़ा गया है।
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का गणित हमेशा से अहम रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में नये वोटरों को देखें तो ये औसत संख्या 1.15 लाख से जरूर ज्यादा है। हालांकि, ये औसत संख्या असल में 2014 के औसत जीत अंतर (1.86 लाख) से कम है। वैसे यह भी देखना होगा कि 2014 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े थे जबकि इस बार दोनों एक साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।